17 परन्तु सरूयाह का पुत्र अबीशय राजा दाऊद की सहायता करने के लिए पहुँच गया। वह पलिश्ती पर टूट पड़ा। अबीशय ने उसको मार डाला। तब दाऊद के सैनिकों ने उसे शपथ दिलाई, ‘आप हमारे साथ युद्ध पर अब नहीं जाएँगे। ऐसा न हो कि इस्राएली राष्ट्र का दीपक बुझ जाए।’
17 किन्तु सरूयाह के पुत्र अबीशै ने उस पलिश्ती को मार डाला और दाऊद के जीवन को बचाया। तब दाऊद के लोगों ने दाऊद से प्रतिज्ञा की। उन्होंने उससे कहा, “तुम हम लोगों के साथ भविष्य में युद्ध करने नहीं जा सकते। यदि तुम फिर युद्ध में जाते हो और मार दिये जाते हो तो इस्राएल अपने सबसे बड़े मार्ग दर्शक को खो देगा।”
17 परन्तु सरूयाह के पुत्र अबीशै ने दाऊद की सहायता करके उस पलिश्ती को ऐसा मारा कि वह मर गया। तब दाऊद के जनों ने शपथ खाकर उस से कहा, तू फिर हमारे संग युद्ध को जाने न पाएगा, ऐसा न हो कि तेरे मरने से इस्राएल का दिया बुझ जाए।
17 परन्तु सरूयाह के पुत्र अबीशै ने दाऊद की सहायता करके उस पलिश्ती को ऐसा मारा कि वह मर गया। तब दाऊद के जनों ने शपथ खाकर उससे कहा, “तू फिर हमारे संग युद्ध को जाने न पाएगा, ऐसा न हो कि तेरे मरने से इस्राएल का दिया बुझ जाए।”
17 मगर ज़ेरुइयाह का पुत्र अबीशाई दावीद की सहायता के लिए आ गया. उसने फिलिस्तीनी पर हमला किया और उसका वध कर दिया. दावीद के सैनिकों ने उनसे शपथ ली कि वह अब से युद्ध-भूमि में नहीं जाएंगे, कहीं ऐसा न हो कि इस्राएल वंश का दीप ही बुझ जाए.
17 परन्तु सरूयाह के पुत्र अबीशै ने दाऊद की सहायता करके उस पलिश्ती को ऐसा मारा कि वह मर गया। तब दाऊद के जनों ने शपथ खाकर उससे कहा, “तू फिर हमारे संग युद्ध को जाने न पाएगा, ऐसा न हो कि तेरे मरने से इस्राएल का दिया बुझ जाए।”
अब सारा गोत्र आपकी सेविका के विरुद्ध खड़ा हो गया है। मेरे गोत्र के लोग मुझसे यह कह रहे हैं, “अपने भाई पर वार करने वाले को हमारे सुपुर्द करो। जिस भाई की उसने हत्या की है, उसके प्राण के बदले में हम उसकी हत्या करेंगे।” महाराज, यों वे उत्तराधिकारी को भी समाप्त कर देंगे। महाराज, मेरे बचे हुए एकमात्र दीपक को भी वे बुझाना चाहते हैं, जिससे मेरे पति का नाम और उसका वंश धरती पर से मिट जाए।’
तत्पश्चात् उसने समस्त सेना को तीन दलों में विभाजित किया। एक दल का नायक योआब था। दूसरे दल का नायक सरूयाह का पुत्र और योआब का भाई अबीशय था। तीसरे दल का नायक गत निवासी इत्तय था। राजा दाऊद ने सैनिकों से कहा, ‘मैं भी तुम्हारे साथ जाऊंगा।’
सैनिकों ने कहा, ‘महाराज, आप नगर के बाहर नहीं जाएँगे। यदि हमें भागना पड़ेगा तो शत्रु हमारी ओर ध्यान नहीं देंगे। सेना के आधे सैनिक वीरगति प्राप्त करेंगे, तो भी वे हमारी ओर ध्यान नहीं देंगे। परन्तु महाराज, आप दस हजार सैनिकों के बराबर हैं। इसलिए, अच्छा यह होगा कि आप नगर में ठहर कर यहाँ से हमें सहायता भेजें।’
मैं उसे एक कुल पर राज्य करने दूंगा, जिससे मेरे सेवक दाऊद का वंश-दीपक यरूशलेम नगर में, जिसको मैंने अपने नाम के प्रतिष्ठापन के लिए चुना है, मेरे सम्मुख सदा जलता रहे।
फिर भी उसके प्रभु परमेश्वर ने दाऊद के कारण उसे यरूशलेम में वंश-दीपक प्रदान किया। उसके पश्चात् उसके पुत्रों को सिंहासन पर बैठाया, और यरूशलेम को सुरक्षित रखा।
तब योहानान ने मिस्पाह में गुप्त रूप से गदल्याह से कहा, ‘आप मुझे अनुमति दीजिए; मैं जाकर यिश्माएल बेन-नतन्याह का चुपचाप वध कर दूंगा; और किसी को पता न चलेगा। यदि उसने आपकी हत्या कर दी, तो जो यहूदी दूर देश से आकर आपके चारों ओर इकट्ठे हो गए हैं, वे फिर तितर-बितर हो जाएंगे, और यहूदा प्रदेश की बची हुई जनता भी नष्ट हो जाएगी।’