23 अत: अन्त में प्रभु ने इस्राएलियों को अपने सम्मुख से निकाल दिया, जैसा उसने अपने सेवक नबियों के मुख से कहा था। इस्राएली लोग स्वदेश से निकाल दिए गए, और असीरिया देश में आज तक निर्वासित हैं।
23 जब तक यहोवा ने इस्राएलियों को अपनी दृष्टि से दूर नहीं हटाया और यहोवा ने कहा कि यह होगा। लोगों को बताने के लिए कि यह होगा, उसने अपने नबियों को भेजा। इसलिए इस्राएली अपने देश से बाहर अश्शूर पहुँचाये गए और वे आज तक वहीं हैं।
23 अन्त में यहोवा ने इस्राएल को अपने साम्हने से दूर कर दिया, जैसे कि उसने अपने सब दास भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा कहा था। इस प्रकार इस्राएल अपने देश से निकाल कर अश्शूर को पहुंचाया गया, जहां वह आज के दिन तक रहता है।
23 अन्त में यहोवा ने इस्राएल को अपने सामने से दूर कर दिया, जैसा कि उसने अपने सब दास भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा कहा था। इस प्रकार इस्राएल अपने देश से निकालकर अश्शूर को पहुँचाया गया, जहाँ वह आज के दिन तक रहता है।
23 तब याहवेह ने उन्हें अपनी दृष्टि से दूर कर दिया, जैसा उन्होंने भविष्यवक्ताओं, अपने सेवकों, के द्वारा पहले ही घोषित कर दिया था. तब इस्राएल वंशज अपने देश से अश्शूर को बंधुआई में भेज दिए गए, वे अब तक बंधुआई में ही हैं.
23 अन्त में यहोवा ने इस्राएल को अपने सामने से दूर कर दिया, जैसे कि उसने अपने सब दास भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा कहा था। इस प्रकार इस्राएल अपने देश से निकालकर अश्शूर को पहुँचाया गया, जहाँ वह आज के दिन तक रहता है।
उसने प्रभु के वचन की प्रेरणा से वेदी के विरोध में पुकार कर कहा, ‘ओ वेदी, ओ वेदी! प्रभु यों कहता है : “देख, दाऊद के वंश में एक पुत्र उत्पन्न होगा। उसका नाम योशियाह होगा। जो पहाड़ी शिखर की वेदी के पुरोहित तेरे लिए सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाते हैं, वह उनको तुझ पर बलि करेगा, और मनुष्यों की अस्थियाँ तुझ पर जलाई जाएंगी।” ’
तो मैं इस्राएलियों को इस देश से, जो मैंने उन्हें प्रदान किया है, निकाल दूंगा। जिस भवन को मैंने अपने नाम के लिए पवित्र किया है, उसको अपनी आंखों के सामने से दूर कर दूंगा। इस्राएली विश्व की जातियों के मध्य निन्दा और उपहास के पात्र बन जाएंगे।
परन्तु प्रभु ने इस्राएलियों पर कृपा की। उसने उन पर दया की और वह उनकी ओर उन्मुख हुआ; क्योंकि उसने अब्राहम, इसहाक और याकूब से विधान स्थापित किया था। प्रभु ने उनको नष्ट नहीं किया। अब तक उसने उनको अपने सम्मुख से नहीं निकाला था।
प्रभु इस्राएल और यहूदा प्रदेशों को नबियों और द्रष्टाओं के द्वारा चेतावनी देता रहा। प्रभु ने उनसे कहा, ‘अपने कुमार्गों को छोड़ दो, और मेरी आज्ञाओं और संविधियों का पालन करो। जो व्यवस्था मैंने तुम्हारे पूर्वजों को प्रदान की थी, जो व्यवस्था मैंने अपने सेवक नबियों के हाथ से तुम्हें भेजी थी, उसके अनुसार कार्य करो।’
