17 जैसे ही शमुएल की दृष्टि शाऊल पर पड़ी, याहवेह ने उनसे कहा, “यही है वह व्यक्ति जिसके विषय में मैंने तुम्हें संकेत दिया था; यही मेरी प्रजा का शासक होगा.”
अत: मैंने आदेश दिया कि जब विश्राम-दिवस आरम्भ होने के पूर्व अन्धेरा होने लगे, तब यरूशलेम के प्रवेश-द्वारों को बन्द कर दिया जाए, और जब तक विश्राम-दिवस समाप्त न हो जाए तब तक उनको न खोला जाए। मैंने अपने निजी सेवक प्रवेश-द्वारों पर नियुक्त किए और उन्हें आदेश दिया कि माल-असबाब का कोई भी बोझ विश्राम-दिवस पर शहर के भीतर नहीं आएगा।
तब मैंने उन्हें डांटा और उन्हें कटु शब्द कहे। मैंने कुछ को मारा-पीटा और उनके बाल नोचे। मैंने परमेश्वर के नाम पर उन्हें यह शपथ दी : ‘तुम गैर-यहूदी कौमों के पुत्रों से अपनी पुत्रियों का विवाह नहीं करोगे, और न अपना और न अपने पुत्रों का विवाह उनकी पुत्रियों से करोगे।
‘प्रभु के वचन के अनुसार मेरा चचेरा भाई हनमएल मेरे पास आया। वह मुझ से राजमहल के अंगरक्षकों के आंगन में मिला। उस ने मुझ से कहा, “आप बिन्यामिन कुल-क्षेत्र के नगर अनातोत के मेरे खेत को खरीद लीजिए; क्योंकि उस को मोल ले कर सम्पत्ति को छुड़ाने का अधिकार केवल आप का है। आप मेरे खेत को अपने लिए खरीद लीजिए।” तब मुझे निश्चय हो गया कि यह प्रभु का ही सन्देश था।
तब उन्होंने अपने लिए एक राजा की माँग की और परमेश्वर ने उनके लिए बिन्यामिन कुल में उत्पन्न कोश के पुत्र शाऊल को नियुक्त किया, जो चालीस वर्ष तक राज्य करता रहा।
तू उसे यह बात बताएगा कि मैं उसके परिवार को स्थाई रूप से दण्डित कर रहा हूँ; क्योंकि वह अपने पुत्रों के अधर्म को जानता था कि वे परमेश्वर की निन्दा कर रहे हैं, फिर भी उसने उन्हें नहीं रोका!