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गिनती 19:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

13 मृत व्यक्‍ति को, किसी भी मनुष्‍य के शव को स्‍पर्श करनेवाला व्यक्‍ति जो स्‍वयं को शुद्ध नहीं करता, प्रभु के निवास-स्‍थान को अपवित्र करता है। ऐसा व्यक्‍ति इस्राएली समाज में से नष्‍ट किया जाएगा। उस पर विशुद्धीकरण का जल नहीं छिड़का गया था, इसलिए वह अशुद्ध है, उसकी अशुद्धता अब तक उसमें है।

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पवित्र बाइबल

13 यदि कोई व्यक्ति किसी शव को छूता है, तो वह व्यक्ति अशुद्ध है। यदि वह व्यक्ति अशुद्ध रहता है और तब पवित्र तम्बू में जाता है तो पवित्र तम्बू अशुद्ध हो जाता है। इसलिए उस व्यक्ति को इस्राएल के लोगों से अलग कर दिया जाना चाहिए। यदि अशुद्ध व्यक्ति पर विशेष जल नहीं डाला जाता तो वह व्यक्ति अशुद्ध रहेगा।

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Hindi Holy Bible

13 जो कोई किसी मनुष्य की लोथ छूकर पाप छुड़ाकर अपने को पावन न करे, वह यहोवा के निवासस्थान का अशुद्ध करने वाला ठहरेगा, और वह प्राणी इस्त्राएल में से नाश किया जाए; अशुद्धता से छुड़ाने वाला जल उस पर न छिड़का गया, इस कारण वह अशुद्ध ठहरेगा, उसकी अशुद्धता उस में बची रहेगी।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

13 जो कोई किसी मनुष्य का शव छूकर पाप छुड़ाकर अपने को पावन न करे, वह यहोवा के निवास–स्थान का अशुद्ध करनेवाला ठहरेगा, और वह प्राणी इस्राएल में से नष्‍ट किया जाए; अशुद्धता से छुड़ानेवाला जल उस पर न छिड़का गया, इस कारण वह अशुद्ध ठहरेगा, उसकी अशुद्धता उसमें बनी रहेगी।

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सरल हिन्दी बाइबल

13 कोई भी जब किसी मरे हुए व्यक्ति की देह को छू लेता है और शुद्ध होने की प्रक्रिया पूर्ण नहीं करता, वह याहवेह के मिलनवाले तंबू को अपवित्र करता है; ऐसे व्यक्ति को इस्राएल से निकाल दिया जाए. इसलिये कि उस पर अपवित्रता से छुड़ानेवाले जल का छिड़काव नहीं किया गया था, वह अपवित्र ही रहेगा, उस पर उसकी अपवित्रता बनी हुई है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

13 जो कोई किसी मनुष्य का शव छूकर पाप छुड़ाकर अपने को पावन न करे, वह यहोवा के निवास-स्थान का अशुद्ध करनेवाला ठहरेगा, और वह मनुष्य इस्राएल में से नाश किया जाए; क्योंकि अशुद्धता से छुड़ानेवाला जल उस पर न छिड़का गया, इस कारण वह अशुद्ध ठहरेगा, उसकी अशुद्धता उसमें बनी रहेगी।

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गिनती 19:13
27 क्रॉस रेफरेंस  

जो कोई इसके सदृश सम्‍मिश्रण तैयार करेगा, अथवा किसी अपुरोहित को उसमें से देगा तो वह अपने समाज में से नष्‍ट किया जाएगा।” ’


दुर्जन को उसके दुष्‍कर्म ही उखाड़ फेंकते हैं, पर धार्मिक मनुष्‍य अपनी सत्‍यनिष्‍ठा के कारण आश्रय पाता है।


शव के स्‍पर्श से अशुद्ध होने के दिन से सात दिन तक वह अशुद्ध रहेगा। तत्‍पश्‍चात् वह शुद्ध हो जाएगा।


‘इस प्रकार तुम इस्राएली समाज को उनकी अशुद्धता से अलग रखना; ऐसा न हो कि वे मेरे निवास-स्‍थान को, जो उनके मध्‍य में है, अशुद्ध करें और अपनी अशुद्धता के कारण मर जाएं।’


