12 वहाँ एफ्रइम कुल-क्षेत्र के कुछ अगुए थे। उनके नाम इस प्रकार हैं: अजर्याह बेन-योहानान, बेरेक्याह बेन-मशिल्लेमोत, यहिजकियाह बेन-शल्लूम, और अमासा बेन-हद्लै। ये अगुए युद्ध से लौटनेवाले इस्राएली सैनिकों के सम्मुख खड़े हो गए।
12 तब एप्रैम के कुछ प्रमुखों ने इस्राएल के सैनिकों को युद्ध से लौटकर घर आते देखा। वे प्रमुख इस्राएल के सैनिकों से मिले और उन्हें चेतावनी दी। वे प्रमुख योहानान का पुत्र अजर्याह, मशिल्लेमोत का पुत्र बेरेक्याह, शल्लूम का पुत्र यहिजकिय्याह और हदलै का पुत्र अमासा थे।
12 तब एप्रैमियों के कितने मुख्य पुरुष अर्थात योहानान का पुत्र अजर्याह, मशिल्लेमोत का पुत्र बेरेक्याह, शल्लूम का पुत्र यहिजकिय्याह, और हदलै का पुत्र अमासा, लड़ाई से आने वालों का साम्हना कर के, उन से कहने लगे।
12 तब एप्रैमियों के कुछ मुख्य पुरुष, अर्थात् योहानान का पुत्र अजर्याह, मशिल्लेमोत का पुत्र बेरेक्याह, शल्लूम का पुत्र यहिजकिय्याह, और हदलै का पुत्र अमासा, लड़ाई से आनेवालों का सामना करके, उनसे कहने लगे,
12 तब एफ्राईम के वंशजों में के कुछ प्रमुख—येहोहानन का पुत्र अज़रियाह, मेशिल्लेमोथ का पुत्र बेरेखियाह, शल्लूम का पुत्र येहिज़किय्याह और हादलाई का पुत्र अमासा-उनके विरुद्ध हो गए, जो युद्ध से लौट रहे थे.
12 तब एप्रैमियों के कुछ मुख्य पुरुष अर्थात् योहानान का पुत्र अजर्याह, मशिल्लेमोत का पुत्र बेरेक्याह, शल्लूम का पुत्र यहिजकिय्याह, और हदलै का पुत्र अमासा, लड़ाई से आनेवालों का सामना करके, उनसे कहने लगे।
दाऊद ने यरूशलेम नगर में इस्राएली राष्ट्र के सब उच्चाधिकारियों को एकत्र किया। ये विभिन्न कुलों के मुखिया, राजा की शासकीय सेवा में संलग्न विभिन्न विभागों के अध्यक्ष, हजार-हजार सैनिक दलों के नायक, सौ-सौ सैनिक दलों के नायक, राजकीय धन-सम्पत्ति के कोषाध्यक्ष, राजा और राजपुत्रों की पशु-शालाओं के अधिकारी थे। इनके अतिरिक्त खोजा, योद्धा और सशक्त सैनिक यरूशलेम नगर में एकत्र हुए।
अब तुम मेरी बात सुनो, और अपने जाति भाई-बन्धुओं को, जिन्हें तुमने बन्दी बना लिया है, वापस यहूदा प्रदेश भेज दो; क्योंकि प्रभु की भयंकर क्रोधाग्नि तुम पर भड़कनेवाली है।’
उन्होंने उनसे कहा, ‘तुम इन बन्दियों को हमारे प्रदेश में यहाँ मत लाओ। तुम्हारे इस कार्य के कारण हम प्रभु के प्रति दोषी ठहरेंगे। हम प्रभु के प्रति अपराधी और दोषी हैं ही। उनमें एक और अपराध जुड़ जाएगा। हम प्रभु के प्रति महाअपराध कर चुके हैं; और उसकी क्रोधाग्नि हम इस्राएलियों पर भड़की हुई है।’
एफ्रइम कुल-क्षेत्र के अगुए, जिनके नाम ऊपर लिखे हुए हैं, उठे, और उन्होंने बन्दियों को संभाला। उनमें अनेक बन्दी नंगे थे। उनको अगुओं ने लूट के माल से वस्त्र पहिनाए। उन्होंने न केवल कपड़े पहिनाए, वरन् पैरों में जूते भी पहिनाए। उनको खाने को भोजन दिया, और पीने को पानी। उनके सिर पर तेल मल। कमजोर और बीमारों को गधे पर बैठाया, और सब बन्दी जनों को उनके जाति भाई-बन्धुओं के पास खजूर वृक्षों के नगर यरीहो पहुंचा दिया। तत्पश्चात् अगुए सामरी नगर को लौट गए।