10 ‘तुम यहूदा प्रदेश के राजा हिजकियाह से यों कहना, “तुम अपने परमेश्वर के धोखे में मत आना, जिस पर तुमने भरोसा किया है और जिसने तुम्हें यह वचन दिया है कि यरूशलेम नगर असीरिया देश के राजा के हाथ में नहीं आएगा।
10 उसने इसमें यह कहाः “यहूदा के राजा हिजकिय्याह से यह कहोः “‘जिस परमेश्वर में तुम विश्वाश रखते हो उसे तुम अपने को मूर्ख बनाने मत दो। वह कहता है, अश्शूर का राजा यरूशलेम को पराजित नहीं करेगा।’
10 तुम यहूदा के राजा हिजकिय्याह से यों कहना: तेरा परमेश्वर जिसका तू भरोसा करता है, यह कह कर तुझे धोखा न देने पाए, कि यरूशलेम अश्शूर के राजा के वश में न पड़ेगा।
10 “तुम यहूदा के राजा हिजकिय्याह से यों कहना : ‘तेरा परमेश्वर जिसका तू भरोसा करता है, यह कहकर तुझे धोखा न देने पाए, कि यरूशलेम अश्शूर के राजा के वश में न पड़ेगा।
10 “तुम यहूदिया के राजा हिज़किय्याह से यह कहना, ‘जिस परमेश्वर पर तुम भरोसा करते हो, वह तुमसे यह प्रतिज्ञा करते हुए छल न करने पाए, कि येरूशलेम अश्शूर के राजा के अधीन नहीं किया जाएगा.
10 “तुम यहूदा के राजा हिजकिय्याह से यह कहना: ‘तेरा परमेश्वर जिसका तू भरोसा करता है, यह कहकर तुझे धोखा न देने पाए, कि यरूशलेम अश्शूर के राजा के वश में न पड़ेगा।
इसके बाद मैं आऊंगा, और तुम्हें एक ऐसे देश में ले जाऊंगा, जो तुम्हारे ही देश के समान हरा-भरा है। वह अन्न और अंगूर-रस का देश है। रोटी और अंगूर-उद्यान का देश है, जैतून के तेल और शहद का देश है। तब तुम भूख से नहीं मरोगे, वरन् जीवित रहोगे। तुम हिजकियाह की बात मत सुनना। उसकी इस बात के भुलावे में न आना कि प्रभु तुम्हें बचाएगा।
तुमने यह सुना ही होगा कि असीरिया के राजाओं ने अनेक देशों के साथ क्या किया है। उन्होंने वहां के निवासियों का पूर्ण संहार कर दिया है। तब क्या तुम मेरे हाथ से बच सकोगे?
उसी समय असीरिया के राजा ने इथियोपिया देश के राजा तिरहाकाह के विषय में यह खबर सुनी, ‘महाराज, वह आपसे युद्ध करने के लिए निकला है।’ अतएव उसने राजा हिजकियाह के पास दूतों को फिर भेजा, और यह सन्देश दिया :