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उत्पत्ति 34:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

1 एक दिन लिआ की पुत्री दीना, जिसको उसने याकूब से जन्‍म दिया था, कनान देश की कन्‍याओं से भेंट करने गई।

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पवित्र बाइबल

1 दीना लिआ और याकूब की पुत्री थी। एक दिन दीना उस प्रदेश की स्त्रियों को देखने के लिए बाहर गई।

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Hindi Holy Bible

1 और लिआ: की बेटी दीना, जो याकूब से उत्पन्न हुई थी, उस देश की लड़कियों से भेंट करने को निकली।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

1 एक दिन लिआ: की बेटी दीना, जो याक़ूब से उत्पन्न हुई थी, उस देश की लड़कियों से भेंट करने को निकली।

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नवीन हिंदी बाइबल

1 एक दिन लिआ की बेटी दीना, जो याकूब के द्वारा उत्पन्‍न हुई थी, उस देश की लड़कियों से मिलने गई।

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सरल हिन्दी बाइबल

1 लियाह की पुत्री दीनाह उस देश की लड़कियों के साथ स्त्रियों को देखने के लिए बाहर गई.

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उत्पत्ति 34:1
10 क्रॉस रेफरेंस  

जब एसाव चालीस वर्ष का हुआ, उसने हित्ती जाति की दो कन्‍याओं से विवाह किया : यहूदीत और बाशमत। यहूदीत के पिता का नाम बएरी और बाशमत के पिता का नाम एलोन था।


रिबका ने इसहाक से कहा, ‘मैं हित्ती जाति की बहुओं के कारण जीवन से ऊब गई हूँ। यदि याकूब भी इन बहुओं के समान इस देश की किसी हित्ती जाति की कन्‍या से विवाह कर लेगा तो मुझे अपने जीवन से क्‍या लाभ? मैं मर जाऊंगी।’


एसाव ने देखा कि इसहाक ने याकूब को आशीर्वाद देकर पद्दन-अराम क्षेत्र भेजा है कि वह वहाँ की कन्‍या से विवाह करे। इसहाक ने उसे आशीर्वाद देते हुए यह भी आज्ञा दी है, “तू कनान देश की कन्‍याओं में से किसी कन्‍या के साथ विवाह न करना” ,


लिआ ने कहा, ‘मैं कितनी धन्‍य हूँ! स्‍त्रियाँ मुझे धन्‍य-धन्‍य कहेंगी।’ इसलिए उसने उसका नाम ‘आशेर’ रखा।


इसके पश्‍चात् उसने एक पुत्री को जन्‍म दिया, और उसका नाम दीना रखा।


वहाँ उसने एक स्‍तम्‍भ खड़ा किया और उसका नाम ‘एल-एलोहे-इस्राएल’ रखा।


ये लिआ के पुत्र थे जिन्‍हें उसने याकूब से पद्दन-अराम क्षेत्र में जन्‍म दिया था। उसकी पुत्री दीना भी थी। ये सब पुत्र-पौत्र आदि मिलकर तैंतीस प्राणी थे।


तू कितनी सरलता से अपना आचरण बदल लेती है, जैसे गिरगिट रंग बदलता है। पर जैसे असीरिया ने तेरी लज्‍जा लूटी थी, वैसे ही मिस्र भी तुझे अपमानित करेगा।


इसके अतिरिक्‍त वे आलसी रहना सीख जाती हैं। घर-घर घूमना उनकी आदत हो जाती है और वे आलसी ही नहीं रहतीं, बल्‍कि बकबक करतीं, दूसरों के काम में दखल देतीं और अशोभनीय बातों की चर्चा करती हैं।


समझदार, शुद्ध और सुशील हों, अपने घर का अच्‍छा प्रबन्‍ध करें और अपने पति के अधीन रहें, जिससे लोग परमेश्‍वर के शुभ-संदेश की निन्‍दा न कर सकें।


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