31 हमने यरूशलेम के लिए पहले महीने की बारहवीं तारीख को अहवा नदी के तट से प्रस्थान किया। परमेश्वर की कृपा-दृष्टि हम पर थी, उसने मार्ग में शत्रुओं के हाथ से तथा लुटेरों से हमारी रक्षा की।
31 पहले महीने के बारहवें दिन हम लोगों ने अहवा नदी को छोड़ा और हम यरूशलेम की ओर चल पड़े। परमेश्वर हम लोगों के साथ था और उसने हमरी रक्षा शत्रओं और डाकुओं से पूरे मार्ग भर की।
31 पहिले महीने के बारहवें दिन को हम ने अहवा नदी से कूच कर के यरूशलेम का मार्ग लिया, और हमारे परमेश्वर की कृपादृष्टि हम पर रही; और उसने हम को शत्रुओं और मार्ग पर घात लगाने वालों के हाथ से बचाया।
31 पहले महीने के बारहवें दिन को हम ने अहवा नदी से कूच करके यरूशलेम का मार्ग लिया, और हमारे परमेश्वर की कृपादृष्टि हम पर रही; और उस ने हम को शत्रुओं और मार्ग पर घात लगानेवालों के हाथ से बचाया।
31 इसके बाद हमने पहले महीने की बारहवीं तारीख को अहावा नदी के तट के पड़ाव से येरूशलेम के लिए कूच किया. हम पर परमेश्वर की कृपादृष्टि बनी हुई थी, तब उन्होंने शत्रुओं एवं मार्ग में घात लगाए हुए डाकुओं से हमारी रक्षा की.
31 पहले महीने के बारहवें दिन को हमने अहवा नदी से कूच करके यरूशलेम का मार्ग लिया, और हमारे परमेश्वर की कृपादृष्टि हम पर रही; और उसने हमको शत्रुओं और मार्ग पर घात लगाने वालों के हाथ से बचाया।
प्रभु, तूने सम्राट और उसकी मंत्री-परिषद के समक्ष, सम्राट के शक्तिशाली अधिकारियों के सम्मुख मुझ पर करुणा की वर्षा की। मुझे बल प्राप्त हुआ, क्योंकि, हे प्रभु, मेरे परमेश्वर, तेरा वरदहस्त मुझ पर था। तेरी ही कृपा से मैं अपने साथ यरूशलेम जाने के लिए इस्राएली जाति के प्रमुख व्यक्तियों को एकत्र कर सका।
उसने उस वर्ष के पहले महीने की पहली तारीख को बेबीलोन से प्रस्थान किया था, और वह पांचवें महीने की पहली तारीख को यरूशलेम नगर पहुंचा था; क्योंकि प्रभु परमेश्वर की कृपा-दृष्टि उस पर थी।
मैंने इनको अहवा नगर जानेवाली नहर के तट पर एकत्र किया। हम वहां तीन दिन तक ठहरे रहे। जब मैंने लोगों तथा पुरोहितों का निरीक्षण किया, तब मुझे लेवी वंश का एक भी उप-पुरोहित नहीं मिला।
‘तुम अपनी मां-यरूशलेम के दर्शन करोगे, और तुम्हारा हृदय हर्ष से भर जाएगा; तुम्हारी हड्डियाँ हरी घास की तरह लहलहा उठेंगी। तब तुम्हें ज्ञात होगा कि प्रभु का वरदहस्त अपने सेवकों पर रहता है, पर उसका क्रोध अपने शत्रुओं के प्रति भड़क उठता है।’
किन्तु मैं परमेश्वर की सहायता से आज तक दृढ़ रहा और छोटे-बड़े, सब के सामने साक्षी देता रहा। जिन बातों के विषय में नबियों ने और मूसा ने भविष्यवाणी की है, उन से अधिक मैं कुछ नहीं कहता।