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उत्पत्ति 33:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

10 याकूब ने कहा, ‘नहीं, यदि मुझे तुम्‍हारी कृपा-दृष्‍टि प्राप्‍त हुई है तो तुम मेरे हाथ से मेरी भेंट स्‍वीकार करो। निस्‍सन्‍देह तुम्‍हारे मुख को देखना मानो परमेश्‍वर के मुख को देखना है; क्‍योंकि तुमने मुझे अपनाया है।

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पवित्र बाइबल

10 याकूब ने कहा, “नहीं! मैं तुमसे विनती करता हूँ। यदि तुम सचमुच मुझे स्वीकार करते हो तो कृपया जो भेटें देता हूँ तुम स्वीकार करो। मैं तुमको दुबारा देख कर बहुत प्रसन्न हूँ। यह तो परमेश्वर को देखने जैसा है। मैं यह देखकर बहुत प्रसन्न हूँ कि तुमने मुझे स्वीकार किया है।

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Hindi Holy Bible

10 याकूब ने कहा, नहीं नहीं, यदि तेरा अनुग्रह मुझ पर हो, तो मेरी भेंट ग्रहण कर: क्योंकि मैं ने तेरा दर्शन पाकर, मानो परमेश्वर का दर्शन पाया है, और तू मुझ से प्रसन्न हुआ है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

10 याक़ूब ने कहा, “नहीं नहीं, यदि तेरा अनुग्रह मुझ पर हो, तो मेरी भेंट ग्रहण कर; क्योंकि मैं ने तेरा दर्शन पाकर, मानो परमेश्‍वर का दर्शन पाया है, और तू मुझ से प्रसन्न हुआ है।

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नवीन हिंदी बाइबल

10 याकूब ने कहा, “नहीं नहीं, मेरी विनती सुन, यदि तेरी कृपादृष्‍टि मुझ पर हो तो मेरे हाथ से यह भेंट ग्रहण कर; क्योंकि मैंने तेरा दर्शन पाकर मानो परमेश्‍वर का दर्शन पाया है, और तूने मुझे स्वीकार किया है।

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सरल हिन्दी बाइबल

10 याकोब ने कहा, “नहीं! यदि आपका अनुग्रह मुझ पर है, तो मेरी ओर से इन उपहारों को स्वीकार कर लीजिए; क्योंकि आपको देखकर लगा कि मैंने परमेश्वर के दर्शन पा लिये, और आपने मुझे दिल से स्वीकारा भी है.

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उत्पत्ति 33:10
19 क्रॉस रेफरेंस  

आपके सेवक पर आपकी कृपा-दृष्‍टि हुई है। आपने मेरे प्राण बचाकर मुझ पर अपार करुणा की है। पर मैं पहाड़ की ओर नहीं भाग सकता। ऐसा न हो कि वहाँ मेरे साथ कोई दुर्घटना हो जाए और मैं मर जाऊं।


याकूब ने उस स्‍थान का नाम ‘पनीएल’ रखा; क्‍योंकि उसने कहा, ‘मैंने परमेश्‍वर को साक्षात् देखा फिर भी मैं जीवित रहा!’


कृपया, जो भेंट तुम्‍हारे पास लाई गई है, उसे स्‍वीकार करो। परमेश्‍वर ने मुझ पर अनुग्रह किया है। मेरे पास भी बहुत है।’ इस प्रकार याकूब ने उससे आग्रह किया। तब एसाव ने उसकी भेंट स्‍वीकार की।


किन्‍तु एसाव बोला, ‘भैया, मेरे पास बहुत है। जो तुम्‍हारा है, उसे अपने ही पास रखो।’


यहूदा ने अपने पिता याकूब से कहा, ‘मिस्र देश के स्‍वामी ने हमें गम्‍भीर चेतावनी दी थी, “जब तक तुम्‍हारे साथ तुम्‍हारा भाई न होगा, तुम मेरे दर्शन नहीं कर सकते।”