अत: प्रभु ने इस्राएल के सब वंशजों को अस्वीकार किया। उसने उनको दु:ख दिया और लुटेरों के हाथ में सौंप दिया, और अन्त में उनको अपने सम्मुख से निकाल दिया।
होशे के राज्य-काल के नौवें वर्ष में असीरिया देश के राजा ने राजधानी सामरी नगर पर अधिकार कर लिया। वह इस्राएलियों को बन्दी बनाकर असीरिया देश में ले गया। उसने इस्राएलियों को हलह नगर में तथा गोजान क्षेत्र की हाबोर नदी के तट पर, और मादय देश के नगरों में बसाया।
प्रभु ने कहा, ‘जैसे मैंने इस्राएल प्रदेश को अपने सम्मुख से हटा दिया है, वैसे यहूदा प्रदेश को भी हटा दूंगा। जिस यरूशलेम नगर को मैंने चुना था, उसको मैं त्याग दूंगा। जिस भवन के विषय में मैंने यह कहा था कि मैं वहां अपना नाम प्रतिष्ठित करूंगा उसको भी मैं त्याग दूंगा।’
निस्सन्देह यहूदा प्रदेश पर यह विपत्ति प्रभु के आदेश से आई थी। प्रभु ने निश्चय कर लिया था कि वह यहूदा प्रदेश के निवासियों को अपनी दृष्टि से दूर कर देगा, क्योंकि राजा मनश्शे ने पाप-कर्म तथा अन्य दुष्कर्म किए थे।
‘अब हे हमारे परमेश्वर, तू महान, शक्तिशाली और आतंकमय परमेश्वर, अपने विधान का पालन करनेवाला, और करुणा सागर है! जो महा संकट के बादल हम पर, हमारे राजाओं, शासकों, पुरोहितों, नबियों और पूर्वजों पर, तेरे समस्त निज लोगों पर असीरियाई राजाओं के समय से आज तक हम पर बरसते आए हैं, उन्हें अपनी दृष्टि में कम न जान!
सीरिया देश की राजधानी दमिश्क है, और दमिश्क का राजा रसीन है। (आगामी पैंसठ वर्षों में एफ्रइम राज्य के खण्ड-खण्ड हो जाएंगे, और स्वतंत्र राज्य के रूप में उसका अस्तित्व भी नहीं रहेगा।)
निस्सन्देह प्रभु के क्रोध के कारण राजधानी यरूशलेम और यहूदा प्रदेश में घटनाएं घटीं, और प्रभु ने सिदकियाह को अपनी उपस्थिति से निकाल दिया। सिदकियाह ने बेबीलोन के राजा के विरुद्ध विद्रोह किया।
यह सब याकूब-वंशियों के अपराध के कारण, इस्राएल-वंशियों के पाप के कारण होगा। याकूब-वंशियों का अपराध क्या है? निस्सन्देह सामरी नगर! यहूदा-वंशियों का पाप क्या है? निस्सन्देह यरूशलेम नगर!
अत: प्रभु कहता है : ‘मैं सामरी नगर को खुले मैदान के मलवे के सदृश बना दूंगा; ऐसा स्थान जहां लोग अंगूर के उद्यान लगाएंगे। मैं उसके खण्डहरों के पत्थर घाटी में फेंक दूंगा, और उसकी नींव उखाड़ दूंगा।
तो तुम निश्चय जान लो कि प्रभु परमेश्वर तुम्हारे सम्मुख से इन जातियों को फिर नहीं निकालेगा। जब तक तुम इस उत्तम देश में, जो प्रभु परमेश्वर ने तुम्हें प्रदान किया है, नष्ट नहीं हो जाओगे, तब तक वे तुम्हारे लिए जाल और फन्दा बनी रहेंगी। वे तुम्हारी आँखों में किरकिरी के सदृश और पसलियों में कांटे के समान चुभेंगी।
दान कुल के लोगों ने अपने उपयोग के लिए उस चांदी की मूर्ति को प्रतिष्ठित किया। जिस दिन देश-वासियों का निष्कासन हुआ, उस दिन तक गेर्शोम का पुत्र, मूसा का पौत्र योनातन तथा उसके बाद उसके पुत्र दान कुल के पुरोहित रहे।