सोचो, बपतिस्मा सुसमाचार की पहली रस्म है। यीशु मसीह ने अपने प्रेरितों को आज्ञा दी थी: "इसलिए जाओ, सब जातियों के लोगों को मेरा चेला बनाओ; उन्हें पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो, और उन्हें वे सब बातें मानना सिखाओ जिनकी मैंने तुम्हें आज्ञा दी है। देखो, मैं दुनिया के अंत तक हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।" (मत्ती 28:19-20)
आज भी, जैसे यीशु के समय में था, सुसमाचार के ऐसे सिद्धांत और रस्में हैं जिन्हें हमें सीखना और मानना चाहिए। सुसमाचार का एक सिद्धांत एक सच्चा विश्वास या शिक्षा है; एक रस्म एक पवित्र विधि या आज्ञा है। सुसमाचार के पहले दो सिद्धांत प्रभु यीशु मसीह में विश्वास और पश्चाताप हैं।
पतरस ने उनसे कहा, “मन फिराओ और अपने पापों की क्षमा पाने के लिये तुममें से हर एक को यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा लेना चाहिये। फिर तुम पवित्र आत्मा का उपहार पा जाओगे।
जो कोई विश्वास करता है और बपतिस्मा लेता है, उसका उद्धार होगा और जो अविश्वासी है, वह दोषी ठहराया जायेगा।
या क्या तुम नहीं जानते कि हम, जिन्होंने यीशु मसीह में बपतिस्मा लिया है, उसकी मृत्यु का ही बपतिस्मा लिया है।
यूहन्ना लोगों को जंगल में बपतिस्मा देते आया था। उसने लोगों से पापों की क्षमा के लिए मन फिराव का बपतिस्मा लेने को कहा।
सो, जाओ और सभी देशों के लोगों को मेरा अनुयायी बनाओ। तुम्हें यह काम परम पिता के नाम में, पुत्र के नाम में और पवित्र आत्मा के नाम में, उन्हें बपतिस्मा देकर पूरा करना है।
यीशु मसीह में विश्वास के कारण तुम सभी परमेश्वर की संतान हो। क्योंकि तुम सभी जिन्होंने मसीह का बपतिस्मा ले लिया है, मसीह में समा गये हो।
सो, जाओ और सभी देशों के लोगों को मेरा अनुयायी बनाओ। तुम्हें यह काम परम पिता के नाम में, पुत्र के नाम में और पवित्र आत्मा के नाम में, उन्हें बपतिस्मा देकर पूरा करना है। क्योंकि स्वर्ग से प्रभु का एक स्वर्गदूत वहाँ उतरा था, इसलिए उस समय एक बहुत बड़ा भूचाल आया। स्वर्गदूत ने वहाँ आकर पत्थर को लुढ़का दिया और उस पर बैठ गया। वे सभी आदेश जो मैंने तुम्हें दिये हैं, उन्हें उन पर चलना सिखाओ। और याद रखो इस सृष्टि के अंत तक मैं सदा तुम्हारे साथ रहूँगा।”
“मैं तो तुम्हें तुम्हारे मन फिराव के लिये जल से बपतिस्मा देता हूँ किन्तु वह जो मेरे बाद आने वाला है, मुझ से महान है। मैं तो उसके जूते के तस्मे खोलने योग्य भी नहीं हूँ। वह तुम्हें पवित्र आत्मा और अग्नि से बपतिस्मा देगा।
यह पानी उस बपतिस्मा के समान है जिससे अब तुम्हारा उद्धार होता है। इसमें शरीर का मैल छुड़ाना नहीं, वरन एक शुद्ध अन्तःकरण के लिए परमेश्वर से विनती है। अब तो बपतिस्मा तुम्हें यीशु मसीह के पुनरुत्थान द्वारा बचाता है।
सो अब तू और देर मत कर, खड़ा हो बपतिस्मा ग्रहण कर और उसका नाम पुकारते हुए अपने पापों को धो डाल।’
फिर समूचे यहूदिया देश के और यरूशलेम के लोग उसके पास गये और उस ने यर्दन नदी में उन्हें बपतिस्मा दिया। क्योंकि उन्होंने अपने पाप मान लिये थे।
यह इसलिए हुआ कि जब तुम्हें बपतिस्मा में उसके साथ गाड़ दिया गया तो जिस परमेश्वर ने उसे मरे हुओं के बीच से जिला दिया था, उस परमेश्वर के कार्य में तुम्हारे विश्वास के कारण, उसी के साथ तुम्हें भी पुनःजीवित कर दिया गया।
“क्या कोई इन लोगों को बपतिस्मा देने के लिये, जल सुलभ कराने को मना कर सकता है? इन्हें भी वैसे ही पवित्र आत्मा प्राप्त हुआ हैं, जैसे हमें।”
क्योंकि चाहे हम यहूदी रहे हों, चाहे ग़ैर यहूदी, सेवक रहे हों या स्वतन्त्र। एक ही देह के विभिन्न अंग बन जाने के लिए हम सब को एक ही आत्मा द्वारा बपतिस्मा दिया गया और प्यास बुझाने को हम सब को एक ही आत्मा प्रदान की गयी।
या क्या तुम नहीं जानते कि हम, जिन्होंने यीशु मसीह में बपतिस्मा लिया है, उसकी मृत्यु का ही बपतिस्मा लिया है। सो उसकी मृत्यु में बपतिस्मा लेने से हम भी उसके साथ ही गाड़ दिये गये थे ताकि जैसे परमपिता की महिमामय शक्ति के द्वारा यीशु मसीह को मरे हुओं में से जिला दिया गया था, वैसे ही हम भी एक नया जीवन पायें।
“क्या कोई इन लोगों को बपतिस्मा देने के लिये, जल सुलभ कराने को मना कर सकता है? इन्हें भी वैसे ही पवित्र आत्मा प्राप्त हुआ हैं, जैसे हमें।” इस प्रकार उसने यीशु मसीह के नाम में उन्हें बपतिस्मा देने की आज्ञा दी। फिर उन्होंने पतरस से अनुरोध किया कि वह कुछ दिन उनके साथ ठहरे।
और तब यीशु ने बपतिस्मा ले लिया। जैसे ही वह जल से बाहर निकला, आकाश खुल गया। उसने परमेश्वर की आत्मा को एक कबूतर की तरह नीचे उतरते और अपने ऊपर आते देखा। तभी यह आकाशवाणी हुई: “यह मेरा प्रिय पुत्र है। जिससे मैं अति प्रसन्न हूँ।”
ऐसा हुआ कि जब सब लोग बपतिस्मा ले रहे थे तो यीशु ने भी बपतिस्मा लिया। और जब यीशु प्रार्थना कर रहा था, तभी आकाश खुल गया। और पवित्र आत्मा एक कबूतर का देह धारण कर उस पर नीचे उतरा और आकाशवाणी हुई कि, “तू मेरा प्रिय पुत्र है, मैं तुझ से बहुत प्रसन्न हूँ।”
हे परमेश्वर, मेरे अपराध मुझसे दूर कर। मेरे पाप धो डाल, और फिर से तू मुझको स्वच्छ बना दे।
मार्ग में आगे बढ़ते हुए वे कहीं पानी के पास पहुँचे। फिर उस खोजे ने कहा, “देख! यहाँ जल है। अब मुझे बपतिस्मा लेने में क्या बाधा है?” तब उसने रथ को रोकने की आज्ञा दी। फिर फिलिप्पुस और वह खोजा दोनों ही पानी में उतर गए और फिलिप्पुस ने उसे बपतिस्मा दिया।
यीशु ने जवाब दिया, “सच्चाई तुम्हें मैं बताता हूँ। यदि कोई आदमी जल और आत्मा से जन्म नहीं लेता तो वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं पा सकता।
उसने हमारा उद्धार किया। यह हमारे निर्दोष ठहराये जाने के लिये हमारे किसी धर्म के कामों के कारण नहीं हुआ बल्कि उसकी करुणा द्वारा हुआ। उसने हमारी रक्षा उस स्नान के द्वारा की जिसमें हम फिर पैदा होते हैं और पवित्र आत्मा के द्वारा नये बनाए जाते है।
फिर पौलुस ने कहा, “यूहन्ना का बपतिस्मा तो मनफिराव का बपतिस्मा था। उसने लोगों से कहा था कि जो मेरे बाद आ रहा है, उस पर अर्थात यीशु पर विश्वास करो।”
क्योंकि मसीह ने मुझे बपतिस्मा देने के लिए नहीं, बल्कि वाणी के किसी तर्क-वितर्क के बिना सुसमाचार का प्रचार करने के लिये भेजा था ताकि मसीह का क्रूस यूँ ही व्यर्थ न चला जाये।
क्योंकि जब हम उसकी मृत्यु में उसके साथ रहे हैं तो उसके जैसे पुनरुत्थान में भी उसके साथ रहेंगे।
फिर वह उन्हें बाहर ले जा कर बोला, “महानुभावो, उद्धार पाने के लिये मुझे क्या करना चाहिये?” उन्होंने उत्तर दिया, “प्रभु यीशु पर विश्वास कर। इससे तेरा उद्धार होगा-तेरा और तेरे परिवार का।” फिर उसके समूचे परिवार के साथ उन्होंने उसे प्रभु का वचन सुनाया। फिर जेल का वह अधिकारी उसी रात और उसी घड़ी उन्हें वहाँ से ले गया। उसने उनके घाव धोये और अपने सारे परिवार के साथ उनसे बपतिस्मा लिया।
क्रिसपुस ने, जो यहूदी आराधनालय का प्रधान था, अपने समूचे घराने के साथ प्रभु में विश्वास ग्रहण किया। साथ ही उन बहुत से कुरिन्थियों ने जिन्होंने पौलुस का प्रवचन सुना था, विश्वास ग्रहण करके बपतिस्मा लिया।
क्योंकि यदि तुम्हें मसीह के साथ मरे हुओं में से जिला कर उठाया गया है तो उन वस्तुओं के लिये प्रयत्नशील रहो जो स्वर्ग में हैं जहाँ परमेश्वर की दाहिनी ओर मसीह विराजित है।
मेरे पास एक बपतिस्मा है जो मुझे लेना है जब तक यह पूरा नहीं हो जाता, मैं कितना व्याकुल हूँ।
“तुम जगत के लिये प्रकाश हो। एक ऐसा नगर जो पहाड़ की चोटी पर बसा है, छिपाये नहीं छिपाया जा सकता।
पतरस अभी ये बातें कह ही रहा था कि उन सब पर पवित्र आत्मा उतर आया जिन्होंने सुसंदेश सुना था। क्योंकि पवित्र आत्मा का वरदान ग़ैर यहूदियों पर भी उँडेला जा रहा था, सो पतरस के साथ आये यहूदी विश्वासी आश्चर्य में डूब गये। वे उन्हें नाना भाषाएँ बोलते और परमेश्वर की स्तुति करते हुए सुन रहे थे। तब पतरस बोला, “क्या कोई इन लोगों को बपतिस्मा देने के लिये, जल सुलभ कराने को मना कर सकता है? इन्हें भी वैसे ही पवित्र आत्मा प्राप्त हुआ हैं, जैसे हमें।” इस प्रकार उसने यीशु मसीह के नाम में उन्हें बपतिस्मा देने की आज्ञा दी। फिर उन्होंने पतरस से अनुरोध किया कि वह कुछ दिन उनके साथ ठहरे।
सो जिन्होंने उसके संदेश को ग्रहण किया, उन्हें बपतिस्मा दिया गया। इस प्रकार उस दिन उनके समूह में कोई तीन हज़ार व्यक्ति और जुड़ गये।
जो मौत वह मरा है, वह सदा के लिए पाप के लिए मरा है किन्तु जो जीवन वह जी रहा है, वह जीवन परमेश्वर के लिए है।
किन्तु तुम तो चुने हुए लोग हो याजकों का एक राज्य, एक पवित्र प्रजा एक ऐसा नर-समूह जो परमेश्वर का अपना है, ताकि तुम परमेश्वर के अद्भुत कर्मों की घोषणा कर सको। वह परमेश्वर जिसने तुम्हें अन्धकार से अद्भुत प्रकाश में बुलाया।
उस समय यीशु गलील से चल कर यर्दन के किनारे यूहन्ना के पास उससे बपतिस्मा लेने आया। किन्तु यूहन्ना ने यीशु को रोकने का यत्न करते हुए कहा, “मुझे तो स्वयं तुझ से बपतिस्मा लेने की आवश्यकता है। फिर तू मेरे पास क्यों आया है?” उत्तर में यीशु ने उससे कहा, “अभी तो इसे इसी प्रकार होने दो। हमें, जो परमेश्वर चाहता है उसे पूरा करने के लिए यही करना उचित है।” फिर उसने वैसा ही होने दिया।
वह यीशु मसीह ही है जो हमारे पास जल और लहू के साथ आया। केवल जल के साथ नहीं, बल्कि जल और लहू के साथ। और वह आत्मा है जो उसकी साक्षी देता है क्योंकि आत्मा ही सत्य है। साक्षी देने वाले तीन हैं। आत्मा, जल और लहू और ये तीनों साक्षियाँ एक ही साक्षी देकर परस्पर सहमत हैं।
फिर मुझे प्रभु का कहा यह वचन याद हो आया, ‘यूहन्ना जल से बपतिस्मा देता था किन्तु तुम्हें पवित्र आत्मा से बपतिस्मा दिया जायेगा।’
तो इसे देखते हुए हम क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारे पक्ष में है तो हमारे विरोध में कौन हो सकता है? उसने जिसने अपने पुत्र तक को बचा कर नहीं रखा बल्कि उसे हम सब के लिए मरने को सौंप दिया। वह भला हमें उसके साथ और सब कुछ क्यों नहीं देगा?
सभी लोगों की सद्भावनाओं का आनन्द लेते हुए वे प्रभु की स्तुति करते, और प्रतिदिन परमेश्वर, जिन्हें उद्धार मिल जाता, उन्हें उनके दल में और जोड़ देता।
उन सब को बादल के नीचे, समुद्र के बीच मूसा के अनुयायियों के रूप में बपतिस्मा दिया गया था।
अतः आओ, मसीह सम्बन्धी आरम्भिक शिक्षा को छोड़ कर हम परिपक्वता की ओर बढ़ें। हमें उन बातों की ओर नहीं बढ़ना चाहिए जिनसे हमने शुरूआत की जैसे मृत्यु की ओर ले जाने वाले कर्मों के लिए मनफिराव, परमेश्वर में विश्वास, तुमने परमेश्वर के जनों की निरन्तर सहायता करते हुए जो प्रेम दर्शाया है, उसे और तुम्हारे दूसरे कामों को परमेश्वर कभी नहीं भुलाएगा। वह अन्यायी नहीं है। हम चाहते हैं कि तुममें से हर कोई जीवन भर ऐसा ही कठिन परिश्रम करता रहे। यदि तुम ऐसा करते हो तो तुम निश्चय ही उसे पा जाओगे जिसकी तुम आशा करते रहे हो। हम यह नहीं चाहते कि तुम आलसी हो जाओ। बल्कि तुम उनका अनुकरण करो जो विश्वास और धैर्य के साथ उन वस्तुओं को पा रहे हैं जिनका परमेश्वर ने वचन दिया था। जब परमेश्वर ने इब्राहीम से प्रतिज्ञा की थी, तब स्वयं उससे बड़ा कोई और नहीं था, जिसकी शपथ ली जा सके, इसलिए अपनी शपथ लेते हुए वह कहने लगा, “निश्चय ही मैं तुझे आशीर्वाद दूँगा तथा मैं तुझे अनेक वंशज दूँगा।” और इस प्रकार धीरज के साथ बाट जोहने के बाद उसने वह प्राप्त किया, जिसकी उससे प्रतिज्ञा की गयी थी। लोग उसकी शपथ लेते हैं, जो कोई उनसे महान होता है और वह शपथ सभी तर्क-वितर्को का अन्त करके जो कुछ कहा जाता है, उसे पक्का कर देती है। परमेश्वर इसे उन लोगों के लिए, पूरी तरह स्पष्ट कर देना चाहता था, जिन्हें उसे पाना था, जिसे देने की उसने प्रतिज्ञा की थी कि वह अपने प्रयोजन को कभी नहीं बदलेगा। इसलिए अपने वचन के साथ उसने अपनी शपथ को जोड़ दिया। तो फिर यहाँ दो बातें हैं-उसकी प्रतिज्ञा और उसकी शपथ-जो कभी नहीं बदल सकतीं और जिनके बारे में परमेश्वर कभी झूठ नहीं कह सकता। इसलिए हम जो परमेश्वर के निकट सुरक्षा पाने को आए हैं और जो आशा उसने हमें दी है, उसे थामे हुए हैं, अत्यधिक उत्साहित हैं। इस आशा को हम आत्मा के सुदृढ़ और सुनिश्चित लंगर के रूप में रखते हैं। यह परदे के पीछे भीतर से भीतर तक पहुँचती है। बपतिस्माओं की शिक्षा हाथ रखना, मरने के बाद फिर से जी उठना और वह न्याय जिससे हमारा भावी अनन्त जीवन निश्चित होगा।
और उसी में पाया जा सकूँ-मेरी उस धार्मिकता के कारण नहीं जो व्यवस्था के विधान पर टिकी थी, बल्कि उस धार्मिकता के कारण जो मसीह में विश्वास के कारण मिलती है, जो परमेश्वर से मिलती है और जिसका आधार विश्वास है।
मैं सुसमाचार के लिए शर्मिन्दा नहीं हूँ क्योंकि उसमें पहले यहूदी और फिर ग़ैर यहूदी जो भी उसमें विश्वास रखता है—उसके उद्धार के लिये परमेश्वर की सामर्थ्य है।
और बहुत से वचनों द्वारा उसने उन्हें चेतावनी दी और आग्रह के साथ उनसे कहा, “इस कुटिल पीढ़ी से अपने आपको बचाये रखो।” सो जिन्होंने उसके संदेश को ग्रहण किया, उन्हें बपतिस्मा दिया गया। इस प्रकार उस दिन उनके समूह में कोई तीन हज़ार व्यक्ति और जुड़ गये।
नहीं तो जिन्होंने अपने प्राण दे दिये हैं, उनके कारण जिन्होंने बपतिस्मा लिया है, वे क्या करेंगे। यदि मरे हुए कभी पुनर्जीवित होते ही नहीं तो लोगों को उनके लिये बपतिस्मा दिया ही क्यों जाता है?
“तुम उस महान घटना को जानते हो, जो समूचे यहूदिया में घटी थी। गलील में प्रारम्भ होकर यूहन्ना द्वारा बपतिस्मा दिए जाने के बाद से जिसका प्रचार किया गया था। तुम नासरी यीशु के विषय में जानते हो कि परमेश्वर ने पवित्र आत्मा और शक्ति से उसका अभिषेक कैसे किया था और उत्तम कार्य करते हुए तथा उन सब को जो शैतान के बस में थे, चंगा करते हुए चारों ओर वह कैसे घूमता रहा था। क्योंकि परमेश्वर उसके साथ था।
फिर यीशु ने उनके पास जाकर कहा, “स्वर्ग और पृथ्वी पर सभी अधिकार मुझे सौंपे गये हैं। सो, जाओ और सभी देशों के लोगों को मेरा अनुयायी बनाओ। तुम्हें यह काम परम पिता के नाम में, पुत्र के नाम में और पवित्र आत्मा के नाम में, उन्हें बपतिस्मा देकर पूरा करना है। क्योंकि स्वर्ग से प्रभु का एक स्वर्गदूत वहाँ उतरा था, इसलिए उस समय एक बहुत बड़ा भूचाल आया। स्वर्गदूत ने वहाँ आकर पत्थर को लुढ़का दिया और उस पर बैठ गया। वे सभी आदेश जो मैंने तुम्हें दिये हैं, उन्हें उन पर चलना सिखाओ। और याद रखो इस सृष्टि के अंत तक मैं सदा तुम्हारे साथ रहूँगा।”
मैं बड़े ध्यान से तेरे आदेशों का मनन किया करता हूँ। क्यों ताकि मैं तेरे विरूद्ध पाप पर न चलूँ।
और क्योंकि हम उसकी संतान हैं, हम भी उत्तराधिकारी हैं, परमेश्वर के उत्तराधिकारी और मसीह के साथ हम उत्तराधिकारी यदि वास्तव में उसके साथ दुःख उठाते हैं तो हमें उसके साथ महिमा मिलेगी ही।
उस परम पिता का धन्यवाद करो, जिसने तुम्हें इस योग्य बनाया कि परमेश्वर के उन संत जनों के साथ जो प्रकाश में जीवन जीते हैं, तुम उत्तराधिकार पाने में सहभागी बन सके। परमेश्वर ने अन्धकार की शक्ति से हमारा उद्धार किया और अपने प्रिय पुत्र के राज्य में हमारा प्रवेश कराया। उस पुत्र द्वारा ही हमें छुटकारा मिला है यानी हमें मिली है हमारे पापों की क्षमा।
किसी भी दूसरे में उद्धार निहित नहीं है। क्योंकि इस आकाश के नीचे लोगों को कोई दूसरा ऐसा नाम नहीं दिया गया है जिसके द्वारा हमारा उद्धार हो पाये।”
क्योंकि मसीह ने भी हमारे पापों के लिए दुःख उठाया। अर्थात् वह जो निर्दोष था हम पापियों के लिये एक बार मर गया कि हमें परमेश्वर के समीप ले जाये। शरीर के भाव से तो वह मारा गया पर आत्मा के भाव से जिलाया गया।
लोगों के सामने तुम्हारा प्रकाश ऐसे चमके कि वे तुम्हारे अच्छे कामों को देखें और स्वर्ग में स्थित तुम्हारे परम पिता की महिमा का बखान करें।
फिर उसने उनसे कहा, “जाओ और सारी दुनिया के लोगों को सुसमाचार का उपदेश दो। जो कोई विश्वास करता है और बपतिस्मा लेता है, उसका उद्धार होगा और जो अविश्वासी है, वह दोषी ठहराया जायेगा।
