पुरोहित यहोयादा का एक पुत्र था − जकर्याह। परमेश्वर का आत्मा उस पर उतरा और वह एक ऊंचे स्थान पर खड़ा होकर लोगों से कहने लगा, ‘परमेश्वर यों कहता है: तुम मेरी आज्ञाओं का उल्लंघन क्यों करते हो? इस कारण तुम्हारा कोई भी काम सफल नहीं होता है। तुमने मुझ-प्रभु को छोड़ दिया, इसलिए मैंने भी तुमको छोड़ दिया।’
वहां से भी तू खाली हाथ लौटेगी, सिर पकड़ कर रोती हुई। क्योंकि जिन पर तूने भरोसा किया है, उनको मुझ-प्रभु ने तिरस्कृत कर दिया है। उनकी सहायता से तेरा काम सफल नहीं होगा।
वह मुझे बन्दी बनाकर बेबीलोन ले जाएगा। जब तक प्रभु मेरी सुधि न लेगा, मैं वहां बन्दी रहूंगा। तुम यह भी कहते हो, “यह प्रभु की वाणी है।” यद्यपि मैं कसदी सेना के आक्रमण का मुकाबला करूंगा तो भी मुझे सफलता नहीं मिलेगी?’ तब प्रभु की ओर से यह सन्देश नबी यिर्मयाह को मिला।
परन्तु प्रभु ने मुझ से कहा, “तू उनसे यह कह : पहाड़ी प्रदेश पर मत चढ़ो, और न युद्ध ही करो; क्योंकि मैं तुम्हारे मध्य नहीं हूं। ऐसा न हो कि तुम अपने शत्रुओं से पराजित हो जाओ।”