2 राजाओं 16:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)11 पुरोहित ऊरियाह ने वेदी निर्मित की। जो निर्देश राजा आहाज ने दमिश्क से भेजे थे, उनके अनुसार पुरोहित ऊरियाह ने राजा आहाज के लौटने के पूर्व ही वेदी का निर्माण कर दिया। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल11 तब याजक ऊरिय्याह ने राजा आहाज द्वारा दमिश्क से भेजे गए नमूने के समान ही एक वेदी बनाई। याजक ऊरिय्याह ने इस प्रकार की वेदी राजा आहाज के दमिश्क से लौटने के पहले बनाई। अध्याय देखेंHindi Holy Bible11 और ठीक इसी नमूने के अनुसार जिसे राजा आहाज ने दमिश्क से भेजा था, ऊरिय्याह याजक ने राजा आहाज के दमिश्क से आने तक एक वेदी बना दी। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)11 ठीक इसी नमूने के अनुसार जिसे राजा आहाज ने दमिश्क से भेजा था, ऊरिय्याह याजक ने राजा आहाज के दमिश्क से आने के पहले एक वेदी बना दी। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल11 इसके आधार पर पुरोहित उरियाह ने एक वेदी बनाई; ठीक उसी के अनुसार जैसा राजा आहाज़ ने दमेशेक से भेजा था. पुरोहित उरियाह ने राजा आहाज़ के दमेशेक से लौटने के पहले ही यह वेदी तैयार कर ली थी. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201911 ठीक इसी नमूने के अनुसार जिसे राजा आहाज ने दमिश्क से भेजा था, ऊरिय्याह याजक ने राजा आहाज के दमिश्क से आने तक एक वेदी बना दी। अध्याय देखें |
मनश्शे ने अशेराह देवी की मूर्ति बनाई और उसको प्रभु के भवन में प्रतिष्ठित किया। अपने भवन के विषय में प्रभु ने दाऊद और उसके पुत्र सुलेमान से यह कहा था, ‘मैंने इस्राएल के समस्त कुलों के भूमि-क्षेत्रों में से यरूशलेम नगर को और इस भवन को चुना है। मैं यहां सदा-सर्वदा के लिए अपने नाम की प्रतिष्ठा करूंगा।
ओ यरूशलेम, तेरे पुरोहित मेरे नियम-विधियों का उल्लंघन करते हैं। उन्होंने मेरी पवित्र वस्तुओं को अपवित्र किया है। वे मुझ-प्रभु को अर्पित पवित्र वस्तु, और जन-साधारण की वस्तु में कोई भेद नहीं करते। उन्होंने लोगों को यह भी नहीं सिखाया कि कौन-सी वस्तु मेरी दृष्टि में शुद्ध है, और कौन-सी अशुद्ध। उन्होंने मेरे पवित्र विश्राम-दिवस की उपेक्षा की है जिसके कारण मैं अपवित्र समझा गया हूँ।
अत: विश्व की भिन्न-भिन्न कौमों, राष्ट्रों और भाषाओं के लोगों ने ऐसा ही किया। उन्होंने जिस क्षण नरसिंगे, बांसुरी, वीणा, सारंगी, सितार, शहनाई तथा अन्य सब प्रकार के वाद्ययंत्रों का स्वर सुना, वे तत्काल राजा नबूकदनेस्सर द्वारा स्थापित स्वर्ण-मूर्ति के सम्मुख गिरे, और यों उन्होंने मूर्ति के प्रति सम्मान प्रकट किया।