2 ‘तू इस्राएली समाज को आदेश दे कि वे अपनी पैतृक अधिकार की भूमि में से लेवियों को निवास के लिए नगर प्रदान करें। तुम लेवियों को उन नगरों के आस-पास चरागाह की भूमि भी देना।
2 “इस्राएल के लोगों से कहो कि उन्हें अपने हिस्से के देश में से कुछ नगर लेवीवंशियों को देना चाहिए। इस्राएल के लोगों को नगर और उसके चारों ओर की चरागाहें लेविवंशियों को देनी चाहिए।
2 “इस्राएलियों को यह आदेश दे देना कि वे अपनी मीरास में से अपने निज भाग की भूमि में से लेवियों को दे दें, कि वे उनमें रह सकें. तुम लेवियों को नगरों के आस-पास चराइयां भी दे दोगे.
दाऊद ने इस्राएली राष्ट्र की सम्पूर्ण धर्मसभा से यह कहा, ‘यदि यह कार्य आपको अच्छा लगे, और यदि हमारे प्रभु परमेश्वर की यह इच्छा हो, तो आओ हम एक आदेश जारी करें, और समस्त इस्राएली राष्ट्र में शेष रह गए अपने भाई-बन्धुओं को, और उनके साथ पुरोहितों और उप-पुरोहितों को निमन्त्रण भेजें कि वे हमारे पास एकत्र हों। वे चरागाह के नगरों में रहते हैं।
हारून-वंशीय पुरोहितों को उनका अंश देने के लिए अनेक नगरों में विशेष व्यक्तियों को उनके नाम से अंकित कर नियुक्त किया गया था। हारून-वंशीय पुरोहित अपने-अपने नगर के चारागाहों में रहते थे। ये व्यक्ति हारून-वंशीय परिवारों के पुरोहितों तथा सब लेवीय उप-पुरोहितों को, जिनके नाम नामावली में लिखे गए थे, उनका निर्धारित अंश देते थे।
लेवियों की पैतृक भूमि और नगर की विशेष भूमि भी शासक के भूमि-भाग के बीचोंबीच होगी। इस्राएल देश के शासक का भूमि-भाग यहूदा और बिन्यामिन कुल-क्षेत्रों की सीमा के बीच होगा।
‘यहूदा के भूमिक्षेत्र से लगा हुआ पूर्व से पश्चिम तक का भूमिक्षेत्र एक विशेष भाग होगा, जिसे तुम अलग करोगे। यह साढ़े बारह किलोमीटर चौड़ा, और पूर्व से पश्चिम तक किसी एक कुल के भूमिक्षेत्र के बराबर लम्बा होगा। पवित्र-स्थान इसी के बीच में होगा।