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2 शमूएल 11:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

15 दाऊद ने पत्र में यह लिखा था : ‘जहाँ घमासान युद्ध हो रहा है, वहाँ सेना की अगली पंिक्‍त में ऊरियाह को भेज देना। तत्‍पश्‍चात् तुम्‍हारे सैनिक उसके पास से पीछे हट जाएँ, जिससे शत्रु उस पर प्रहार करें और वह मर जाए।’

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पवित्र बाइबल

15 पत्र में दाऊद ने लिखा: “ऊरिय्याह को अग्रिम पंक्ति में रखो जहाँ युद्ध भयंकर हो। तब उसे अकेले छोड़ दो और उसे युद्ध में मारे जाने दो।”

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Hindi Holy Bible

15 उस चिट्ठी में यह लिखा था, कि सब से घोर युद्ध के साम्हने ऊरिय्याह को रखना, तब उसे छोडकर लौट आओ, कि वह घायल हो कर मर जाए।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

15 उस चिट्ठी में यह लिखा था, “सबसे घोर युद्ध के सामने ऊरिय्याह को रखना, तब उसे छोड़कर लौट आओ, कि वह घायल होकर मर जाए।”

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सरल हिन्दी बाइबल

15 दावीद ने पत्र में लिखा था, “उरियाह को ऐसे मोर्चे पर भेज दो, जहां युद्ध सबसे तेज हो और फिर उसे वहां अकेला छोड़ पीछे हट जाना, कि उस पर शत्रुओं का वार हो और वहीं उसकी मृत्यु हो जाए.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

15 उस चिट्ठी में यह लिखा था, “सबसे घोर युद्ध के सामने ऊरिय्याह को रखना, तब उसे छोड़कर लौट आओ, कि वह घायल होकर मर जाए।”

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2 शमूएल 11:15
12 क्रॉस रेफरेंस  

योआब उस समय रब्‍बाह नगर को घेरे हुए था। वह जानता था कि किस स्‍थान पर शत्रु के बलवान सैनिक हैं। अत: उसने ऊरियाह को वहाँ भेज दिया।


तब उस नगर के सैनिक बाहर निकले, और योआब से युद्ध करने लगे। अनेक सैनिक धराशायी हो गए। उनमें दाऊद के कुछ सैनिक थे। ऊरियाह हित्ती भी मारा गया।


पर तूने मुझ-प्रभु के वचन का तिरस्‍कार क्‍यों किया? जो कार्य मेरी दृष्‍टि में बुरा है, उसको तूने क्‍यों किया? तूने तलवार से ऊरियाह हित्ती की हत्‍या करवा दी, और उसकी पत्‍नी को छीनकर अपनी पत्‍नी बना लिया। तूने अम्‍मोनी सैनिकों की तलवार से ऊरियाह का वध कर दिया।


जो कार्य प्रभु की दृष्‍टि में उचित था, वह दाऊद ने किया था। उसने अपने जीवन-भर उन आज्ञाओं का उल्‍लंघन नहीं किया था, जो प्रभु ने उसे दी थीं। हां, उसने हित्ती जाति के ऊरियाह के विषय में एक बार आज्ञा-उल्‍लंघन किया था।


हे परमेश्‍वर, मेरे उद्धार के परमेश्‍वर, मुझे रक्‍तपात के दोष से मुक्‍त कर, तब मैं अपने मुंह से तेरी धार्मिकता का जयजयकार करूंगा।


तेरे विरुद्ध, तेरे ही विरुद्ध मैंने पाप किया है। और वही किया जो तेरी दृष्‍टि में बुरा है। इसलिए तू अपने निर्णय में निर्दोष, और न्‍याय में निष्‍पक्ष है।


दुष्‍कर्म के लिए व्यक्‍ति को जल्‍दी दण्‍ड नहीं मिलता, इसलिए मनुष्‍यों का हृदय दुष्‍कर्म करने में लगा रहता है।


‘मनुष्‍य का हृदय छल-कपट से भरा होता है, निस्‍सन्‍देह वह सब से अधिक भ्रष्‍ट होता है। मनुष्‍य के हृदय को कौन समझ सकता है?


प्रभु के लिए स्‍तुतिगान गाओ; प्रभु की स्‍तुति करो! क्‍योंकि उसने दुष्‍कर्मियों के हाथ से गरीब के प्राण मुक्‍त किए हैं।


एक दिन शाऊल ने दाऊद से कहा, ‘देखो, यह मेरी बड़ी पुत्री मेरब है। मैं इसका विवाह तुम्‍हारे साथ कर दूंगा। पर शर्त यह है कि तुम्‍हें मेरे लिए शौर्य का प्रदर्शन करना होगा कि तुम शूरवीर हो। तुम्‍हें प्रभु के युद्ध लड़ने होंगे।’ शाऊल हृदय में यह कहता था, ‘अच्‍छा हो कि दाऊद पलिश्‍तियों के हाथ से मारा जाए, मेरे हाथ से नहीं।’


शाऊल ने विचार किया, ‘मैं दाऊद के साथ मीकल का विवाह कर दूंगा। परन्‍तु वह दाऊद के लिए एक फन्‍दा बन जाएगी और पलिश्‍ती उस पर प्रहार करने के लिए हाथ उठाएंगे।’ अत: उसने दाऊद से दूसरी बार यह कहा, ‘तुम मेरे दामाद बनोगे।’


शाऊल ने कहा, ‘तुम यों दाऊद से कहना, “राजा को दहेज में कुछ नहीं चाहिए। उसे केवल सौ पलिश्‍तियों के लिंग की खलड़ी चाहिए। राजा अपने पलिश्‍ती शत्रुओं से बदला लेना चाहता है।” ’ शाऊल ने यह उपाय किया था कि दाऊद पलिश्‍तियों के हाथ से मारा जाए।


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