1 शमूएल 18:25 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)25 शाऊल ने कहा, ‘तुम यों दाऊद से कहना, “राजा को दहेज में कुछ नहीं चाहिए। उसे केवल सौ पलिश्तियों के लिंग की खलड़ी चाहिए। राजा अपने पलिश्ती शत्रुओं से बदला लेना चाहता है।” ’ शाऊल ने यह उपाय किया था कि दाऊद पलिश्तियों के हाथ से मारा जाए। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल25 शाऊल ने उनसे कहा, “दाऊद से यह कहो, ‘दाऊद, राजा यह नहीं चाहता कि तुम उसकी पुत्री के लिये धन दो! शाऊल अपने शत्रुओं से बदला लेना चाहता है। इसलिए विवाह करने के लिये कीमत के रूप में केवल सौ पलिश्तियों की खलडियाँ हैं।’” यह शाऊल की गुप्त योजना थी। शाऊल ने सोचा कि पलिश्ती इस प्रकार दाऊद को मार डालेंगे। अध्याय देखेंHindi Holy Bible25 तब शाऊल ने कहा, तुम दाऊद से यों कहो, कि राजा कन्या का मोल तो कुछ नहीं चाहता, केवल पलिश्तियों की एक सौ खलडिय़ां चाहता है, कि वह अपने शत्रुओं से पलटा ले। शाऊल की मनसा यह थी, कि पलिश्तियों से दाऊद को मरवा डाले। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)25 तब शाऊल ने कहा, “तुम दाऊद से यों कहो, ‘राजा कन्या का मोल तो कुछ नहीं चाहता, केवल पलिश्तियों की एक सौ खलड़ियाँ चाहता है, कि वह अपने शत्रुओं से बदला ले’।” शाऊल की योजना यह थी कि पलिश्तियों से दाऊद को मरवा डाले। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल25 शाऊल ने इसका उत्तर इस प्रकार दिया, “दावीद से यह कहना, ‘राजा तुमसे कोई बेटी के मोल की उम्मीद नहीं कर रहे. वह तुम्हारे द्वारा फिलिस्तीनियों से सिर्फ बदला ही लेना चाहते हैं. तब इसके लिए तुम्हें उन्हें सिर्फ एक सौ फिलिस्तीनी पुरुषों के लिंग की खाल लाकर देना होगा.’ ” इसके द्वारा शाऊल सिर्फ यह चाह रहे थे कि दावीद फिलिस्तीनियों के हाथ में पड़ जाएं और मारे जाएं. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201925 तब शाऊल ने कहा, “तुम दाऊद से यह कहो, ‘राजा कन्या का मोल तो कुछ नहीं चाहता, केवल पलिश्तियों की एक सौ खलड़ियाँ चाहता है, कि वह अपने शत्रुओं से बदला ले।’” शाऊल की योजना यह थी, कि पलिश्तियों से दाऊद को मरवा डाले। अध्याय देखें |
एक दिन शाऊल ने दाऊद से कहा, ‘देखो, यह मेरी बड़ी पुत्री मेरब है। मैं इसका विवाह तुम्हारे साथ कर दूंगा। पर शर्त यह है कि तुम्हें मेरे लिए शौर्य का प्रदर्शन करना होगा कि तुम शूरवीर हो। तुम्हें प्रभु के युद्ध लड़ने होंगे।’ शाऊल हृदय में यह कहता था, ‘अच्छा हो कि दाऊद पलिश्तियों के हाथ से मारा जाए, मेरे हाथ से नहीं।’