हे परमेश्वर, तू चाहता है, हम विश्वासी बनें। और मैं निर्भय हो जाऊँ। इसलिए तू मुझको सच्चे विवेक से रहस्यों की शिक्षा दे।
क्योंकि हमें अपनी अच्छी साख बनाए रखनेकी चिंता है। न केवल प्रभु के आगे, बल्कि लोगों के बीच भी।
मैं पूरी सावधानी से शुद्ध जीवन जीऊँगा। मैं अपने घर में शुद्ध जीवन जीऊँगा। हे यहोवा तू मेरे पास कब आयेगा
ऐसे होठों से यहोवा घृणा करता है जो झूठ बोलते हैं, किन्तु उन लोगों से जो सत्य से पूर्ण हैं, वह प्रसन्न रहता है।
सो तुम लोग झूठ बोलने का त्याग कर दो। अपने साथियों से हर किसी को सच बोलना चाहिए, क्योंकि हम सभी एक शरीर के ही अंग हैं।
किन्तु विनम्रता और आदर के साथ ही ऐसा करो। अपना हृदय शुद्ध रखो ताकि यीशु मसीह में तुम्हारे उत्तम आचरण की निन्दा करने वाले लोग तुम्हारा अपमान करते हुए लजायें।
सबसे बड़ी बात यह है कि तू अपने विचारों के बारे में सावधान रह। क्योंकि तेरे विचार जीवन को नियंत्रण में रखते हैं। तू अपने मुख से कुटिलता को दूर रख। तू अपने होठों से भ्रष्ट बात दूर रख। तेरी आँखों के आगे सदा सीधा मार्ग रहे और तेरी टकटकी आगे ही लगी रहें। अपने पैरों के लिये तू सीधा मार्ग बना। बस तू उन राहों पर चल जो निश्चित सुरक्षित हैं। दाहिने को अथवा बायें को मत डिग। तू अपने चरणों को बुराई से रोके रह।
हे प्यारे बच्चों, हमारा प्रेम केवल शब्दों और बातों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि वह कर्ममय और सच्चा होना चाहिए।
हे यहोवा, तेरे पवित्र तम्बू में कौन रह सकता है? तेरे पवित्र पर्वत पर कौन रह सकता है? केवल वह व्यक्ति जो खरा जीवन जीता है, और जो उत्तम कर्मों को करता है, और जो ह्रदय से सत्य बोलता है। वही तेरे पर्वत पर रह सकता है।
हे मेरे भाईयों, सबसे बड़ी बात यह है कि स्वर्ग की अथवा धरती की या किसी भी प्रकार की कसमें खाना छोड़ो। तुम्हारी “हाँ”, हाँ होनी चाहिए, और “ना” ना होनी चाहिए। ताकि तुम पर परमेश्वर का दण्ड न पड़े।
यदि तू ‘हाँ’ चाहता है तो केवल ‘हाँ’ कह और ‘ना’ चाहता है तो केवल ‘ना’ क्योंकि इससे अधिक जो कुछ है वह शैतान से है।
इस आग्रह का प्रयोजन है वह प्रेम जो पवित्र हृदय, उत्तम चेतना और छल रहित विश्वास से उत्पन्न होता है।
जो लोग पवित्र जीवन जीते हैं, वे प्रसन्न रहते हैं। ऐसे लोग यहोवा की शिक्षाओं पर चलते हैं।
तुम्हें मेरी सेवा वैसे ही करनी चाहिये जैसी तुम्हारे पिता दाऊद ने की। वह निष्पक्ष और निष्कपट था और तुम्हें मेरे नियमों और उन आदेशों का पालन करना चाहिये जिन्हें मैंने तुम्हें दिया है।
ये गुण पाकर भले बुरे में अन्तर करके, सदा भले को अपना लोगे। और इस तरह तुम पवित्र व अकलुष बन जाओगे उस दिन को जब मसीह आयेगा।
खरे तराजू और माप यहोवा से मिलते हैं, उसी ने ये सब थैली के बट्टे रचे हैं। ताकि कोई किसी को छले नहीं।
हे यहोवा, मेरा न्याय कर, प्रमाणित कर कि मैंने पवित्र जीवन बिताया है। मैंने यहोवा पर कभी विश्वस करना नहीं छोड़ा। वे लोग सम्भव है, छलने लग जाये। सम्भव है, वे लोग बुरे काम करने को रिश्वत ले लें। लेकिन मैं निश्चल हूँ, सो हे परमेश्वर, मुझ पर दयालु हो और मेरी रक्षा कर। मैं नेक जीवन जीता रहा हूँ। मैं तेरे प्रशंसा गीत, हे यहोवा, जब भी तेरी भक्त मण्डली साथ मिली, गाता रहा हूँ। हे यहोवा, मुझे परख और मेरी जाँच कर, मेरे हृदय में और बुद्धि को निकटता से देख।
