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1 इतिहास 21:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

13 दाऊद ने गाद से कहा, ‘मैं बड़े संकट में हूँ। मैं प्रभु के हाथ से मारा जाना पसन्‍द करता हूँ; क्‍योंकि प्रभु महादयालु है। परन्‍तु मैं मनुष्‍य के हाथ में नहीं पड़ना चाहता।’

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पवित्र बाइबल

13 दाऊद ने गाद से कहा, “मैं विपत्ति में हूँ! मैं नहीं चाहता कि कोई व्यक्ति मेरे दण्ड का निश्चय करे। यहोवा बहुत दयालू है, अतः यहोवा को ही निर्णय करने दो कि मुझे कैसे दण्ड दे।”

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Hindi Holy Bible

13 दाऊद ने गाद से कहा, मैं बड़े संकट में पड़ा हूँ; मैं यहोवा के हाथ में पड़ूं, क्योंकि उसकी दया बहुत बड़ी है; परन्तु मनुष्य के हाथ में मुझे पड़ना न पड़े।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

13 दाऊद ने गाद से कहा, “मैं बड़े संकट में पड़ा हूँ; मैं यहोवा के हाथ में पड़ूँ, क्योंकि उसकी दया बहुत बड़ी है; परन्तु मनुष्य के हाथ में मुझे पड़ना न पड़े।”

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सरल हिन्दी बाइबल

13 दावीद ने गाद से कहा, “मैं घोर संकट में हूं. कृपया मुझे याहवेह के हाथ में पड़ जाने दीजिए, क्योंकि बहुत बड़ी है उनकी दया. बस, मुझे किसी मनुष्य के हाथ में न पड़ने दीजिए.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

13 दाऊद ने गाद से कहा, “मैं बड़े संकट में पड़ा हूँ; मैं यहोवा के हाथ में पड़ूँ, क्योंकि उसकी दया बहुत बड़ी है; परन्तु मनुष्य के हाथ में मुझे पड़ना न पड़े।”

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1 इतिहास 21:13
31 क्रॉस रेफरेंस  

परमेश्‍वर के जन एलीशा प्रात:काल सोकर उठे। वह बाहर निकले। उन्‍होंने देखा कि घोड़ों, और रथों के साथ सेना ने नगर को चारों ओर से घेर लिया है। एलीशा के सेवक ने उनसे कहा, ‘हाय! गुरुजी, अब हम क्‍या करें?’


यदि हम यह कहेंगे, “आओ हम नगर में प्रवेश करें” तो नगर में अकाल फैला है, और हम वहां मर जाएंगे। परन्‍तु यदि हम यहां बैठे रहेंगे, तो यहां भी हम भूख से मर जाएंगे। इसलिए, आओ, चलें। हम सीरियाई सेना के पड़ाव पर जाएंगे। यदि वे हमें जीवित छोड़ देंगे तो हम जीवित रहेंगे। यदि वे हमें मार डालेंगे, तो हम मर जाएंगे।’


उनके मध्‍य वहाँ प्रभु का एक नबी था। उसका नाम ओबेद था। जब इस्राएली प्रदेश के सैनिक सामरी नगर में पहुंचे, तब वह उनसे मिलने के लिए गया। नबी ओबेद ने उनसे कहा, ‘यह सच है कि तुम्‍हारा प्रभु परमेश्‍वर यहूदा प्रदेश के निवासियों से क्रुद्ध था; और इसलिए उसने तुम्‍हारे हाथ में उनको सौंप दिया। किन्‍तु तुमने निर्दयता से उनका महासंहार किया। उनकी करुण चीत्‍कार परमेश्‍वर के पास स्‍वर्ग तक पहुँची है।


‘महाराज के सब सेवक तथा साम्राज्‍य के सब प्रदेशों के निवासी यह बात जानते हैं कि जो स्‍त्री या पुरुष बिना बुलाए महल के अन्‍त:पुर में प्रवेश करेगा, उसके लिए केवल एक नियम है : प्राणदण्‍ड! यह नियम सब पर लागू है और केवल वह व्यक्‍ति प्राणदण्‍ड से बच सकता है जिसकी ओर महाराज अपने स्‍वर्ण राजदण्‍ड से संकेत करते हैं। मैं तीस दिन से महाराज के पास नहीं बुलाई गई हूँ।’


‘जाओ, और शूशन नगर के सब यहूदियों को एकत्र करो, और मेरे लिए सामूहिक उपवास करो। तीन दिन और रात न भोजन करना, और न पानी पीना। तुम्‍हारे समान मैं भी अपनी सखियों के साथ उपवास करूंगी। तब मैं महाराज के पास जाऊंगी, यद्यपि ऐसा करना नियम के विरुद्ध होगा। यदि मुझे मरना ही पड़ेगा तो मैं मर जाऊंगी।’


प्रभु दयालु और कृपालु है, वह विलम्‍ब-क्रोधी और करुणामय है,


जब हमारे पूर्वज मिस्र देश में थे, उन्‍होंने तेरे आश्‍चर्यपूर्ण कर्मों को नहीं समझा, उन्‍होंने तेरी अपार करुणा को स्‍मरण नहीं किया, वरन् सागर पर, लाल सागर पर विद्रोह किया।


हे प्रभु, तेरी अनुकंपा महान है; तू अपने न्‍याय-सिद्धान्‍त के अनुरूप मुझे पुनर्जीवित कर।


