Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -




1 इतिहास 15:29 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

29 जब प्रभु की विधान-मंजूषा ने दाऊदपुर में प्रवेश किया, तब शाऊल की पुत्री मीकल ने खिड़की से झांका। उसने देखा कि राजा दाऊद प्रभु के सम्‍मुख उछल-कूद रहा है, नाच रहा है। उसने अपने हृदय में दाऊद का तिरस्‍कार किया।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबल

29 जब साक्षीपत्र का सन्दूक दाऊद नगर में पहुँचा, मीकल ने खिड़की से देखा। मीकल शाऊल की पुत्री थी। उसने राजा दाऊद को चारों ओर नाचते और बजाते देखा। उसने अपने हृदय में दाऊद के प्रति सम्मान को खो दिया उसने सोचा कि वह मूर्ख बन रहा है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

29 जब यहोवा की वाचा का सन्दूक दाऊदपुर में पहुंचा तब शाऊल की बेटी मीकल ने खिड़की में से झांक कर दाऊद राजा को कूदते और खेलते हुए देखा, और उसे मन ही मन तूच्छ जाना।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

29 जब यहोवा की वाचा का सन्दूक दाऊदपुर में पहुँचा तब शाऊल की बेटी मीकल ने खिड़की में से झाँककर दाऊद राजा को कूदते और खेलते हुए देखा, और उसे मन ही मन तुच्छ जाना।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

29 जैसे ही याहवेह की वाचा का संदूक दावीद-नगर में आया, खिड़की से शाऊल की पुत्री मीखल ने खुशी में नृत्य करते राजा दावीद को देखा और मन ही मन वह दावीद को तुच्छ मानने लगी.

अध्याय देखें प्रतिलिपि

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

29 जब यहोवा की वाचा का सन्दूक दाऊदपुर में पहुँचा तब शाऊल की बेटी मीकल ने खिड़की में से झाँककर दाऊद राजा को कूदते और खेलते हुए देखा, और उसे मन ही मन तुच्छ जाना।

अध्याय देखें प्रतिलिपि




1 इतिहास 15:29
26 क्रॉस रेफरेंस  

जब प्रभु की मंजूषा ने दाऊदपुर में प्रवेश किया, तब शाऊल की पुत्री मीकल ने खिड़की से झांका। उसने देखा कि राजा दाऊद प्रभु के सम्‍मुख उछल-कूद रहा है, नाच रहा है। उसने अपने हृदय में दाऊद का तिरस्‍कार किया।


यों सब इस्राएली प्रभु की विधान-मंजूषा को उठाकर ले चले। वे जय-जयकार कर रहे थे। वे नरसिंगे और तुरहियां फूंक रहे थे। वे झांझ बजा रहे थे। वे सारंगी और वीणा पर राग-रागिनियां बजा रहे थे।


दाऊद अपने महल में रहने लगा। उसने एक दिन नबी नातान से यह कहा, ‘देखिए मैं तो देवदार के महल में रहता हूं, परन्‍तु प्रभु की विधान-मंजूषा तम्‍बू में परदों के मध्‍य पड़ी है!’


वे नृत्‍य से प्रभु के नाम की स्‍तुति करें, डफ और सितार पर उसके लिए राग बजाएँ।


डफ और नृत्‍य से उसकी स्‍तुति करो। वीणा और बांसुरी से उसकी स्‍तुति करो।


तूने मेरे विलाप को हर्ष में बदल दिया; तूने मेरा शोक-सूचक टाट उतार कर मुझे आनन्‍द के वस्‍त्र पहनाए,


तत्‍पश्‍चात हारून की बहन मिर्याम ने, जो नबिया थी, अपने हाथ में खंजरी ली। अन्‍य स्‍त्रियां भी खंजरी लेकर नाचती हुई उसके पीछे गईं।


रोने का समय, और हंसने का समय, शोक मनाने का समय, और नाचने का भी समय नियत है।


उन दिनों में, जब तेरी आबादी इतनी बढ़ जाएगी कि लोग देश में भर जाएंगे, वे “प्रभु की विधान-मंजूषा” के विषय में चर्चा नहीं करेंगे। उसका विचार उनके मस्‍तिष्‍क में नहीं आएगा। वे उसका स्‍मरण नहीं करेंगे। वे उसकी अनुपस्‍थिति भी अनुभव नहीं करेंगे, और नयी विधान-मंजूषा भी नहीं बनाएंगे।


