10 मृतक पुरुष का चाचा और शव पर मसाला लगानेवाला उसको उठाएंगे, और गाड़ने के लिए घर से बाहर ले जाएंगे। वे घर के कोने में छिपे हुए व्यक्ति से पूछेंगे, ‘क्या वहां और है?’ वह उत्तर देगा, ‘नहीं।’ वह आगे कहेगा, ‘चुप रहो! क्योंकि प्रभु का नाम उच्चारित नहीं होना चाहिए।’
10 जब कोई मर जाएगा तब कोई सम्बंधी शव लेने आएगा, जिससे वह उसे बाहर ले जा सके और जला सके। सम्बंधी घर में से हड्डियाँ लेने आयेगा। लोग किसी भी उस व्यक्ति से जो घर के भीतर छिपा होगा, पूछेंगे, “क्या तुम्हारे पास कोई अन्य शव है?” वह व्यक्ति उत्तर देगा, “नहीं …।” तब व्यक्ति के सम्बंधी कहेंगे, “चुप! हमें यहोवा का नाम नहीं लेना चाहिये।”
10 और जब किसी का चचा, जो उसका जलाने वाला हो, उसकी हड्डियों को घर के निकालने के लिये उठाएगा, और जो घर के कोने में हो उस से कहेगा, क्या तेरे पास कोई और है? तब वह कहेगा, कोई नहीं; तब वह कहेगा, चुप रहे! हमें यहोवा का नाम नहीं लेना चाहिए॥
10 जब किसी का चाचा, जो उसका जलानेवाला हो, उसकी हड्डियों को घर से निकालने के लिये उठाएगा, और जो घर के कोने में हो उस से कहेगा, “क्या तेरे पास कोई और है?” तब वह कहेगा, “कोई नहीं;” तब वह कहेगा, “चुप रह! हमें यहोवा का नाम नहीं लेना चाहिए।”
10 और जब कोई रिश्तेदार उस घर में से लाशों को ले जाने आएगा ताकि उनको जला सके और वह वहां किसी छिपे हुए मनुष्य से पूछे, “कोई और तुम्हारे साथ है?” और वह कहे, “नहीं,” तब वह कहेगा, “चुप रह! हमें याहवेह का नाम नहीं लेना है.”
10 जब किसी का चाचा, जो उसका जलानेवाला हो, उसकी हड्डियों को घर से निकालने के लिये उठाएगा, और जो घर के कोने में हो उससे कहेगा, “क्या तेरे पास कोई और है?” तब वह कहेगा, “कोई नहीं;” तब वह कहेगा, “चुप रह! हमें यहोवा का नाम नहीं लेना चाहिए।”
राजा योशियाह वहां से मुड़ा। उसने पहाड़ पर कबरें देखीं। उसने सेवक भेजकर कबरों में से अस्थियां निकालीं। तत्पश्चात् उसने अस्थियों को वेदी पर जलाया, और उसको अशुद्ध कर दिया। इस प्रकार प्रभु का वचन पूर्ण हुआ। जब राजा यारोबआम पर्व के समय वेदी के समीप खड़ा था, तब परमेश्वर के जन ने इस वेदी के सम्बन्ध में ये ही वचन कहे थे। जाते समय योशियाह ने परमेश्वर के उस जन की कबर देखी, जिसने नबूवत की थी।
अभी एलीशा धर्मवृद्धों से बात कर ही रहे थे कि इस्राएल प्रदेश का राजा उनके पास पहुंच गया। राजा ने कहा, ‘प्रभु ने इस विपत्ति को भेजा है। अब मैं प्रभु से क्या आशा करूं?’
बड़े और छोटे − सब लोग इस देश में बेमौत मरेंगे, और उनकी लाश को गाड़नेवाला कोई नहीं मिलेगा। उनके लिए कोई मृत्यु-शोक भी नहीं मनाएगा। उनके लिए शोक प्रकट करने के लिए कोई अपने शरीर पर घाव नहीं करेगा, और न उनके लिए अपना सिर मूंड़ेगा।
लेकिन, ओ यहूदा प्रदेश के रहनेवालो, तुम जो मिस्र देश में बस गए हो, प्रभु का यह वचन सुनो। मैं-प्रभु यह कहता हूं: मैंने अपने महान नाम की शपथ खाई है कि अब यहूदा प्रदेश का रहनेवाला कोई भी मनुष्य, जो मिस्र देश में बस गया है, मेरा नाम अपनी जबान पर नहीं लाएगा, और न यह कहेगा: “जीवन्त प्रभु की सौगन्ध।”
‘मैं, स्वामी-प्रभु कहता हूँ: यदि तुम भी, ओ इस्राएल के वंशजो, मेरी बात सुनना नहीं चाहते, और मूर्ति-पूजा करना चाहते हो, तो जाओ, और अपने-अपने गृह-देवता की मूर्ति को गले लगाओ, उसकी पूजा करो! लेकिन अपनी भेंटों और मूर्तियों द्वारा तुम मेरे पवित्र नाम को अपवित्र नहीं कर पाओगे।
“ओ मानव, तू इस्राएल के वंशजों से यह कह, स्वामी-प्रभु यों कहता है: मेरा पवित्र स्थान तुम्हारे लिए अत्यन्त प्रिय है। वह तुम्हारी आंखों का तारा है। तुम्हारा प्राण-प्रिय है। तुम उसके बल पर गर्व करते हो। मैं अपने उस पवित्र स्थान को अशुद्ध कर दूंगा। जिन पुत्र-पुत्रियों को तुम वहां छोड़ आए हो, वे शत्रु की तलवार से मौत के घाट उतारे जाएंगे।
तब सब योद्धा उठे। वे रात भर चलते हुए बेतशान पहुँचे। उन्होंने शहरपनाह से शाऊल और उसके तीनों पुत्रों की लाशें उतार लीं और याबेश नगर को लौट आए, और वहाँ लाशें जला दीं।