याकूब की मृत्‍यु का दिन निकट आया तब उन्‍होंने अपने पुत्र यूसुफ को बुलाकर उससे कहा, ‘यदि तू मेरा आदर-सम्‍मान करता है तो मेरी जांघ के नीचे हाथ रखकर शपथ खा कि तू मेरे साथ प्रेमपूर्ण और सत्‍यनिष्‍ठ व्‍यवहार करेगा। मुझे मिस्र देश में मत गाड़ना।


जब शोक के दिन समाप्‍त हुए तब यूसुफ ने फरओ के राजपरिवार से कहा, ‘यदि आप लोगों की कृपादृष्‍टि मुझ पर हो तो फरओ से यह बात कहिए:


परन्‍तु राजा दाऊद ने कहा, ‘वह अपने महल में चला जाए, और मुझे अपना मुँह न दिखाए।’ अत: अबशालोम अपने महल में अलग रहने लगा। वह राजा के दर्शन न कर सका।


अबशालोम दो वर्ष तक यरूशलेम नगर में रहा। किन्‍तु वह राजा के दर्शन नहीं कर सका।


अबशालोम ने योआब को उत्तर दिया, ‘देखिए, मैंने आपके पास यह सन्‍देश भेजा था : “आप यहाँ आइए। मैं आपको राजा के पास भेजना चाहता हूँ कि आप राजा से यह बात कहें : मैं गशूर नगर से यहाँ क्‍यों आया हूँ? मेरा वहीं रहना अधिक अच्‍छा होता।” अब मुझे राजा के दर्शन करने दीजिए। यदि मैंने अपराध किया है, तो वह मुझे मार डालें।’


दाऊद ने कहा, ‘बहुत अच्‍छा! मैं तुम्‍हारे साथ सन्‍धि स्‍थापित करूँगा; पर तुमसे एक बात कहना चाहता हूँ। जब तुम मुझसे मिलने आओगे, तब शाऊल की पुत्री मीकल को लाना। अन्‍यथा तुम मेरे दर्शन नहीं कर सकोगे।’


तब मनुष्‍य परमेश्‍वर से प्रार्थना करता है, और परमेश्‍वर उसको ग्रहण कर लेता है; मनुष्‍य आनन्‍द-उल्‍लास से परमेश्‍वर का दर्शन करता है। परमेश्‍वर मनुष्‍य की धार्मिकता लौटा देता है।


तब मैं जानूंगा कि तू मुझ से प्रसन्न है; मेरा शत्रु मेरे विरुद्ध जयघोष नहीं कर पाएगा।


प्रभु यों कहता है, ‘जो लोग फरओ की तलवार से बच गए थे, उन लोगों ने निर्जन प्रदेश में मेरी कृपा प्राप्‍त की थी। तब इस्राएल ने विश्राम-स्‍थल की खोज की


“देखो, इन छोटों में से किसी एक को भी तुच्‍छ न समझना; क्‍योंकि मैं तुम से कहता हूँ − इनके दूत स्‍वर्ग में निरन्‍तर मेरे स्‍वर्गिक पिता के सम्‍मुख उपस्‍थित रहते हैं।


वे उसे आमने-सामने देखेंगे और उसका नाम उनके माथे पर अंकित होगा।


रूत ने मुँह के बल गिरकर साष्‍टांग प्रणाम किया। उसने बोअज से पूछा, ‘आपने क्‍यों मुझ पर कृपादृष्‍टि की, मुझ पर ध्‍यान दिया? मैं परदेशिनी हूँ।’


दाऊद ने शपथ खाई। उसने कहा, ‘तुम्‍हारे पिता यह बात अच्‍छी तरह जानते हैं कि मैंने तुम्‍हारी कृपा-दृष्‍टि प्राप्‍त की है। वह यह सोचते हैं : योनातन को निश्‍चय ही इस बात का पता नहीं चलना चाहिए। अन्‍यथा उसे दु:ख होगा। जैसे यह सच है कि प्रभु जीवित है और तुम जीवित हो, वैसे ही मेरी बात भी सच है : मेरे और मृत्‍यु के बीच केवल एक कदम का अन्‍तर रह गया है।’


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