तब नगर में मेरी स्‍तुति के गान सुनाई देंगे; आनन्‍द मनानेवालों का शोर वहां सुनाई देगा। मैं उनकी आबादी बढ़ाऊंगा, और तब वे जनसंख्‍या में थोड़े न होंगे। मैं उनका गौरव दिन दूना - रात चौगुना बढ़ाऊंगा, और वे फिर तुच्‍छ न समझे जाएंगे।


वहां आनन्‍द-उल्‍लास का स्‍वर फिर सुनाई देगा, दूल्‍हा-दुल्‍हिन के हास-परिहास की आवाज सुनाई देगी। जब आराधक प्रभु के भवन में स्‍तुति-बलि चढ़ाने के लिए आएंगे तब वे आनन्‍द से यह गीत गाएंगे: “स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु को धन्‍यवाद दो, क्‍योंकि प्रभु भला है, उसकी करुणा सदा बनी रहती है।” मैं-प्रभु कहता हूं : मैं पहले के समान इस देश की दशा समृद्ध कर दूंगा।’


अत: उन लोगों ने प्रभु के पर्वत से प्रस्‍थान किया, और तीन दिन के मार्ग की दूरी तय की। तीन दिन की इस यात्रा में प्रभु के विधान की मंजूषा उनके लिए विश्राम-स्‍थल ढूंढ़ने के अभिप्राय से उनके आगे-आगे गई।


परंतु दूसरों ने उपहास करते हुए कहा, “ये तो मदिरा पी कर मतवाले हो रहे हैं।”


प्राकृत मनुष्‍य परमेश्‍वर के आत्‍मा की शिक्षा स्‍वीकार नहीं करता। वह उसे मूर्खता मानता और उसे समझने में असमर्थ है, क्‍योंकि आत्‍मा की सहायता से ही उस शिक्षा की परख हो सकती है।


यदि हमें अपनी सुध-बुध नहीं रह गयी थी, तो यह परमेश्‍वर के लिए था और यदि हम अब सन्‍तुलित हैं, तो यह आप लोगों के कल्‍याण के लिए है;


‘व्‍यवस्‍था की यह पुस्‍तक लो, और उसको अपने प्रभु परमेश्‍वर की विधान-मंजूषा के पास रख दो। इसको वहीं रहने देना ताकि वह तुम्‍हारे विरुद्ध साक्षी दे।


वहाँ धूपदान की स्‍वर्णमय वेदी और विधान की स्‍वर्ण से मढ़ी हुई मंजूषा थी। मंजूषा में “मन्ना” से भरा हुआ स्‍वर्णमय पात्र था, हारून की छड़ी थी, जो पल्‍लवित हो उठी थी, और विधान की शिला-पट्टियां थीं


तब तुम उनसे कहना, “प्रभु की विधान-मंजूषा के सम्‍मुख यर्दन नदी का जल-प्रवाह रुक गया था। जब प्रभु की विधान-मंजूषा ने यर्दन नदी पार की, तब उसका जल सूख गया था।” अत: ये पत्‍थर इस्राएली समाज के लिए सदा-सर्वदा स्‍मारक-चिह्‍न माने जाएंगे।’


उन दिनों में परमेश्‍वर के विधान की मंजूषा वहाँ थी और हारून का पौत्र तथा एलआजर का पुत्र पीनहास प्रभु के सम्‍मुख उपस्‍थित रहकर सेवा करता था। इस्राएली लोगों ने प्रभु से पूछा, ‘क्‍या हम अपने जाति-भाई बिन्‍यामिनियों से युद्ध करने के लिए फिर जाएँ अथवा युद्ध बन्‍द कर दें?’ प्रभु ने उत्तर दिया, ‘चढ़ाई करो; क्‍योंकि मैं कल उन्‍हें तुम्‍हारे हाथ में सौंप दूँगा।’


शाऊल ने अपनी पुत्री मीकल, जो दाऊद की पत्‍नी थी, लइश के पुत्र पल्‍टी को दे दी थी। पल्‍टी गल्‍लीम नगर का निवासी था।


जब इस्राएली सेना पड़ाव में आई तब इस्राएली धर्मवृद्धों ने यह कहा, ‘प्रभु ने हमें आज पलिश्‍तियों से क्‍यों पराजित करवाया? आओ, हम शिलोह से प्रभु के विधान की मंजूषा ले आएँ, जिससे प्रभु हमारे मध्‍य आए, और हमें हमारे शत्रुओं के पंजे से मुक्‍त करे।’


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों