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अय्यूब 21:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

22 ‘क्‍या कोई व्यक्‍ति परमेश्‍वर को ज्ञान की बातें सिखा सकता है? परमेश्‍वर तो प्रतिष्‍ठित लोगों का भी न्‍याय करता है!

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पवित्र बाइबल

22 “कोई व्यक्ति परमेश्वर को ज्ञान नहीं दे सकता, वह ऊँचे पदों के जनों का भी न्याय करता है।

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Hindi Holy Bible

22 क्या ईश्वर को कोई ज्ञान सिखाएगा? वह तो ऊंचे पद पर रहने वालों का भी न्याय करता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

22 क्या परमेश्‍वर को कोई ज्ञान सिखाएगा? वह तो ऊँचे पद पर रहनेवालों का भी न्याय करता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

22 “क्या यह संभव है कि कोई परमेश्वर को ज्ञान दे, वह, जो परलोक के प्राणियों का न्याय करते हैं?

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

22 क्या परमेश्वर को कोई ज्ञान सिखाएगा? वह तो ऊँचे पद पर रहनेवालों का भी न्याय करता है।

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अय्यूब 21:22
23 क्रॉस रेफरेंस  

देखो, परमेश्‍वर अपने पवित्र जनों पर भी विश्‍वास नहीं करता, उसकी दृष्‍टि में स्‍वर्ग भी निर्मल नहीं है;


क्‍योंकि जब उनके जीवन की डोर कट गई, तब उन्‍हें अपने परिवार से क्‍या वास्‍ता?


वह हमें पृथ्‍वी के पशुओं से अधिक शिक्षा देता है। वह हमें आकाश के पक्षियों से अधिक बुद्धि देता है।”


‘देखो, परमेश्‍वर अपनी शक्‍ति से बड़े-बड़े कार्य करता है। उसके समान और कौन शिक्षक है?


किसने उसकी आचरण-संहिता निश्‍चित् की है? कौन उससे कह सकता है कि तूने अनुचित कार्य किया है?


वीर पुरुष की तरह कमर कस कर तैयार हो; मैं तुझसे प्रश्‍नोत्तर करूँगा।


परमेश्‍वर अपने सेवकों पर भी भरोसा नहीं करता; वह अपने दूतों को भी दोषी ठहराता है।


‘जो व्यक्‍ति दूसरों के दोष ढूंढ़ता है, क्‍या वह मुझ-सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर का सामना कर सकता है? जो मुझसे वाद-विवाद करता है, वह मेरे प्रश्‍न का उत्तर दे।’


परमेश्‍वर स्‍वर्ग-सभा में विराजमान हुआ, ईश-दूतों के मध्‍य वह यह न्‍याय करता है:


यदि तुम किसी प्रदेश में गरीबों पर अत्‍याचार होते देखो, यदि तुम वहाँ न्‍याय और धर्म का गला घोंटा जाता हुआ देखो, तो आश्‍चर्य मत करना; क्‍योंकि एक अधिकारी के ऊपर उससे बड़ा अधिकारी होता है और उससे भी ऊपर उच्‍च अधिकारी होता है।


धिक्‍कार है उसे, जो अपने रचनेवाले से तर्क करता है। क्‍या घड़ा अपने बनानेवाले कुम्‍हार से बहस कर सकता है? क्‍या मिट्टी अपने गढ़नेवाले कुम्‍हार से कह सकती है, ‘तू क्‍या बना रहा है?’ अथवा, ‘इसमें मुठिया तो है ही नहीं।’


इन नबियों में से कौन नबी प्रभु के दरबार में खड़ा था, और किसने प्रभु की बातें सुनीं, और उनको समझा है? किसने प्रभु के वचन सुने, और उन पर ध्‍यान दिया है?


जैसा धर्मग्रंथ में कहा गया, “प्रभु का मन कौन जान सका? उसका परामर्शदाता कौन हुआ?


क्‍योंकि जैसा धर्मग्रंथ में कहा गया, “प्रभु का मन कौन जानता है? कौन उसे परामर्श दे सकता है?” और हम में तो मसीह का मन विद्यमान है।


क्‍या आप यह नहीं जानते कि हम स्‍वर्गदूतों का न्‍याय करेंगे? तो फिर साधारण जीवन के मामलों की बात ही क्‍या!


स्‍मरण रखें : परमेश्‍वर ने पापी स्‍वर्गदूतों को भी क्षमा नहीं किया, बल्‍कि उन्‍हें नरक के अंधकार में न्‍याय-दिवस के लिए जंजीरों में जकड़ दिया है।


जिन स्‍वर्गदूतों ने अपनी मर्यादा का उल्‍लंघन किया और अपना निजी निवासस्‍थान छोड़ दिया, परमेश्‍वर उन्‍हें न्‍याय के महान् दिन के लिए नरक के अन्‍धकार में अकाट्‍य बेड़ियों से बांधे रखता है।


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