8 ईजेबेल ने राजा अहाब के नाम में पत्र लिखे। उसने उन पर अहाब की मुहर लगाई। तत्पश्चात् ईजेबेल ने पत्रों को नाबोत के नगर में रहने वाले धर्मवृद्धों और अभिजात वर्ग के लोगों के पास भेजा।
8 तब ईजेबेल ने कुछ पत्र लिखे। उसने पत्रों पर अहाब के हस्ताक्षर बनाये। उसने अहाब की मुहर पत्रों को बन्द करने के लिये उन पर लगाई। तब उसने उन्हें अग्रजों (प्रमुखों) और विशेष व्यक्तियों के पास भेजे जो उसी नगर में रहते थे जिसमें नाबोत रहता था।
तब इस्राएल प्रदेश के राजा ने अपने प्रदेश के सब धर्मवृद्धों को बुलाया। उसने उनसे यह कहा, ‘आप इस बात पर विचार कीजिए। आप इस बात पर ध्यान दीजिए। यह व्यक्ति, बेन-हदद, हमसे झगड़ा मोल लेना चाहता है। उसने सन्देश भेजा है कि वह मेरा सोना-चांदी, मेरी स्त्रियां और बच्चे मुझसे छीन लेगा। मैं उसकी मांग को ठुकरा नहीं सकता।’
येहू ने यिज्रएल नगर में रहने वाले अहाब के राज-परिवार के शेष सदस्यों का भी वध कर दिया। उसने वहां अहाब के प्रमुख व्यक्तियों, उनके घनिष्ठ मित्रों, और पुरोहितों को भी मार डाला। उसने उनमें से एक भी व्यक्ति को जीवित नहीं छोड़ा।
सनहेरिब ने इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर की निन्दा करते हुए पत्र भी लिखे। उस ने प्रभु परमेश्वर के विरुद्ध ये बातें लिखी थीं, “जैसे विश्व की अन्य कौमों और देशों के राष्ट्रीय देवी-देवता अपने निज लोगों को मेरे पंजे से नहीं छुड़ा सके, वैसे ही हिजकियाह का परमेश्वर भी अपने निज लोगों को मेरे पंजे से नहीं छुड़ा सकेगा।”
जो अभियोग-पत्र भेजा गया, उसकी प्रतिलिपि यह है : ‘महाराज अर्तक्षत्र की सेवा में, फरात नदी के पश्चिम क्षेत्र के निवासी, आपके सेवक शुभकामनाएं भेज रहे हैं।
प्रभु मूसा से बोला, ‘मेरे लिए इस्राएल के सत्तर धर्मवृद्ध एकत्र कर जिनको तू जानता है कि वे लोगों के धर्मवृद्ध और पदाधिकारी हैं। तू उनको मिलन-शिविर में ला। वहाँ वे तेरे साथ खड़े हों।
नगर के द्वार पर बैठे हुए सब लोगों ने कहा, ‘हम गवाह हैं।’ वृद्धों ने यह आशिष दी : ‘प्रभु तुम्हारे घर में प्रवेश करनेवाली इस स्त्री को राहेल और लेआ के सदृश बनाए, जिन्होंने इस्राएल का घर बसाया था। तुम एप्राता में धन-सम्पत्ति से समृद्ध हो, और बेतलेहम नगर में विख्यात।