20 तुम अन्न इकट्ठा करोगे और इसे आटे के रूप में पीसोगे और उसे रोटी बनाने के लिए गूँदोगे। फिर उस आटे की पहली रोटी को यहोवा को अर्पित करोगे। वह ऐसी अन्नबलि होगी जो खलिहान से आती है।
20 अपने पहिले गूंधे हुए आटे की एक पपड़ी उठाई हुई भेंट करके यहोवा के लिये चढ़ाना; जैसे तुम खलिहान में से उठाई हुई भेंट चढ़ाओगे वैसे ही उसको भी उठाया करना।
20 अपने पहले गूँधे हुए आटे की एक पपड़ी उठाई हुई भेंट करके यहोवा के लिये चढ़ाना; जैसे तुम खलिहान में से उठाई हुई भेंट चढ़ाओगे वैसे ही उसको भी उठाया करना।
20 अपने पहले गुँधे हुए आटे की एक पपड़ी उठाई हुई भेंट करके यहोवा के लिये चढ़ाना; जैसे तुम खलिहान में से उठाई हुई भेंट चढ़ाओगे वैसे ही उसको भी उठाया करना।
हम यह भी प्रतिज्ञा करते हैं कि अपने गूंधे हुए आटे का प्रथम अंश, अपनी भेंटें, प्रत्येक वृक्ष का प्रथम फल, अंगूर-रस और तेल का प्रथम भाग, अपने परमेश्वर के भवन के कक्षों में पुरोहितों को देंगे। हम अपने खेतों की फसल का दशमांश उपपुरोहित को देंगे; क्योंकि उपपुरोहित ही हमारे सब नगरों में यह दशमांश एकत्र करते हैं।
सब प्रकार की प्रथम उपज में से सर्वोत्तम उपज, मुझे चढ़ाई गई सब प्रकार की भेंटों पर पुरोहितों का हक होगा। तुम नए अन्न का पहिला गूंधा हुआ आटा भी पुरोहित को देना जिससे तुम्हारे घर पर आशिष की वर्षा हो।
‘यदि तू प्रभु को प्रथम फल की अन्न-बलि चढ़ाएगा, तो अपनी प्रथम फल की अन्न-बलि के लिए हरी बालों को मींजकर नए दाने निकालना, और उन्हें अग्नि में भूंजकर चढ़ाना।
‘इस्राएली समाज से कहना, तू उनसे यह कहना : जब तुम उस देश में प्रवेश करोगे जो मैं तुम्हें दे रहा हूँ और उसकी फसल काटोगे, तब फसल के प्रथम फल का एक पूला पुरोहित के पास लाना।
पुरोहित उनको प्रभु के सम्मुख प्रथम फल की रोटियों के साथ लहर-बलि के लिए लहराएगा। वह रोटियों के साथ उन दो मेमनों को भी लहराएगा। वे प्रभु के लिए पवित्र माने जाएंगे, और पुरोहित का भाग होंगे।
तब अपने प्रभु परमेश्वर के सम्मुख उस स्थान में, जिसको वह अपना नाम प्रतिष्ठित करने के लिए चुनेगा, तू अपने अन्न, अंगूर के रस और तेल का दशमांश तथा गाय-बैल और भेड़-बकरी के पहिलौठे का मांस खाना, जिससे तू अपने प्रभु परमेश्वर की सदा भक्ति करना सीखेगा।
ये वे लोग हैं जो मूर्तिपूजा के संसर्ग से दूषित नहीं हुए हैं, ये कुँवारे हैं। जहाँ कहीं भी मेमना जाता है, ये उसके साथ चलते हैं। परमेश्वर और मेमने के लिए प्रथम फल के रूप में इन्हें मनुष्यों में से खरीदा गया है।