यदि किसी ने मेरे पवित्र-स्‍थान को अशुद्ध और मेरे पवित्र नाम को अपवित्र करके अपनी सन्‍तान मोलेक देवता को दी, तो मैं स्‍वयं ऐसे व्यक्‍ति से विमुख होऊंगा और उसके लोगों के मध्‍य से उसे नष्‍ट करूँगा।


उनसे कहना : यदि तुम्‍हारी पीढ़ी से पीढ़ी में तुम्‍हारा कोई वंशज अशुद्ध दशा में उन पवित्र वस्‍तुओं के निकट आएगा जिनको इस्राएली लोग मुझ प्रभु को चढ़ाते हैं, तो वह व्यक्‍ति मेरे सम्‍मुख से नष्‍ट किया जाएगा। मैं प्रभु हूँ।


हारून के वंश का कोई व्यक्‍ति, जो कुष्‍ठ-जैसे रोग से पीड़ित अथवा स्राव-ग्रस्‍त है, जब तक वह शुद्ध न हो जाए तब तक पवित्र वस्‍तुएं नहीं खाएगा। जो शव के कारण अथवा मनुष्‍य के वीर्यपात के कारण अशुद्ध होता है, उसका स्‍पर्श करने वाला


‘यदि कोई व्यक्‍ति पाप करे, वह उन कार्यों में से किसी कार्य को करे जिन्‍हें प्रभु ने मना किया, यद्यपि वह यह नहीं जानता है, तो भी दोषी होगा और उसे अपने अधर्म का भार स्‍वयं वहन करना पड़ेगा।


अथवा यदि वह किसी अशुद्ध मनुष्‍य को स्‍पर्श करता है, चाहे वह अशुद्धता किसी भी प्रकार की हो, जिसको स्‍पर्श कर व्यक्‍ति अशुद्ध हो जाता है, और उससे यह बात छिपी रहती है तो जब उसे यह ज्ञात होगा तब वह दोषी हो जाएगा।


जो पाप उसने किया है, उसके कारण वह प्रभु के सम्‍मुख अपनी दोष-बलि लाएगा। वह पाप-बलि के लिए रेवड़ में से एक मादा मेमना अथवा बकरी लाएगा। पुरोहित उस व्यक्‍ति के हेतु उसके पाप के निमित्त प्रायश्‍चित्त करेगा।


किन्‍तु यदि कोई प्रभु को अर्पित सहभागिता बलि के पशु का मांस खाता है और वह अशुद्ध है तो वह व्यक्‍ति भी अपने लोगों के मध्‍य से नष्‍ट किया जाएगा।


यदि कोई व्यक्‍ति अशुद्ध वस्‍तु का स्‍पर्श करता है, फिर चाहे वह मनुष्‍य की अशुद्धता हो, अथवा अशुद्ध पशु या कोई घृणित तथा अशुद्ध वस्‍तु हो, और प्रभु को अर्पित सहभागिता-बलि के पशु का मांस खाता है तो वह व्यक्‍ति भी अपने लोगों के मध्‍य से नष्‍ट किया जाएगा।’


यदि कोई व्यक्‍ति, चाहे वह देशी हो अथवा प्रवासी, जान-बूझकर पाप करता है, तो वह मुझ-प्रभु की निन्‍दा करता है। वह अपने लोगों में से नष्‍ट किया जाएगा।


‘जब किसी मनुष्‍य की मृत्‍यु तम्‍बू में होती हो, तब उसकी यह व्‍यवस्‍था है : उस तम्‍बू में प्रवेश करने वाला प्रत्‍येक व्यक्‍ति अथवा वे सब व्यक्‍ति जो तम्‍बू के भीतर हैं, सात दिन तक अशुद्ध रहेंगे।


