तब इस्राएल प्रदेश के राजा ने अपने प्रदेश के सब धर्मवृद्धों को बुलाया। उसने उनसे यह कहा, ‘आप इस बात पर विचार कीजिए। आप इस बात पर ध्यान दीजिए। यह व्यक्ति, बेन-हदद, हमसे झगड़ा मोल लेना चाहता है। उसने सन्देश भेजा है कि वह मेरा सोना-चांदी, मेरी स्त्रियां और बच्चे मुझसे छीन लेगा। मैं उसकी मांग को ठुकरा नहीं सकता।’
अत: अहाब ने बेन-हदद के दूतों को उत्तर दिया, ‘तुम मेरे स्वामी महाराज से यह कहना : जो मांग आपने अपने सेवक से पहले की थी, उसकी पूर्ति मैं करूंगा। परन्तु इस दूसरी मांग को पूर्ण करने में मैं असमर्थ हूं।’ इस उत्तर के साथ दूत लौट गए।