14 पुरोहित यहोयादा ने शतपतियों को, जो सेनापति नियुक्त किए गए थे, यह आदेश दिया, ‘सेना-पंिक्त के मध्य से अतल्याह को बाहर निकालो। जो व्यक्ति उसका पक्ष ले, उसको तलवार से मौत के घाट उतार दो।’ पुरोहित यहोयादा ने यह कहा, ‘प्रभु के भवन में उसकी हत्या नहीं होनी चाहिए।’
14 याजक यहोयादा सेना के नायकों को बाहर लाया। उसने उनसे कहा, “अतल्याह को, सेना से, बाहर ले आओ। अपनी तलवार का उपयोग उस व्यक्ति को मार डालने के लिये करो जो उसके साथ जाता है।” तब याजक ने सैनिकों को चेतावनी दी, “अतल्याह को यहोवा के मन्दिर में मत मारो।”
14 तब यहोयादा याजक ने दल के अधिकारी शतपतियों को बाहर लाकर उन से कहा, कि उसे अपनी पांतियों के बीच से निकाल ले जाओ; और जो कोई उसके पीछे चले, वह तलवार से मार डाला जाए। याजक ने कहा, कि उसे यहोवा के भवन में न मार डालो।
14 तब यहोयादा याजक ने दल के अधिकारी शतपतियों को बाहर लाकर उनसे कहा, “उसे अपनी पंक्तियों के बीच से निकाल ले जाओ; और जो कोई उसके पीछे चले, वह तलवार से मार डाला जाए।” याजक ने कहा, “उसे यहोवा के भवन में न मार डालो।”
14 पुरोहित यहोयादा ने शतपतियों को, जो सेना के अधिकारी थे, आदेश दिया: “उसे बाहर पंक्तियों के बीच में लाया जाए” और जो कोई उसके प्रति सच्चा व्यक्ति हो, उसको तलवार से मार डाला जाए. पुरोहित यह आदेश दे चुका था, “याहवेह के भवन में उसका वध न किया जाए.”
14 तब यहोयादा याजक ने दल के अधिकारी शतपतियों को बाहर लाकर उनसे कहा, “उसे अपनी पंक्तियों के बीच से निकाल ले जाओ; और जो कोई उसके पीछे चले, वह तलवार से मार डाला जाए।” याजक ने कहा, “उसे यहोवा के भवन में न मार डालो।”
जब येहू ने अग्नि-बलि चढ़ाना समाप्त किया तब उसने अंगरक्षकों और सेना-नायकों को आदेश दिया, ‘भीतर जाओ, और बअल देवता के सेवकों का वध करो। सावधान! एक भी आदमी बचकर भाग न सके।’ अत: उन्होंने तलवार से उनको मौत के घाट उतार दिया, और उनके शव बाहर फेंक दिए। तत्पश्चात् वे बअल देवता के मन्दिर के भीतरी कक्ष में घुसे
पुरोहित यहोयादा ने शतपतियों को, जो सेनापति नियुक्त किए गए थे, यह आदेश दिया, ‘सेना-पंिक्त के मध्य से अतल्याह को बाहर निकालो। जो व्यक्ति उसका पक्ष ले, उसको तलवार से मौत के घाट उतार दो।’ पुरोहित यहोयादा यह सोचता था कि प्रभु के भवन में उसकी हत्या नहीं होनी चाहिए।
तुम राजकुमार को चारों ओर से घेरे रहोगे : प्रत्येक सैनिक सशस्त्र होगा। जो व्यक्ति सेना-पंिक्त के समीप आएगा, उसको तत्काल मौत के घाट उतार देना। जहां-कहीं राजकुमार जाए अथवा लौटकर वहां से आए, तुम उसके साथ रहना।’
उसने देखा, प्रवेश-द्वार पर राजा राजकीय मंच पर खड़ा है। शतपति और तुरही-वादक भी राजा के समीप खड़े हैं। आम जनता आनन्द मना रही है। वे नरसिंगे फूंक रहे हैं। गायक अपने हाथों में वाद्य-यन्त्र लिए हुए समारोह का संचालन कर रहे हैं। अतल्याह ने अपने राजसी वस्त्र फाड़ दिए, और वह चिल्लाई, ‘यह राज-द्रोह है!’
फिर उसने जल्लादों को आदेश दिया, ‘मेरे भवन को लाशों से अशुद्ध कर दो। आंगनों को शवों से भर दो। अब जाओ, मन्दिर के बाहर जाओ।’ जल्लाद मन्दिर से बाहर निकले, और उन्होंने यरूशलेम नगर में घृणित कार्य करनेवालों का वध कर दिया।