तब कोई शुद्ध व्यक्‍ति जूफा लेगा और उसको जल में डुबाकर तम्‍बू पर, उसकी सब वस्‍तुओं पर और उन मनुष्‍य पर जो वहाँ थे, जल छिड़क देगा। वह उस मनुष्‍य पर भी जल छिड़क देगा, जिसने मृतक की अस्‍थि को, तलवार से मारे गए या स्‍वाभाविक मृत्‍यु से मरे हुए व्यक्‍ति को अथवा कबर को स्‍पर्श किया है।


वह शुद्ध व्यक्‍ति तीसरे दिन और सातवें दिन अशुद्ध मनुष्‍य पर जल छिड़केगा। इस प्रकार वह उन्‍हें सातवें दिन शुद्ध करेगा। वे अपने वस्‍त्र धोएंगे और जल से स्‍नान करेंगे। तब वे सन्‍ध्‍या तक शुद्ध हो जाएंगे।


‘किन्‍तु जो व्यक्‍ति अशुद्ध है, यदि वह स्‍वयं को शुद्ध नहीं करेगा तो ऐसा व्यक्‍ति धर्मसभा के मध्‍य से नष्‍ट किया जाएगा, क्‍योंकि उसने प्रभु के पवित्र-स्‍थान को अपवित्र किया है। उस पर विशुद्धीकरण का जल नहीं छिड़का गया, इसलिए वह अशुद्ध है।


एक शुद्ध व्यक्‍ति कलोर की राख को एकत्र करेगा, और उसको पड़ाव के बाहर शुद्ध स्‍थान में जमा कर देगा। वह इस्राएली मंडली के विशुद्धीकरण जल के लिए पाप-निवारण के हेतु रखी जाएगी।


तू उनको शुद्ध करने के उद्देश्‍य से यह कार्य करना : उन पर पाप-विशुद्धीकरण का जल छिड़कना। तत्‍पश्‍चात् वे अपने सम्‍पूर्ण शरीर पर उस्‍तरा फिराएंगे, अपने वस्‍त्र धोएंगे, और इस प्रकार स्‍वयं को शुद्ध करेंगे।


किन्‍तु वह व्यक्‍ति जो शुद्ध है और यात्रा पर नहीं है, फिर भी पास्‍का का पर्व नहीं मनाता है, तो वह अपने लोगों से नष्‍ट किया जाएगा; क्‍योंकि उसने प्रभु का चढ़ावा उसके निर्धारित समय पर नहीं चढ़ाया। वह अपने पाप का भार स्‍वयं वहन करेगा।


इसलिए मैंने तुम से कहा कि तुम अपने पापों में मर जाओगे। यदि तुम विश्‍वास नहीं करते कि ‘मैं वह हूँ’ तो तुम अपने पापों में मर जाओगे।”


तो आप लोग विचार करें कि जो व्यक्‍ति परमेश्‍वर के पुत्र का तिरस्‍कार करता है, विधान के उस रक्‍त को तुच्‍छ समझता है जिस के द्वारा वह पवित्र किया गया था, और अनुग्रह के आत्‍मा का अपमान करता है, तो ऐसा व्यक्‍ति कितने घोर दण्‍ड के योग्‍य समझा जायेगा;


वे बाह्य नियम हैं जो खान-पान एवं नाना प्रकार की शुद्धीकरण-विधियों से सम्‍बन्‍ध रखते हैं और पुनर्निर्माण के युग के आगमन तक ही लागू हैं।


लेकिन कायरों, अविश्‍वासियों, नीचों, हत्‍यारों, व्‍यभिचारियों, ओझों, मूर्तिपूजकों और हर प्रकार के मिथ्‍यावादियों का अंत यह होगा − धधकती आग और गन्‍धक के कुण्‍ड में द्वितीय मृत्‍यु!”


अधर्मी अब अधर्म करता रहे, कलुषित व्यक्‍ति कलुषित ही बना रहे; लेकिन धर्मी धार्मिक आचरण और सन्‍त पवित्रता की साधना करता जाये।”


कुत्ते, ओझे, व्‍यभिचारी, हत्‍यारे, मूर्तिपूजक, असत्‍य से प्रेम करनेवाले और मिथ्‍याचारी बाहर ही रहेंगे।


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