बेन-हदद ने उससे कहा, ‘जो नगर मेरे पिता ने आपके पिता के हाथ से छीने थे, उन्हें मैं आपको लौटा दूंगा। जैसे मेरे पिता ने अपना माल बेचने के लिए सामरी नगर में व्यापार केन्द्र स्थापित किए थे, वैसे आप भी दमिश्क नगर में व्यापार केन्द्र स्थापित कर सकते हैं।’ अहाब ने कहा, ‘मैं सन्धि की इन्हीं शर्तों के आधार पर तुम्हें छोड़ता हूं।’ अहाब ने बेन-हदद से सन्धि स्थापित की, और उसे मुक्त कर दिया।