2 शमूएल 18:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)18 जब अबशालोम जीवित था तब उसने अपने लिए एक स्तम्भ खड़ा कराया था। यह स्तम्भ राजघाटी में है। अबशालोम का यह विचार था, ‘मेरे नाम को जीवित करने वाला मेरा कोई पुत्र नहीं है।’ अत: उसने स्तम्भ का नाम अपने नाम पर रखा। आज तक उसको ‘अबशालोम का स्तम्भ’ कहते हैं। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल18 जब अबशालोम जीवित था, उसने राजा की घाटी में एक स्तम्भ खड़ा किया था। अबशालोम ने कहा, था, “मेरा कोई पुत्र मेरे नाम को चलाने वाला नहीं है।” इसलिये उसने स्तम्भ को अपना नाम दिया। वह स्तम्भ आज भी “अबशालोम का स्मृति—चिन्ह” कहा जाता है। अध्याय देखेंHindi Holy Bible18 अपने जीते जी अबशालोम ने यह सोचकर कि मेरे नाम का स्मरण कराने वाला कोई पुत्र मेरे नहीं है, अपने लिये वह लाठ खड़ी कराई थी जो राजा की तराई में है; और लाठ का अपना ही नाम रखा, जो आज के दिन तक अबशालोम की लाठ कहलाती है। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)18 अपने जीते जी अबशालोम ने यह सोचकर कि मेरे नाम का स्मरण करानेवाला कोई पुत्र मेरे नहीं है, अपने लिये वह लाठ खड़ी कराई थी जो राजा की तराई में है; और लाठ का अपना ही नाम रखा, जो आज के दिन तक अबशालोम की लाठ कहलाती है। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल18 जब अबशालोम जीवित ही था, उसने राजा की घाटी नामक स्थान पर अपने लिए एक स्मारक खंभा बनवा दिया था. उसका विचार था, “मेरे नाम की याद स्थायी रखने के लिए, क्योंकि मेरे कोई पुत्र नहीं है.” इस स्मारक स्तंभ को उसने अपना ही नाम दिया. आज तक यह अबशालोम स्मारक के नाम से जाना जाता है. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201918 अपने जीते जी अबशालोम ने यह सोचकर कि मेरे नाम का स्मरण करानेवाला कोई पुत्र मेरा नहीं है, अपने लिये वह स्तम्भ खड़ा कराया था जो राजा की तराई में है; और स्तम्भ का अपना ही नाम रखा, जो आज के दिन तक अबशालोम का स्तम्भ कहलाता है। अध्याय देखें |