सैनिकों ने कहा, ‘महाराज, आप नगर के बाहर नहीं जाएँगे। यदि हमें भागना पड़ेगा तो शत्रु हमारी ओर ध्यान नहीं देंगे। सेना के आधे सैनिक वीरगति प्राप्त करेंगे, तो भी वे हमारी ओर ध्यान नहीं देंगे। परन्तु महाराज, आप दस हजार सैनिकों के बराबर हैं। इसलिए, अच्छा यह होगा कि आप नगर में ठहर कर यहाँ से हमें सहायता भेजें।’
ये दाऊद के अन्तिम वचन हैं : ‘यिशय के पुत्र दाऊद की वाणी, परमेश्वर द्वारा उच्च स्थान पर प्रतिष्ठित किए गए व्यक्ति की वाणी; याकूब के परमेश्वर के अभिषिक्त, इस्राएली राष्ट्र के प्रिय गायक की वाणी।
मिर्याम उनके साथ यह टेक गा रही थी : ‘प्रभु के निमित्त गीत गाओ, उसने अद्भुत रीति से विजय प्राप्त की; उसने अश्वों और अश्वारोहियों को सागर में बहा दिया।’
आकीश के कर्मचारियों ने राजा से कहा, ‘क्या यह दाऊद अपने देश का राजा नहीं हैं? क्या इन्हीं के सम्मान में लोग नाचते हुए यह गीत नहीं गाते : “शाऊल ने मारा हजारों को, पर दाऊद ने मारा लाखों को!” ?’