विधर्मियों के बीच अपना व्यवहार इतना उत्तम बनाये रखो कि चाहे वे अपराधियों के रूप में तुम्हारी आलोचना करें किन्तु तुम्हारे उत्तम कर्मों के परिणाम स्वरूप परमेश्वर के आने के दिन वे परमेश्वर को महिमा प्रदान करें।
मेरे परमेश्वर, मैं यह भी जानता हूँ तू लोगों के हृदयों की जाँच करता है, और तू प्रसन्न होता है, यदि लोग अच्छे काम करते हैं मैं सच्चे हृदय से ये सभी चीज़े देने में प्रसन्न था। अब मैंने तेरे लोगों को वहाँ इकट्ठा देखा जो ये चीज़ें तुझको देने में प्रसन्न हैं।
वे लोग जिन पर थोड़े से के लिये विश्वास किया जायेगा और इसी तरह जो थोड़े से के लिए बेईमान हो सकता है वह अधिक के लिए भी बेईमान होगा।
यहोवा हमारा संरक्षक और हमारा तेजस्वी राजा है। परमेश्वर हमें करूणा और महिमा के साथ आशीर्वद देता है। जो लोग यहोवा का अनुसरण करते हैं और उसकी आज्ञा का पालन करते हैं, उनको वह हर उत्तम वस्तु देता है।
तुम अपने आपको हर बात में आदर्श बनाकर दिखाओ। तेरा उपदेश शुद्ध और गम्भीर होना चाहिए। ऐसी सद्वाणी का प्रयोग करो, जिसकी आलोचना न की जा सके ताकि तेरे विरोधी लज्जित हों क्योंकि उनके पास तेरे विरोध में बुरा कहने को कुछ नहीं होगा।
यह मैं इसलिए कह रहा हूँ कि एक समय था जब तुम अंधकार से भरे थे किन्तु अब तुम प्रभु के अनुयायी के रूप में ज्योति से परिपूर्ण हो। इसलिए प्रकाश पुत्रों का सा आचरण करो। हर प्रकार के धार्मिकता, नेकी और सत्य में ज्योति का प्रतिफलन दिखायी देता है।
अच्छा नाम अपार धन पाने से योग्य है। चाँदी, सोने से, प्रशंसा का पात्र होना अधिक उत्तम है।
मैं निर्दोष था और तूने मेरी सहायता की। तूने मुझे खड़ा किया और मुझे तेरी सेवा करने दिया।
“सावधान रहो! परमेश्वर चाहता है, उन कामों का लोगों के सामने दिखावा मत करो नहीं तो तुम अपने परम-पिता से, जो स्वर्ग में है, उसका प्रतिफल नहीं पाओगे। जगत में तेरा राज्य आए। तेरी इच्छा जैसे स्वर्ग में पूरी होती है वैसे ही पृथ्वी पर भी पूरी हो। दिन प्रतिदिन का आहार तू आज हमें दे। अपराधों को क्षमा दान कर जैसे हमने अपने अपराधी क्षमा किये। हमें परीक्षा में न ला परन्तु बुराई से बचा।’ यदि तुम लोगों के अपराधों को क्षमा करोगे तो तुम्हारा स्वर्ग-पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा। किन्तु यदि तुम लोगों को क्षमा नहीं करोगे तो तुम्हारा परम-पिता भी तुम्हारे पापों के लिए क्षमा नहीं देगा। “जब तुम उपवास करो तो मुँह लटकाये कपटियों जैसे मत दिखो। क्योंकि वे तरह तरह से मुँह बनाते हैं ताकि वे लोगों को जतायें कि वे उपवास कर रहे हैं। मैं तुमसे सत्य कहता हूँ उन्हें तो पहले ही उनका प्रतिफल मिल चुका है। किन्तु जब तू उपवास रखे तो अपने सिर पर सुगंध मल और अपना मुँह धो। ताकि लोग यह न जानें कि तू उपवास कर रहा है। बल्कि तेरा परम-पिता जिसे तू देख नहीं सकता, देखे कि तू उपवास कर रहा है। तब तेरा परम पिता जो तेरे छिपकर किए गए सब कर्मों को देखता है, तुझे उनका प्रतिफल देगा। “अपने लिये धरती पर भंडार मत भरो। क्योंकि उसे कीड़े और जंग नष्ट कर देंगे। चोर सेंध लगाकर उसे चुरा सकते हैं। “इसलिये जब तुम किसी दीन-दुःखी को दान देते हो तो उसका ढोल मत पीटो, जैसा