जब तक प्रभु तुम्हारे भाई-बन्धुओं को भी तुम्हारे समान शान्ति-स्थल नहीं प्रदान करेगा और वे उस प्रदेश को अपने अधिकार में नहीं कर लेंगे जो तुम्हारा प्रभु परमेश्वर उन्हें यर्दन नदी के उस पार प्रदान कर रहा है। तत्पश्चात् तुम में से प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने अधिकार-क्षेत्र को, जो मैंने उसे प्रदान किया है, लौट आएगा।”