5 जैसे ही राजाज्ञा यरूशलेम के नागरिकों को मालूम हुई, वैसे ही सब इस्राएली प्रचुर मात्रा में अन्न, अंगूर, तेल, शहद तथा खेत की सब प्रकार की फसल की प्रथम उपज पुरोहितों और उप-पुरोहितों को देने लगे। वे सब वस्तुओं का दशमांश प्रचुर मात्रा में लाए।
5 देश के चारों ओर के लोगों ने इस आदेश के बारे में सुना। अत: इस्राएल के लोगों ने अपने अन्न, अंगूर, तेल, शहद और जो कुछ भी वे अपने खेतों में उगाते थे उन सभी फसलों का पहला भाग दिया। वे स्वेच्छा से इन सभी चीजों का दसवाँ भाग लाए।
5 यह आज्ञा सुनते ही इस्राएली अन्न, नया दाखमधु, टटका तेल, मधु आादि खेती की सब भांति की पहिली उपज बहुतायत से देने, और सब वस्तुओं का दशमांश अधिक मात्रा में लाने लगे।
5 यह आज्ञा सुनते ही इस्राएली अन्न, नया दाखमधु, तेल, मधु आदि खेती की सब भाँति की पहली उपज बहुतायत से देने, और सब वस्तुओं का दशमांश अधिक मात्रा में लाने लगे।
5 जैसे ही यह आदेश दिया गया, इस्राएल के वंशज भारी मात्रा में अन्न की पहली उपज, नया अंगूर का रस, तेल, शहद और खेतों की उपज लेकर आने लगे. इसके अलावा वे बड़ी मात्रा में इन सबका दसवां अंश भी लाने लगे.
5 यह आज्ञा सुनते ही इस्राएली अन्न, नया दाखमधु, टटका तेल, मधु आदि खेती की सब भाँति की पहली उपज बहुतायत से देने, और सब वस्तुओं का दशमांश अधिक मात्रा में लाने लगे।
उसी दिन भण्डार-गृहों के संरक्षकों की नियुिक्त की गई। इन भण्डार-गृहों में मन्दिर में चढ़ाई गई भेंट, उपज का प्रथम फल और दशमांश रहता था। इनके अतिरिक्त पुरोहितों और उपपुरोहितों के नियत भाग भी रहते थे, जो नगर के खेतों से एकत्र किए जाते थे। यह धर्म-व्यवस्था के अनुसार निर्धारित कर दिया गया था। यहूदा प्रदेश की जनता परमेश्वर की सेवा करनेवाले पुरोहितों और उपपुरोहितों से प्रसन्न थी।
प्रभु हारून से फिर बोला, ‘मुझे चढ़ाई गई भेंटों का शेष भाग, इस्राएली समाज की समस्त पवित्र की हुई वस्तुएँ, मैंने तुझे प्रदान की हैं। मैंने उनको तेरा भाग और तेरे पुत्रों का स्थायी देय-भाग निर्धारित करके प्रदान किया है।
और सृष्टि ही नहीं, वरन् हम भी भीतर-ही-भीतर कराहते हैं। हमें तो पवित्र आत्मा मिल चुका है, जो परमेश्वर के कृपादानों का प्रथम फल है। लेकिन हम अपने शरीर की विमुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जब हम परमेश्वर की दत्तक संतान होंगे।
ये वे लोग हैं जो मूर्तिपूजा के संसर्ग से दूषित नहीं हुए हैं, ये कुँवारे हैं। जहाँ कहीं भी मेमना जाता है, ये उसके साथ चलते हैं। परमेश्वर और मेमने के लिए प्रथम फल के रूप में इन्हें मनुष्यों में से खरीदा गया है।