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गिनती 23:27 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

27 बालाक ने बिल्‍आम से कहा, ‘आओ, मैं तुम्‍हें दूसरे स्‍थान पर ले जाऊंगा। सम्‍भवत: यह परमेश्‍वर की दृष्‍टि में उचित प्रतीत हो कि तुम वहाँ से मेरे लिए उन्‍हें श्राप दो।’

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पवित्र बाइबल

27 तब बालाक ने बिलाम से कहा, “इसलिए तुम मेरे साथ दूसरे स्थान पर चलो। सम्भव है कि परमेश्वर प्रसन्न हो जाये और तुम्हें उस स्थान से शाप देने दे।”

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Hindi Holy Bible

27 बालाक ने बिलाम से कहा चल, मैं तुझ को एक और स्थान पर ले चलता हूं; सम्भव है कि परमेश्वर की इच्छा हो कि तू वहां से उन्हें मेरे लिये शाप दे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

27 बालाक ने बिलाम से कहा, “चल, मैं तुझ को एक और स्थान पर ले चलता हूँ; सम्भव है कि परमेश्‍वर की इच्छा हो कि तू वहाँ से उन्हें मेरे लिये शाप दे।”

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सरल हिन्दी बाइबल

27 तब बालाक ने बिलआम से विनती की, “कृपा कर आइए, मैं आपको एक दूसरी जगह पर ले चलूंगा. हो सकता है यह परमेश्वर को ठीक लगे और आप मेरी ओर से उन्हें शाप दे दें.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

27 बालाक ने बिलाम से कहा, “चल मैं तुझको एक और स्थान पर ले चलता हूँ; सम्भव है कि परमेश्वर की इच्छा हो कि तू वहाँ से उन्हें मेरे लिये श्राप दे।”

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गिनती 23:27
12 क्रॉस रेफरेंस  

किन्‍तु वह अपनी बात का पक्‍का है, उसे कौन मोड़ सकता है? वह अपनी इच्‍छा के अनुसार कार्य करता है।


मनुष्‍य अपने मन में अनेक योजनाएं बनाता है; परन्‍तु प्रभु का अभिप्राय स्‍थिर रहता है।


प्रभु के विरुद्ध मनुष्‍य की न बुद्धि, न समझ और न सम्‍मति टिक पाती है।


जब सेनाओं के प्रभु ने यह निश्‍चय किया है तो उसके निश्‍चय को कौन बदल सकता है? जब उसने अपना हाथ बढ़ा दिया है तो कौन उसे मोड़ सकता है?


‘मैं अपरिवर्तनीय प्रभु हूं: इसलिए ओ याकूब के वंशजो, तुम अब तक जीवित हो।


अब कृपाकर, तुम आओ और मेरे हेतु इन लोगों को श्राप दो; क्‍योंकि ये मुझसे अधिक शक्‍तिशाली हैं। तब कदाचित् मैं इन्‍हें पराजित कर सकूंगा, और अपने देश से बाहर निकाल सकूंगा। यह मैं जानता हूं, जिस व्यक्‍ति को तुम आशिष देते हो, वह आशिष से परिपूर्ण हो जाता है, और जिस व्यक्‍ति को श्राप देते हो, वह श्रापित होता है।’


बालाक ने उससे कहा, ‘आओ, मेरे साथ दूसरे स्‍थान को चलो जहाँ से तुम उन्‍हें देख सकते हो। यहाँ से तुम निकतवर्ती लोगों को ही देख सकते हो, उन सबको नहीं। तुम वहाँ से मेरे लिए उन्‍हें श्राप देना।’


किन्‍तु बिल्‍आम ने बालाक को उत्तर दिया, ‘क्‍या मैंने आपसे यह नहीं कहा था, “जो कुछ प्रभु मुझसे कहेगा, वही मैं करूंगा” ?’


अत: बालाक बिल्‍आम को पओर की चोटी पर ले गया, जो मरुस्‍थल की ओर झुकी है।


क्‍योंकि परमेश्‍वर न तो अपने वरदान वापस लेता और न अपना आह्‍वान टाल देता है।


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