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अय्यूब 42:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

16 अपने दु:ख-भोग के बाद अय्‍यूब एक सौ चालीस वर्ष तक जीवित रहा। उसने चार पीढ़ियों तक अपनी संतान को देखा।

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पवित्र बाइबल

16 इसके बाद अय्यूब एक सौ चालीस साल तक और जीवित रहा। वह अपने बच्चों, अपने पोतों, अपने परपोतों और परपोतों की भी संतानों यानी चार पीढ़ियों को देखने के लिए जीवित रहा।

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Hindi Holy Bible

16 इसके बाद अय्यूब एक सौ चालीस वर्ष जीवित रहा, और चार पीढ़ी तक अपना वंश देखने पाया।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

16 इसके बाद अय्यूब एक सौ चालीस वर्ष जीवित रहा, और चार पीढ़ी तक अपना वंश देखने पाया।

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सरल हिन्दी बाइबल

16 इसके बाद अय्योब एक सौ चालीस वर्ष और जीवित रहे. उन्होंने चार पीढ़ियों तक अपने पुत्र तथा पौत्र देखे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

16 इसके बाद अय्यूब एक सौ चालीस वर्ष जीवित रहा, और चार पीढ़ी तक अपना वंश देखने पाया।

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अय्यूब 42:16
13 क्रॉस रेफरेंस  

तेरह की पूर्ण आयु दो सौ पांच वर्ष की थी। उसकी मृत्‍यु हारान देश में हुई।


जब अब्राहम की कुल आयु एक सौ पचहत्तर वर्ष की हुई


जब इसहाक की आयु एक सौ अस्‍सी वर्ष की हुई


याकूब सत्रह वर्ष तक मिस्र देश में जीवित रहे। इस प्रकार उनकी पूर्ण आयु एक सौ सैंतालीस वर्ष की हुई।


यूसुफ ने एफ्रइम की संतान को तीसरी पीढ़ी तक देखा। मनश्‍शे के पुत्र मकीर के बच्‍चे भी यूसुफ के घुटनों पर उत्‍पन्न हुए थे।


यूसुफ की मृत्‍यु एक सौ दस वर्ष की अवस्‍था में हुई। उन्‍होंने उसके शव पर मसाले का संलेपन किया, और उसे मिस्र देश में ही एक शव-मंजूषा में रख दिया।


उस देश में अय्‍यूब की पुत्रियों के समान रूपवती और कोई कन्‍या न थी। उनके पिता अय्‍यूब ने उनके भाइयों के साथ ही उनको भी अपनी सम्‍पत्ति में हिस्‍सा दिया।


इस प्रकार अय्‍यूब अपनी दीर्घायु पूर्णत: भोगकर वृद्धावस्‍था में चिर-निद्रा में सो गया।


और तू अपने पुत्र-पौत्रादि को देखे! इस्राएल को शान्‍ति मिले!


हमारी आयु के वर्ष सत्तर हैं; यदि वे बल के कारण अस्‍सी भी हो जाएं, तोभी उनकी अवधि दु:ख और कष्‍ट में बीतती है। वे अविलम्‍ब व्‍यतीत हो जाते हैं और हमारे प्राण-पखेरू उड़ जाते हैं।


बूढ़ों की शोभा उनके नाती-पोते हैं, और बाल-बच्‍चों का गौरव उनके माता-पिता।


जब मूसा की मृत्‍यु हुई तब उनकी आयु एक सौ बीस वर्ष थी। परन्‍तु न उनकी आंखें धुंधली पड़ी थीं और न उनके शरीर की स्‍फूर्ति कम हुई थी।


इन घटनाओं के पश्‍चात् प्रभु के सेवक यहोशुअ बेन-नून की एक सौ दस वर्ष की उम्र में मृत्‍यु हुई।


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