पर तेरे साथ क्षमा है, ताकि हम तेरी भक्‍ति करें।


ओ इस्राएल, प्रभु की आशा कर! क्‍योंकि प्रभु के साथ करुणा है। प्रभु के साथ अपार उद्धार है।


पर मैं तेरी अपार करुणा के कारण तेरे घर में प्रवेश करूँगा, मैं तेरे पवित्र मंदिर की ओर भयभाव से वंदना करूंगा।


पर प्रभु, मेरी प्रार्थना तुझ को अर्पित है, हे परमेश्‍वर, कृपा-अवसर पर अपनी महाकरुणा के कारण मुझे उत्तर दे। अपनी सच्‍ची सहायता द्वारा


हे प्रभु, मुझे उत्तर दे; क्‍योंकि तेरी करुणा उत्तम है। अपनी असीम अनुकम्‍पा से मेरी ओर अपना मुख कर,


किन्‍तु तू, हे स्‍वामी, दयालु, कृपालु, विलम्‍ब से क्रोध करनेवाला, करुणा और सच्‍चाई से परिपूर्ण परमेश्‍वर है।


हे स्‍वामी, तू भला और क्षमाशील है, तेरी दुहाई देनेवालों के लिए तू करुणा सागर है।


धार्मिक मनुष्‍य अपने पशु के प्राण की भी चिन्‍ता करता है; पर दुर्जन की दया भी निर्दयता के समान होती है!


वे उसको कंधों पर उठा कर ले जाते और उसको उसके स्‍थान पर प्रतिष्‍ठित कर देते हैं; मूर्ति वहाँ खड़ी रहती है। जब उसके उपासक सहायता के लिए उसे पुकारते हैं, तब वह उनको उत्तर नहीं देती है, वह अपने उपासकों को संकट से नहीं बचाती है।


मैं अपने निज लोग इस्राएलियों से क्रुद्ध था, अत: मैंने अपनी मीरास को अशुद्ध घोषित कर तेरे हाथ में उसे सौंप दिया। पर तूने उन पर दया नहीं की, तूने बूढ़ों पर भी बड़ा भारी जूआ रखा।


दुर्जन मनुष्‍य अपने मार्ग को छोड़ दे, और अधार्मिक व्यक्‍ति अपने बुरे विचारों को। वह प्रभु की ओर लौटे, जिससे प्रभु उस पर दया करे। वह हमारे परमेश्‍वर के पास आए; क्‍योंकि प्रभु उसे पूर्णत: क्षमा करेगा।


प्रभु, स्‍वर्ग से, अपने पवित्र और वैभवपूर्ण निवास-स्‍थान से हम पर दृष्‍टि कर। कहां है तेरा हमारे प्रति उत्‍साह? कहाँ है तेरी शक्‍ति? अपने हृदय की ललक, अपनी दया, हम पर से मत हटा।


जो उपकार प्रभु ने हम पर किए हैं, उनके लिए मैं प्रभु की अपार करुणा का, प्रभु के स्‍तुत्‍य कार्यों का, वर्णन करूंगा। प्रभु ने इस्राएल वंश की अत्‍यन्‍त भलाई की है, यह उसने अपने दयामय स्‍वभाव के कारण, अपनी अपार करुणा के अनुरूप किया है।


यद्यपि वह मनुष्‍य को दु:ख देता है, तथापि वह उस पर दया भी करता है; क्‍योंकि वह करुणा-सागर है।


कौन जानता है, कदाचित परमेश्‍वर अपने निर्णय को बदल दे और अपनी क्रोधाग्‍नि शांत करे और हम नष्‍ट होने से बच जाएं?’


उसने प्रभु से प्रार्थना की। उसने कहा, ‘प्रभु, मेरी तुझसे यह प्रार्थना है: जब मैं अपने देश में था, तब मैंने तुझ से यही तो कहा था; अब तो वही बात हुई। इसी कारण मैं तुरन्‍त तर्शीश नगर को भागा था। मैं जानता था कि तू कृपालु और दयालु परमेश्‍वर है। तू विलम्‍ब से क्रोध करने वाला और करुणा का सागर है। तू विपत्ति ढाहने के अपने निर्णय को बदलता भी है।


हे प्रभु, तेरे समान अधर्म को क्षमा करनेवाला, अपनी मीरास के बचे हुए लोगों के अपराध क्षमा करनेवाला और कौन ईश्‍वर है? तू सदा क्रोध नहीं करता, क्‍योंकि तू करुणा से प्रसन्न होता है।


प्रभु, तूने मुझे जो सुनाया, वह मैंने सुना। प्रभु, तूने जो कार्य किया, वह मैंने देखा। प्रभु, इस कठिन समय में उसे पुन: कर। प्रभु, कठिन समय पर तू स्‍वयं को प्रकट करता है; क्रोध के समय तू अपनी दया को नहीं भूलता।


“अब मेरी आत्‍मा व्‍याकुल है। क्‍या मैं यह कहूँ, ‘पिता! इस घड़ी के संकट से मुझे बचा’? किन्‍तु इसी कारण मैं इस घड़ी तक पहुँचा हूँ।


मैं दोनों ओर खिंचा हुआ हूँ। मैं तो चल देना और मसीह के साथ रहना चाहता हूं। यह निश्‍चय ही सर्वोत्तम है;


जीवन्‍त परमेश्‍वर के हाथ पड़ना कितनी भयंकर बात है!


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