पतरस ने उनसे कहा, “मन फिराओ और अपने पापों की क्षमा पाने के लिये तुममें से हर एक को यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा लेना चाहिये। फिर तुम पवित्र आत्मा का उपहार पा जाओगे। क्योंकि यह प्रतिज्ञा तुम्हारे लिये, तुम्हारी संतानों के लिए और उन सबके लिये है जो बहुत दूर स्थित हैं। यह प्रतिज्ञा उन सबके लिए है जिन्हें हमारा प्रभु परमेश्वर को अपने पास बुलाता है।”
और पापों की क्षमा के लिए मनफिराव का यह संदेश यरूशलेम से आरंभ होकर सब देशों में प्रचारित किया जाएगा। तुम इन बातों के साक्षी हो।
क्योंकि हम अपने विश्वास के कारण परमेश्वर के लिए धर्मी हो गये है, सो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमारा परमेश्वर से मेल हो गया है।
इसी से अब आगे मैं जीवित नहीं हूँ किन्तु मसीह मुझ में जीवित है। सो इस शरीर में अब मैं जिस जीवन को जी रहा हूँ, वह तो विश्वास पर टिका है। परमेश्वर के उस पुत्र के प्रति विश्वास पर जो मुझसे प्रेम करता था, और जिसने अपने आप को मेरे लिए अर्पित कर दिया।
इसलिये तुम अपना मन फिराओ और परमेश्वर की ओर लौट आओ ताकि तुम्हारे पाप धुल जायें।
तो फिर आओ, हम सच्चे हृदय, निश्चयपूर्ण विश्वास अपनी अपराधपूर्ण चेतना से हमें शुद्ध करने के लिए किए गए छिड़काव से युक्त अपने हृदयों को लेकर शुद्ध जल से धोए हुए अपने शरीरों के साथ परमेश्वर के निकट पहुँचते हैं।
और उसी में स्थित होकर तुम परिपूर्ण बने हो। वह हर शासक और अधिकारी का शिरोमणि है। तुम्हारा ख़तना भी उसी में हुआ है। यह ख़तना मनुष्य के हाथों से सम्पन्न नहीं हुआ, बल्कि यह ख़तना जब तुम्हें तुम्हारी पापपूर्ण मानव प्रकृति के प्रभाव से छुटकारा दिला दिया गया था तब मसीह के द्वारा सम्पन्न हुआ। यह इसलिए हुआ कि जब तुम्हें बपतिस्मा में उसके साथ गाड़ दिया गया तो जिस परमेश्वर ने उसे मरे हुओं के बीच से जिला दिया था, उस परमेश्वर के कार्य में तुम्हारे विश्वास के कारण, उसी के साथ तुम्हें भी पुनःजीवित कर दिया गया।
किन्तु हर प्रकार से ऐसा करो कि तुम्हारा आचरण मसीह के सुसमाचार के अनुकूल रहे। जिससे चाहे मैं तुम्हारे पास आकर तुम्हें देखूँ और चाहे तुमसे दूर रहूँ, तुम्हारे बारे में यही सुनूँ कि तुम एक ही आत्मा में दृढ़ता के साथ स्थिर हो और सुसमाचार से उत्पन्न विश्वास के लिए एक जुट होकर संघर्ष कर रहे हो।
वे उन्हें नाना भाषाएँ बोलते और परमेश्वर की स्तुति करते हुए सुन रहे थे। तब पतरस बोला, “क्या कोई इन लोगों को बपतिस्मा देने के लिये, जल सुलभ कराने को मना कर सकता है? इन्हें भी वैसे ही पवित्र आत्मा प्राप्त हुआ हैं, जैसे हमें।”
उन लोगों ने जो यीशु मसीह के हैं, अपने पापपूर्ण मानव-स्वभाव को वासनाओं और इच्छाओं समेत क्रूस पर चढ़ा दिया है।
किन्तु यदि हम अब प्रकाश में आगे बढ़ते हैं क्योंकि प्रकाश में ही परमेश्वर है-तो हम विश्वासी के रूप में एक दूसरे के सहभागी हैं, और परमेश्वर के पुत्र यीशु का लहू हमें सभी पापों से शुद्ध कर देता है।
तू मुझे विधि विधान के साथ, जूफा के पौधे का प्रयोग कर के पवित्र कर। तब तक मुझे तू धो, जब तक मैं हिम से अधिक उज्जवल न हो जाऊँ।
यह सुन कर उन्होंने प्रभु यीशु के नाम का बपतिस्मा ले लिया। फिर जब पौलुस ने उन पर अपने हाथ रखे तो उन पर पवित्र आत्मा उतर आया और वे अलग अलग भाषाएँ बोलने और भविष्यवाणियाँ करने लगे।
तुममें से कुछ ऐसे ही थे। किन्तु अब तुम्हें धोया गया और पवित्र कर दिया है। तुम्हें परमेश्वर की सेवा में अर्पित कर दिया गया है। प्रभु यीशु मसीह के नाम और हमारे परमेश्वर के आत्मा के द्वारा उन्हें धर्मी करार दिया जा चुका है।
क्योंकि सुसमाचार में यह दर्शाया गया है, परमेश्वर मनुष्य को अपने प्रति सही कैसे बनाता है। यह आदि से अंत तक विश्वास पर टिका है जैसा कि शास्त्र में लिखा है, “धर्मी मनुष्य विश्वास से जीवित रहेगा।”
वे सभी आदेश जो मैंने तुम्हें दिये हैं, उन्हें उन पर चलना सिखाओ। और याद रखो इस सृष्टि के अंत तक मैं सदा तुम्हारे साथ रहूँगा।”
किन्तु तुम लोग भौतिक मानव स्वभाव के अधीन नहीं हो, बल्कि आत्मा के अधीन हो यदि वास्तव में तुममें परमेश्वर की आत्मा का निवास है। किन्तु यदि किसी में यीशु मसीह की आत्मा नहीं है तो वह मसीह का नहीं है।
अपने समूचे परिवार समेत बपतिस्मा लेने के बाद उसने हमसे यह कहते हुए विनती की, “यदि तुम मुझे प्रभु की सच्ची भक्त मानते हो तो आओ और मेरे घर ठहरो।” सो उसने हमें जाने के लिए तैयार कर लिया।
तुमने नाशमान बीज से पुर्नजीवन प्राप्त नहीं किया है बल्कि यह उस बीज का परिणाम है जो अमर है। तुम्हारा पुर्नजन्म परमेश्वर के उस सुसंदेश से हुआ है जो सजीव और अटल है।
“इसलिये समूचा इस्राएल निश्चयपूर्वक जान ले कि परमेश्वर ने इस यीशु को जिसे तुमने क्रूस पर चढ़ा दिया था प्रभु और मसीह दोनों ही ठहराया था!” लोगों ने जब यह सुना तो वे व्याकुल हो उठे और पतरस तथा अन्य प्रेरितों से कहा, “तो बंधुओ, हमें क्या करना चाहिये?” पतरस ने उनसे कहा, “मन फिराओ और अपने पापों की क्षमा पाने के लिये तुममें से हर एक को यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा लेना चाहिये। फिर तुम पवित्र आत्मा का उपहार पा जाओगे।
इसलिए तुम्हारे नाशवान् शरीरों के ऊपर पाप का वश न चले। ताकि तुम पाप की इच्छाओं पर कभी न चलो। अपने शरीर के अंगों को अधर्म की सेवा के लिए पाप के हवाले न करो बल्कि मरे हुओं में से जी उठने वालों के समान परमेश्वर के हवाले कर दो। और अपने शरीर के अंगों को धार्मिकता की सेवा के साधन के रूप में परमेश्वर के हवाले कर दो। तुम पर पाप का शासन नहीं होगा क्योंकि तुम व्यवस्था के सहारे नहीं जीते हो बल्कि परमेश्वर के अनुग्रह के सहारे जीते हो।
इसलिए यदि कोई मसीह में स्थित है तो अब वह परमेश्वर की नयी सृष्टि का अंग है। पुरानी बातें जाती रही हैं। सब कुछ नया हो गया है
मैं उस लक्ष्य के लिये निरन्तर यत्न करता रहता हूँ कि मैं अपने उस पारितोषिक को जीत लूँ, जिसे मसीह यीशु में पाने के लिये परमेश्वर ने हमें ऊपर बुलाया है।
तेरे नियम उत्तम हैं। मैं उन पर चलने का वचन देता हूँ, और मैं अपने वचन का पालन करूँगा।
यीशु ने उनसे कहा, “मेरे पीछे चले आओ, मैं तुम्हें सिखाऊँगा कि लोगों के लिये मछलियाँ पकड़ने के बजाय मनुष्य रूपी मछलियाँ कैसे पकड़ी जाती हैं।”
अपने पापों और अपने ख़तना रहित शरीर के कारण तुम मरे हुए थे किन्तु तुम्हें परमेश्वर ने मसीह के साथ-साथ जीवन प्रदान किया तथा हमारे सब पापों को मुक्त रूप से क्षमा कर दिया। परमेश्वर ने उस अभिलेख को हमारे बीच में से हटा दिया जिसमें उन विधियों का उल्लेख किया गया था जो हमारे प्रतिकूल और हमारे विरुद्ध था। उसने उसे कीलों से क्रूस पर जड़कर मिटा दिया है।
किन्तु उन्होंने जब फिलिप्पुस पर विश्वास किया क्योंकि उसने उन्हें परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार और यीशु मसीह का नाम सुनाया था, तो वे स्त्री और पुरुष दोनों ही बपतिस्मा लेने लगे।
क्योंकि वह आत्मा जो तुम्हें मिली है, तुम्हें फिरसे दास बनाने या डराने के लिए नहींहै, बल्कि वह आत्मा जो तुमने पाया है तुम्हें परमेश्वर की संपालित संतान बनाती है। जिस से हम पुकार उठते हैं, “हे अब्बा, हे पिता!”
क्योंकि न तो ख़तने का कोई महत्त्व है और न बिना ख़तने का। यदि महत्त्व है तो वह नयी सृष्टि का है।
तुम भी सजीव पत्थरों के समान एक आध्यात्मिक मन्दिर के रूप में बनाए जा रहे हो ताकि एक ऐसे पवित्र याजकमण्डल के रूप में सेवा कर सको जिसका कर्तव्य ऐसे आध्यात्मिक बलिदान समर्पित करना है जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हों।
यहोवा परमेश्वर है, और वह हमें अपनाता है। बलि के लिये मेमने को बाँधों और वेदी के कंगूरों पर मेमने को ले जाओ।”
परमेश्वर के अनुग्रह द्वारा अपने विश्वास के कारण तुम्हारा उद्धार हुआ है। यह तुम्हें तुम्हारी ओर से प्राप्त नहीं हुआ है, बल्कि यह तो परमेश्वर का वरदान है। यह हमारे किये कर्मों का परिणाम नहीं है कि हम इसका गर्व कर सकें।
सो जिन्होंने उसके संदेश को ग्रहण किया, उन्हें बपतिस्मा दिया गया। इस प्रकार उस दिन उनके समूह में कोई तीन हज़ार व्यक्ति और जुड़ गये। उन्होंने प्रेरितों के उपदेश, संगत, रोटी के तोड़ने और प्रार्थनाओं के प्रति अपने को समर्पित कर दिया।
सभी विश्वासियों के लिये यीशु मसीह में विश्वास के द्वारा परमेश्वर की धार्मिकता प्रकट की गयी है बिना किसी भेदभाव के।
यहोवा ने मेरे मुँह में एक नया गीत बसाया। परमेश्वर का एक स्तुति गीत। बहुतेरे लोग देखेंगे जो मेरे साथ घटा है। और फिर परमेश्वर की आराधना करेंगे। वे यहोवा का विश्वास करेंगे।
पतरस अभी ये बातें कह ही रहा था कि उन सब पर पवित्र आत्मा उतर आया जिन्होंने सुसंदेश सुना था।
“परमेश्वर से माँगते रहो, तुम्हें दिया जायेगा। खोजते रहो तुम्हें प्राप्त होगा खटखटाते रहो तुम्हारे लिए द्वार खोल दिया जायेगा।