गिनती 6:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)5 ‘समर्पण-व्रत की अवधि में उसके सिर पर उस्तुरा नहीं फेरा जाएगा। जिस अवधि के लिए उसने स्वयं को प्रभु के हेतु समर्पित किया है, जब तक वह अवधि पूर्ण न हो जाए तब तक वह पवित्र रहेगा। वह अपने सिर के केश बढ़ने देगा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल5 “उस अलगाव के काल में उस व्यक्ति को अपने बाल नहीं काटने चाहिए। उस व्यक्ति को उस समय तक पवित्र रहना चाहिए जब तक अलगाव का समय समाप्त न हो। उसे अपने बालों को लम्बे होने देना चाहिए। उस व्यक्ति के बाल, परमेस्वर को दिए गये उसके वचन का एक विशेष भाग हैं। वह उन बालों को परमेस्वर के लिए भेंट के रुप में देगा। इसलिए वह व्यक्ति अपने बालों को तब तक लम्बा होने देगा जब तक अलगाव का समय समाप्त न होगा। अध्याय देखेंHindi Holy Bible5 फिर जितने दिन उसने न्यारे रहने की मन्नत मानी हो उतने दिन तक वह अपने सिर पर छुरा न फिराए; और जब तक वे दिन पूरे न हों जिन में वह यहोवा के लिये न्यारा रहे तब तक वह पवित्र ठहरेगा, और अपने सिर के बालों को बढ़ाए रहे। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)5 “फिर जितने दिन उसने न्यारे रहने की मन्नत मानी हो उतने दिन तक वह अपने सिर पर छुरा न फिराए; और जब तक वे दिन पूरे न हों, जिनमें वह यहोवा के लिये न्यारा रहे, तब तक वह पवित्र ठहरेगा, और अपने सिर के बालों को बढ़ाए रहे। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल5 “ ‘जब तक उसके संकल्प का समय है, उसके सिर पर उस्तरा न फेरा जाएगा. जिस समय के लिए उसने संकल्प किया है वह याहवेह के लिए अलग तथा पवित्र बना रहेगा; वह अपने बाल लंबे होते जाने देगा. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20195 “फिर जितने दिन उसने अलग रहने की मन्नत मानी हो उतने दिन तक वह अपने सिर पर छुरा न फिराए; और जब तक वे दिन पूरे न हों जिनमें वह यहोवा के लिये अलग रहे तब तक वह पवित्र ठहरेगा, और अपने सिर के बालों को बढ़ाए रहे। (प्रेरि. 21:23, 24:2) अध्याय देखें |
अत: उसने अपने हृदय का सारा भेद दलीलाह पर प्रकट कर दिया। शिमशोन ने उससे कहा, ‘मेरे सिर पर उस्तरा कभी नहीं फिरा, क्योंकि मैं मां के गर्भ से ही परमेश्वर को समर्पित नाज़ीर हूँ। यदि मेरे सिर के बाल मूँड़े जाएँगे तो मेरी शक्ति मुझ में से निकल जाएगी। मैं शक्तिहीन हो जाऊंगा। मैं साधारण आदमी के समान हो जाऊंगा।’
उसने प्रभु से यह स्पष्ट मन्नत मानी, ‘हे स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, यदि तू अपनी सेविका के दु:ख पर निश्चय ही दृष्टि करेगा, मेरी सुधि लेगा, अपनी सेविका को नहीं भूलेगा, और मुझे, अपनी सेविका को एक पुत्र प्रदान करेगा तो मैं उसे जीवन भर के लिए तुझ-प्रभु की सेवा में अर्पित कर दूँगी। उसके सिर पर उस्तरा कभी नहीं फेरा जाएगा।’