यरूशलेम में परमेश्वर के भवन में वापस लौटने के दूसरे वर्ष के दूसरे महीने में जरूब्बाबेल बेन-शालतीएल तथा येशुअ बेन-योसादाक ने अपने भाई-बन्धुओं, सहयोगी पुरोहितों, उपपुरोहितों और उन सब इस्राएलियों के साथ, जो निष्कासन से यरूशलेम वापस आए थे, भवन के पुनर्निर्माण का कार्य आरम्भ किया। उन्होंने बीस वर्ष से अधिक आयु के लेवीय उपपुरोहितों को प्रभु-भवन के निरीक्षण-कार्य का दायित्व सौंपा।
जब सम्राट अर्तक्षत्र के पत्र की प्रतिलिपि रहूम, लिपिक शिमशई और उनके सहयोगियों को पढ़कर सुनाई गई, तब वे तुरन्त यरूशलेम के यहूदियों के पास गए, और उन्होंने बलपूर्वक और शक्ति प्रयोग से उनका निर्माण-कार्य रोक दिया।
उन्होंने जरूब्बाबेल, येशुअ तथा पितृकुलों के मुखियों के उद्देश्य को विफल करने के लिए फारस के क्षत्रपों को घूस दी। अत: फारस के सम्राट कुस्रू के शासन-काल में प्रभु का भवन पुन: निर्मित न हो सका, और फारस के सम्राट दारा के शासन-काल तक निर्माण-कार्य रुका रहा।
तब हग्गय और जकर्याह बेन-इद्दो नामक नबियों ने यरूशलेम और यहूदा प्रदेश के यहूदियों को इस्राएली कौम के परमेश्वर के नाम से, जो उनका प्रभु था, सन्देश दिया।
किन्तु परमेश्वर की कृपा-दृष्टि यहूदी धर्म-वृद्धों पर थी, अत: राज्यपाल तत्तनई, शत्तबोर्जनई तथा उनके सहयोगियों ने यहूदियों को प्रभु का भवन बनाने से नहीं रोका। पर उन्होंने फारस के सम्राट को इस बात की सूचना दी। और दारा ने पत्र भेजकर उन्हें इस सम्बन्ध में उत्तर दिया।
नबी हग्गय तथा जकर्याह बेन-इद्दो की उत्साहवर्धक नबूवत से प्रेरणा प्राप्त कर यहूदी समाज के धर्मवृद्धों ने प्रभु का भवन बनाया, और यों वे अपने कार्य में सफल हुए। उन्होंने इस्राएली कौम के परमेश्वर की आज्ञा से तथा फारस देश के सम्राट कुस्रू, दारा और अर्तक्षत्र के आदेशों के अनुसार प्रभु के भवन का निर्माण-कार्य पूरा किया।
अतएव मैंने दूतों के हाथ से यह उत्तर भेजा, ‘मैं एक महत्वपूर्ण काम में व्यस्त हूं। अत: मैं नहीं आ सकता। यदि मैं अपना यह काम छोड़कर तुमसे भेंट करने जाऊंगा, तो मेरा यह महत्वपूर्ण काम रुक जाएगा।’
वस्तुत: वे हमें डराना चाहते थे। वे यह सोचते थे : ‘डर के मारे उनके हाथ-पैर ठण्डे पड़ जाएंगे और निर्माण-कार्य बन्द हो जाएगा।’ पर, हे परमेश्वर, तू मेरे हाथ मजबूत कर!
“अब मैं तुझे सत्य के दर्शन कराऊंगा। देख, फारस साम्राज्य में तीन नए सम्राट उदित होंगे, पर एक और सम्राट उदित होगा। यह चौथा सम्राट अन्य तीनों सम्राटों से अधिक धनवान होगा। जब वह अपने धन के बल पर शक्तिशाली हो जाएगा, तब वह यूनान राज्य के विरोध में अन्य राज्यों को भड़काएगा।
दानिएल, इसलिए तू यह बात जान और इसको समझ कि जिस क्षण यरूशलेम नगर के पुनर्निर्माण और उसको पुन: बसाने की आज्ञा प्रसारित की जाएगी, उस समय से लेकर ‘अभिषिक्त’, जो “नेता’ भी है, के आगमन के समय तक वर्षों के सात सप्ताह होंगे। तब वर्षों के बासठ सप्ताहों तक संकट काल आएगा। इस संकट-काल में नगर पुन: निर्मित होगा। उसके चौक पुन: बनेंगे और खाई फिर खोदी जाएगी।
जरूब्बाबेल बेन-शालतिएल यहूदा प्रदेश का राज्यपाल था। यहोशुअ बेन-योसादक महापुरोहित था। सम्राट दारा का शासन-काल था। उसके शासन के दूसरे वर्ष के छठे महीने की पहली तारीख को प्रभु का संदेश नबी हग्गय के माध्यम से जरूब्बाबेल और यहोशुअ को मिला:
‘अपने हृदय में विचार करो: आगे क्या होगा? जिस दिन मुझ-प्रभु के मन्दिर की नींव डाली गई थी, उस दिन से, अर्थात् नवें महीने की चौबीसवीं तारीख से, आगे की स्थिति पर विचार करो।