42 जब उसने राज्य करना आरम्भ किया तब वह पैंतीस वर्ष का था। वह राजधानी यरूशलेम में पच्चीस वर्ष तक राज्य करता रहा। उसकी माता का नाम अजूबाह बत-शिलही था।
42 यहोशापात जब राजा हुआ तब वह पैंतीस वर्ष का था। यहोशापात ने यरूशलेम में पच्चीस वर्ष तक राज्य किया। यहोशापात की माँ का नाम अजूबा था। अजूबा शिल्ही की पुत्री थी।
42 जब यहोशापात राज्य करने लगा, तब वह पैंतीस वर्ष का था। और पचीस पर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा। और उसकी माता का नाम अजूबा था, जो शिल्ही की बेटी थी।
42 जब यहोशापात राज्य करने लगा, तब वह पैंतीस वर्ष का था, और पच्चीस वर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा। उसकी माता का नाम अजूबा था, जो शिल्ही की बेटी थी।
42 जब उसने शासन की बागडोर संभाली, उसकी उम्र पैंतीस साल की थी. उन्होंने येरूशलेम में पच्चीस साल शासन किया. उसकी माता का नाम अत्सूबा था, वह शिल्ही की पुत्री थी.
42 जब यहोशापात राज्य करने लगा, तब वह पैंतीस वर्ष का था और पच्चीस वर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा। और उसकी माता का नाम अजूबा था, जो शिल्ही की बेटी थी।
यहूदा प्रदेशों में सुलेमान का पुत्र रहबआम राज्य करता था। जब उसने राज्य करना आरम्भ किया, तब उसकी आयु इकतालीस वर्ष की थी। उसने राजधानी यरूशलेम में सत्रह वर्ष तक राज्य किया। प्रभु ने अपने नाम को प्रतिष्ठित करने के लिए इस्राएल के समस्त कुलों के भूमि-क्षेत्रों से इस यरूशलेम नगर को चुना था। रहबआम की मां का नाम नामाह था। वह अम्मोन देश की थी।
यहोशाफट ने अपने पिता आसा के मार्ग का अनुसरण किया। उसने अपने पिता का मार्ग नहीं छोड़ा। उसने वही कार्य किया, जो प्रभु की दृष्टि में उचित था। फिर भी पहाड़ी शिखर की वेदियां नहीं तोड़ी गईं। लोग इन वेदियों पर बलि चढ़ाते और सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाते रहे।
यों प्रभु के वचन के अनुसार, जैसा एलियाह ने कहा था, राजा अहज्याह की मृत्यु हो गई। अहज्याह के कोई पुत्र नहीं था। इसलिए उसके स्थान पर उसका भाई यहोराम राज्य करने लगा। वह यहूदा प्रदेश के राजा योराम के राज्यकाल के दूसरे वर्ष में सिंहासन पर बैठा था। योराम यहोशाफट का पुत्र था।
इस प्रकार यहोशाफट ने यहूदा प्रदेश पर राज्य किया। जब उसने राज्य करना आरम्भ किया तब वह पैंतीस वर्ष का था। वह राजधानी यरूशलेम में पच्चीस वर्ष तक राज्य करता रहा। उसकी माता का नाम अजूबाह बत-शिलही था।