हारून-वंशीय ये पुरोहित प्रतिदिन सबेरे और सन्ध्या समय प्रभु के लिए अग्नि-बलि चढ़ाते हैं, सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाते हैं। वे कुन्दन की मेज पर भेंट की रोटी रखते हैं। वे स्वर्ण दीपाधार के दीये नियमित रूप से सन्ध्या समय जलाते हैं। इस प्रकार हम अपने प्रभु परमेश्वर के आदेश का पालन करते हैं; किन्तु तुमने उसको त्याग दिया।
हारून और उसके पुत्र मिलन-शिविर के अन्त:पट के बाहर, जो साक्षी-मंजूषा के सामने है, दीप को सन्ध्या से सबेरे तक प्रभु के सम्मुख सजा कर रखें। यह सदा के लिए संविधि होगी, जिसका पालन इस्राएली समाज पीढ़ी से पीढ़ी तक करता रहेगा।
उसने मुझसे पूछा, ‘तुम्हें क्या दिखाई दे रहा है?’ मैंने बताया, ‘एक दीवट है। वह पूर्णत: सोने का है। उसके शिखर पर एक कटोरा है। कटोरे पर सात दीपक हैं। प्रत्येक दीपक में बत्ती के लिए सात नालियाँ हैं।
मैं उनकी आँखें खोलने के लिए, उन्हें अन्धकार से ज्योति की ओर उन्मुख करने के लिए, अर्थात् शैतान की शक्ति से विमुख हो परमेश्वर की ओर अभिमुख करने के लिए, तुझे उनके पास भेज रहा हूं, जिससे वे मुझ में विश्वास करने के कारण अपने पापों की क्षमा पाएं और पवित्र किए हुए भक्तों के बीच स्थान प्राप्त कर सकें।’
जिन सात तारों को तुमने मेरे दाहिने हाथ में देखा, उनका और सोने के सात दीपाधारों का रहस्य इस प्रकार है : सात तारे सात कलीसियाओं के दूत हैं और सात दीपाधार सात कलीसियाएँ हैं।
वहाँ फिर कभी रात नहीं होगी। उन्हें दीपक या सूर्य के प्रकाश की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि प्रभु परमेश्वर उन्हें आलोकित करेगा और वे युग-युगों तक राज्य करेगे।