20 जब दाऊद सिक्लग नगर को गया तब मनश्शे गोत्र के ये योद्धा आकर उससे मिल गए: अदनह, योजाबाद, यदीअएल, मीखाएल, योजाबाद, एलीहू और सिल्लतई। ये मनश्शे गोत्र के हजार-हजार सैनिक दल के नायक थे।
20 ये मनश्शे के लोग थे जो दाऊद के साथ उस समय मिले जब वह सिकलगः अदना, योजाबाद, यदीएल, मीकाएल, योजाबाद, एलीहू और सिल्लतै नगरों को गया। वे सभी मनेश्शे के परिवार समूह के सेनाध्यक्ष थे।
20 जब वह सिक्लग को जा रहा था, तब ये मनश्शेई उसके पास भाग गए; अर्थात अदना, योजाबाद, यदीएल, मीकाएल, योजाबाद, एलीहू और सिल्लतै जो मनश्शे के हजारों के मुखिये थे।
20 जब वह सिकलग को जा रहा था, तब ये मनश्शेई उसके पास भाग आए; अर्थात् अदना, योजाबाद, यदीएल, मीकाएल, योजाबाद, एलीहू और सिल्लतै जो मनश्शे के हज़ारों के मुखिये थे।
20 दावीद जब वहां से ज़िकलाग को गए, मनश्शेहवासी अदनाह, योज़ाबाद, येदिआएल, मिखाएल, योज़ाबाद, एलिहू और ज़िल्लेथाइ दावीद की ओर आ गए थे. ये सभी हज़ारों के मुखिया मनश्शेह प्रदेश के थे.
20 जब वह सिकलग को जा रहा था, तब ये मनश्शेई उसके पास भाग आए; अर्थात् अदनह, योजाबाद, यदीएल, मीकाएल, योजाबाद, एलीहू और सिल्लतै जो मनश्शे के हजारों के मुखिए थे।
जब दाऊद पलिश्ती सेना के साथ शाऊल से युद्ध करने आया था, तब मनश्शे गोत्र के कुछ योद्धा आकर उससे मिल गए थे। (दाऊद युद्ध में पलिश्तियों की सहायता नहीं कर सका था; क्योंकि पलिश्ती सामन्तों ने परस्पर सम्मति की, और उसे युद्ध से भेज दिया था। उन्होंने कहा, ‘यह हमारे सिर कटवाकर अपने स्वामी शाऊल से मिल जाएगा।’)
अब तुम सब इस्राएली लोगों में योग्य, परमेश्वर के भक्त, सत्य-निष्ठ और घूस से घृणा करने वाले व्यक्ति चुनो। ऐसे व्यक्तियों को हजार-हजार, सौ-सौ, पचास-पचास एवं दस-दस के समूह पर शासक नियुक्त करो।
इसलिए मैंने तुम्हारे कुलों के मुखिया, बुद्धिमान और अनुभवी व्यक्ति लिये और उन्हें तुम्हारे ऊपर नेता नियुक्त किये : हजार-हजार, सौ-सौ, पचास-पचास और दस-दस के समूह पर नायक, और तुम्हारे कुलों के लिए शास्त्री भी नियुक्त किये।
वह पहिलौठे सांड़ के सदृश महाबलवान है। जैसे जंगली भैंसे के सींगों में अपार शक्ति होती है, वैसे उसमें है। वह अपनी शक्ति रूपी सींग के द्वारा शत्रु पक्ष के लोगों को पृथ्वी के सीमान्तों तक खदेड़ देगा। एफ्रइम वंश के लाखों पुरुष, मनश्शे वंश के हजारों लोग ऐसे शक्तिशाली हैं!’
पलिश्ती सेना-नायकों ने पूछा, ‘ये इब्रानी सैनिक यहां क्या कर रहे हैं?’ आकीश ने सेना-नायकों को उत्तर दिया, ‘यह दाऊद है, इस्राएलियों के राजा शाऊल का सेवक! यह एक-दो वर्ष से मेरे साथ है। जब से यह शाऊल को छोड़कर मेरे पास आ गया है, तब से आज तक मैंने इसमें सन्देह की कोई बात नहीं पाई।’
परन्तु पलिश्ती सेना-नायक आकीश से नाराज हो गए। उन्होंने उससे कहा, ‘आप इस आदमी को वापस भेज दीजिए। जो स्थान आपने इसके लिए निर्धारित किया है, यह वहां लौट जाए। यह हमारे साथ युद्ध-भूमि में नहीं जाएगा। ऐसा न हो कि यह युद्ध आरम्भ होने पर हमारा विरोधी बन जाए। यह किस आधार पर अपने स्वामी को स्वीकार्य होगा? क्या हमारे सैनिकों के सिर काट कर? अवश्य!