1 “अब मैं तुम्हें बताऊँगा कि हारून और उसके पुत्र मेरी सेवा विशेष रूप में करते हैं, यह दिखाने के लिए तुम्हें क्या करना चाहिए। एक दोष रहित बछड़ा और दो दोष रहित मेढ़े लाओ।
1 “अब उन्हें पवित्र करने के लिए जो कार्य तुझे उनके संबंध में करना है कि वे मेरे लिए याजक के रूप में कार्य करें, वह यह है : एक निर्दोष बछड़ा और दो निर्दोष मेढ़े लेना;
तुमने अपने मध्य में से प्रभु के पुरोहितों को हारून के वंशजों और लेवी वंशीय उप-पुरोहितों को निकाल दिया, और उनके स्थान पर मनमाने पुरोहित नियुक्त कर लिए, जैसे अन्य जातियां करती हैं। जो भी आदमी पुरोहित बनने के लिए एक बैल और सात मेढ़े लेकर तुम्हारे पास आता है, तुम उसका अभिषेक कर देते हो, और वह बछड़े की मूर्तियों का पुरोहित बन जाता है, जो ईश्वर नहीं है!
क्योंकि प्रभु ने छ: दिन में आकाश, पृथ्वी, समुद्र एवं उन सबको बनाया, जो उनमें हैं, तथा सातवें दिन विश्राम किया। अत: प्रभु ने विश्राम दिवस को आशीष दी, और उसे पवित्र घोषित किया।
‘तू इस्राएली लोगों के मध्य से अपने भाई हारून को तथा उसके साथ उसके पुत्रों, नादब, अबीहू, एलआजर और ईतामर को अर्पित करने के उद्देश्य से अपने पास लाना कि वे मेरे लिए पुरोहित का कार्य करें।
तू उन सब बुद्धियुक्त कारीगरों से, जिनको मैं बुद्धि की आत्मा से परिपूर्ण करूँगा, कहना कि वे हारून के लिए पोशाक बनाएं कि वह पवित्र होकर मेरे लिए पुरोहित का कार्य करे।
तू ये वस्त्र अपने भाई हारून, और उसके साथ उसके पुत्रों को पहनाना। तत्पश्चात् उनका अभ्यंजन करना। उन्हें पुरोहित-पद पर अभिषिक्त करना। उन्हें पवित्र करना कि वे मेरे लिए पुरोहित का कार्य करें।
तू वेदी के रक्त का कुछ अंश और अभ्यंजन का तेल लेकर हारून तथा उसकी पोशाक पर, उसके पुत्रों एवं उनकी पोशाक पर छिड़कना। तब हारून तथा उसकी पोशाक, उसके पुत्र एवं उनकी पोशाक शुद्ध हो जाएंगी।
और जो व्यक्ति पाप करता है, यदि वह अभ्यंजित पुरोहित है, तो वह प्रजा को भी दोषी बनाता है। ऐसा व्यक्ति अपने पाप के लिए, जो उसने किया है, प्रभु को एक निष्कलंक बछड़ा पाप-बलि के रूप में चढ़ाएगा।
वह अपनी दोष-बलि के रूप में रेवड़ में से एक निष्कलंक मेढ़ा पुरोहित के पास प्रभु के सम्मुख लाएगा। मेढ़ा उतने ही मूल्य का होगा जितना पुरोहित दोष-बलि का निश्चित करेगा।
जिस दिन हारून और उसके पुत्र प्रभु के लिए पुरोहित का कार्य करने के लिए अर्पित किए गए, उसी दिन से प्रभु को अग्नि में अर्पित बलि में से उनका यह भाग पवित्र किया गया है।