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अय्यूब 38:28 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

28 ‘क्‍या वर्षा का कोई सांसारिक पिता है? ओस की बूंदों को किसने उत्‍पन्न किया है?

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पवित्र बाइबल

28 अय्यूब, क्या वर्षा का कोई पिता है? ओस की बूँदे कहाँ से आती हैं?

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Hindi Holy Bible

28 क्या मेंह का कोई पिता है, और ओस की बूंदें किस ने उत्पन्न की?

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

28 क्या मेंह का कोई पिता है, और ओस की बूंदें किसने उत्पन्न की?

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सरल हिन्दी बाइबल

28 है कोई वृष्टि का जनक? अथवा कौन है ओस की बूंदों का उत्पादक?

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

28 क्या मेंह का कोई पिता है, और ओस की बूँदें किसने उत्पन्न की?

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अय्यूब 38:28
22 क्रॉस रेफरेंस  

परमेश्‍वर तुझे आकाश से ओस एवं भूमि की सर्वोत्तम उपज, अधिकाधिक अनाज और अंगूर की फसल प्रदान करे।


तब उसके पिता इसहाक ने उसे उत्तर दिया, ‘उपजाऊ भूमि से दूर, ऊंचे आकाश की ओस से दूर, तेरा निवास स्‍थान होगा।


‘ओ गिलबोअ पहाड़ियो! तुम पर ओस न गिरे, वर्षा न हो। ओ मैदानो, तुम विश्‍वासघाती हो। योद्धाओं की ढालें अशुद्ध हो गईं। शाऊल की ढाल तेल से अभिसंचित नहीं हुई;


गिलआद प्रदेश में तिश्‍बे नामक एक नगर था। इस नगर के रहनेवाले एलियाह ने अहाब से कहा, ‘जिस इस्राएली राष्‍ट्र के प्रभु परमेश्‍वर के सम्‍मुख मैं सेवारत रहता हूं, उस जीवंत प्रभु की सौगन्‍ध! जब तक मैं नहीं कहूंगा, तब तक इन वर्षों में न ओस गिरेगी और न वर्षा होगी।’


मेरी जड़ें जल के झरने तक पहुँच जाएंगी, रात भर मेरी शाखाओं पर ओस गिरेगी,


वह जल की बूंदे ऊपर खींचता है, और कुहरे के रूप में वर्षा करता है।


मेघ उनको उण्‍डेलते हैं, और मनुष्‍यों पर उनको बरसाते हैं।


‘जब समुद्र गर्भ से फूट पड़ा था तब किसने द्वार बन्‍द किया और उसको रोका था?


वह आकाश को बादलों से आच्‍छादित करता और पृथ्‍वी के लिए वर्षा तैयार करता है; वह पर्वतों पर घास उगाता है।


उसके ज्ञान से गहरे जल-स्रोत फूटते हैं और आकाश से ओस टपकती है।


जब वह बोलता है, तब आकाश में महासागर उमड़ पड़ता है। वह पृथ्‍वी के सीमान्‍तों से कुहरे को उठाता है। वह वर्षा के लिए बिजली चमकाता है, और अपने भण्‍डारगृहों में से पवन बहाता है।


अन्‍य जातियां निस्‍सार मूर्तियों की आशा करती हैं। क्‍या उन में सामर्थ्य है कि वे आकाश से वर्षा कर दें? क्‍या स्‍वयं आकाश वर्षा कर सकता है? हे हमारे प्रभु परमेश्‍वर, क्‍या तू पहले-जैसा ‘वह’ नहीं रहा? प्रभु, हम तेरी ही आस लगाए बैठे हैं; क्‍योंकि तू ही इन सब कामों को करता है।


वे अपने हृदय में यह नहीं कहते हैं, “आओ, हम अपने प्रभु परमेश्‍वर की आराधना करें; क्‍योंकि प्रभु ही उचित समय पर पानी बरसाता है, वह हमें शिशिर ऋतु में वर्षा देता है; वसंत ऋतु में भी वर्षा करता है। हमारे लिए फसल का समय भी उसने निश्‍चित् कर दिया है।”


मैं इस्राएल के लिए ओस की बूंद बनूंगा, जो वनस्‍पति को जीवन प्रदान करती है। वह सोसन पुष्‍प की तरह खिल उठेगा। देवदार वृक्ष के सदृश वह जड़ पकड़ लेगा।


‘ओ सियोन के निवासियो, प्रसन्न हो; अपने प्रभु परमेश्‍वर में आनन्‍द मनाओ। मैंने धार्मिकता के लिए तुम्‍हें एक गुरु प्रदान किया है। फिर, मैंने तुम्‍हारे लिए अपार वर्षा की है। पहले के समान मैंने शरदकालीन और वसंतकालीन वर्षा की है।


‘फसल की कटनी के तीन महीने शेष थे, और मैंने तुम पर वर्षा नहीं की। मैंने एक नगर में वर्षा की, पर दूसरे नगर को सूखा रखा। एक खेत को पानी मिला, पर दूसरा खेत पानी के अभाव में सूख गया।


इससे तुम अपने स्‍वर्गिक पिता की सन्‍तान बन जाओगे; क्‍योंकि वह भले और बुरे, दोनों पर अपना सूर्य उगाता तथा धर्मी और अधर्मी, दोनों पर पानी बरसाता है।


मूसा ने यूसुफ कुल के विषय में यह कहा, ‘प्रभु ने इसके देश को आशिष दी है। ऊपर आकाश की सर्वोत्तम भेंट, नीचे गहरे झरनों का जल इसे प्राप्‍त है,


इस्राएल निरापद निवास करता है। याकूब के पुत्र अन्न और अंगूर के देश में एकान्‍त में शत्रुओं से सुरक्षित हैं। वहां आकाश ओस की वर्षा करता है।


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