24 तब पुरोहितों ने उनका वध किया, और उनके रक्त से वेदी पर पाप-बलि अर्पित की, जिससे समस्त इस्राएली राष्ट्र के पाप का प्रायश्चित् हो जाए। राजा ने यह आदेश दिया था कि अग्नि-बलि और पाप-बलि न केवल यहूदा प्रदेश की जनता के लिए वरन् समस्त इस्राएली राष्ट्र के लिए अर्पित की जाए।
24 तब याजकों ने उन को बलि कर के, उनका लोहू वेदी पर छिड़क कर पापबलि किया, जिस से सारे इस्राएल के लिये प्रायश्चित्त किया जाए। क्योंकि राजा ने सारे इस्राएल के लिये होमबलि और पापबलि किए जाने की आज्ञा दी थी।
24 तब याजकों ने उनको बलि करके, उनका लहू वेदी पर छिड़क कर पापबलि किया, जिससे सारे इस्राएल के लिये प्रायश्चित्त किया जाए। क्योंकि राजा ने सारे इस्राएल के लिये होमबलि और पापबलि किए जाने की आज्ञा दी थी।
24 पुरोहितों ने उनका वध किया, उनके लहू को वेदी पर छिड़का कि सारे इस्राएलियों के लिए प्रायश्चित किया जाए, क्योंकि राजा का आदेश था कि होमबलि और पापबलि सारे इस्राएल के लिए चढ़ाई जाए.
24 तब याजकों ने उनको बलि करके, उनका लहू वेदी पर छिड़ककर पापबलि किया, जिससे सारे इस्राएल के लिये प्रायश्चित किया जाए। क्योंकि राजा ने सारे इस्राएल के लिये होमबलि और पापबलि किए जाने की आज्ञा दी थी।
राजा हिजकियाह ने इस्राएल तथा यहूदा प्रदेशों के निवासियों के पास सन्देश-वाहक भेजे। उसने एफ्रइम तथा मनश्शे गोत्र के क्षेत्रों में रहनेवाले अपने जाति-बन्धुओं को भी पत्र लिखे कि वे इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर के लिए पास्का का पर्व मनाने के उद्देश्य से यरूशलेम नगर में स्थित प्रभु-भवन में आएं;
उन्होंने इस प्रतिष्ठापन-पर्व पर परमेश्वर को एक सौ बछड़े, दो सौ मेढ़े, चार सौ मेमने चढ़ाए। इनके अतिरिक्त उन्होंने पाप-बलि में इस्राएली कौम के बारह कुलों की संख्या के अनुरूप बारह बकरे भी चढ़ाए।
इस्राएल के पितृकुलों में से प्रत्येक कुल दो सौ भेड़ पीछे एक भेड़ भेंट में चढ़ाएगा। स्वामी-प्रभु यह कहता है: तुम अपने प्रायश्चित के लिए अन्न-बलि और सहभागिता-बलि में यह ही चढ़ाना।
इस्राएल देश के शासक का यह कर्त्तव्य है कि वह इन नियत पर्वों, नवचन्द्र दिवसों, और विश्राम-दिवसों पर अग्नि-बलि, अन्न-बलि और पेय-बलि का प्रबंध करे। वह इस्राएली जनता की ओर से प्रायश्चित करने के लिए पाप-बलि, अन्न-बलि, अग्नि-बलि और सहभागिता-बलि का प्रबंध करेगा।’
“तेरी कौम और तेरे पवित्र नगर के लिए वर्षों के सत्तर सप्ताह निश्चित किए गए हैं। इन वर्षों के व्यतीत होने में सब प्रकार के अपराध समाप्त हो जाएँगे, पाप का अन्त हो जाएगा, अधर्म का प्रायश्चित कराया जाएगा, धार्मिकता शाश्वत बना दी जाएगी, दर्शन और नबूवत सत्य प्रमाणित होगी और “परम पवित्र’ को अभ्यंजित किया जाएगा।
तब मूसा ने उसको बलि किया। उन्होंने उसका रक्त लिया, और उसको अंगुली से वेदी के सींगों के चारों ओर लगा दिया। यों उन्होंने वेदी को शुद्ध किया और रक्त वेदी की आधार-पीठिका में उण्डेल दिया। उसके प्रायश्चित्त के निमित्त उसको पवित्र किया।
हारून ने लोगों का चढ़ावा चढ़ाया। पाप-बलि का बकरा जो लोगों के लिए था, उसे उसने लिया और उसका वध किया। तत्पश्चात् उसे भी प्रथम पाप-बलि के सदृश पाप के हेतु अर्पित किया।
इसलिए यह आवश्यक था कि वह सभी बातों में अपने भाई-बहिनों† के सदृश बन जायें, जिससे वह परमेश्वर-सम्बन्धी बातों में मनुष्यों के दयालु और विश्वस्त महापुरोहित के रूप में प्रजा के पापों का प्रायश्चित कर सकें।