कि आराधनालयों और गलियों में कपटी लोग औंरों से प्रशंसा पाने के लिए करते हैं। मैं तुमसे सत्य कहता हूँ कि उन्हें तो इसका पूरा फल पहले ही दिया जा चुका है। बल्कि अपने लिये स्वर्ग में भण्डार भरो जहाँ उसे कीड़े या जंग नष्ट नहीं कर पाते। और चोर भी वहाँ सेंध लगा कर उसे चुरा नहीं पाते। याद रखो जहाँ तुम्हारा भंडार होगा वहीं तुम्हारा मन भी रहेगा। “शरीर के लिये प्रकाश का स्रोत आँख है। इसलिये यदि तेरी आँख ठीक है तो तेरा सारा शरीर प्रकाशवान रहेगा। किन्तु यदि तेरी आँख बुरी हो जाए तो तेरा सारा शरीर अंधेरे से भर जायेगा। इसलिये वह एकमात्र प्रकाश जो तेरे भीतर है यदि अंधकारमय हो जाये तो वह अंधेरा कितना गहरा होगा। “कोई भी एक साथ दो स्वामियों का सेवक नहीं हो सकता क्योंकि वह एक से घृणा करेगा और दूसरे से प्रेम। या एक के प्रति समर्पित रहेगा और दूसरे का तिरस्कार करेगा। तुम धन और परमेश्वर दोनों की एक साथ सेवा नहीं कर सकते। “मैं तुमसे कहता हूँ अपने जीने के लिये खाने-पीने की चिंता छोड़ दो। अपने शरीर के लिये वस्त्रों की चिंता छोड़ दो। निश्चय ही जीवन भोजन से और शरीर कपड़ों से अधिक महत्वपूर्ण हैं। देखो! आकाश के पक्षी न तो बुआई करते हैं और न कटाई, न ही वे कोठारों में अनाज भरते हैं किन्तु तुम्हारा स्वर्गीय पिता उनका भी पेट भरता है। क्या तुम उनसे कहीं अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो? तुम में से क्या कोई ऐसा है जो चिंता करके अपने जीवन काल में एक घड़ी भी और बढ़ा सकता है? “और तुम अपने वस्त्रों की क्यों सोचते हो? सोचो जंगल के फूलों की वे कैसे खिलते हैं। वे न कोई काम करते हैं और न अपने लिए कपड़े बनाते हैं। मैं तुमसे कहता हूँ कि सुलेमान भी अपने सारे वैभव के साथ उनमें से किसी एक के समान भी नहीं सज सका। किन्तु जब तू किसी दीन दुःखी को देता है तो तेरा बायाँ हाथ न जान पाये कि तेरा दाहिना हाथ क्या कर रहा है। इसलिये जब जंगली पौधों को जो आज जीवित हैं पर जिन्हें कल ही भाड़ में झोंक दिया जाना है, परमेश्वर ऐसे वस्त्र पहनाता है तो अरे ओ कम विश्वास रखने वालों, क्या वह तुम्हें और अधिक वस्त्र नहीं पहनायेगा? “इसलिये चिंता करते हुए यह मत कहो कि ‘हम क्या खायेंगे या हम क्या पीयेंगे या क्या पहनेंगे?’ विधर्मी लोग इन सब वस्तुओं के पीछे दौड़ते रहते हैं किन्तु स्वर्ग धाम में रहने वाला तुम्हारा पिता जानता है कि तुम्हें इन सब वस्तुओं की आवश्यकता है। इसलिये सबसे पहले परमेश्वर के राज्य और तुमसे जो धर्म भावना वह चाहता है, उसकी चिंता करो। तो ये सब वस्तुएँ तुम्हें दे दी जायेंगी। कल की चिंता मत करो, क्योंकि कल की तो अपनी और चिंताएँ होंगी। हर दिन की अपनी ही परेशानियाँ होती हैं। ताकि तेरा दान छिपा रहे। तेरा वह परम पिता जो तू छिपाकर करता है उसे भी देखता है, वह तुझे उसका प्रतिफल देगा।
शास्त्र कहता है: “जो जीवन का आनन्द उठाना चाहे जो समय की सद्गति को देखना चाहे उसे चाहिए वह कभी कहीं बुरे बोल न बोले। वह अपने होठों को छल वाणी से रोके उसे चाहिए वह मुँह फेरे उससे जो नेक नहीं होता वह उन कर्मों को सदा करे जो उत्तम हैं, उसे चाहिए यत्नशील हो शांति पाने को उसे चाहिए वह शांति का अनुसरण करे। प्रभु की आँखें टिकी हैं उन्हीं पर जो उत्तम हैं प्रभु के कान लगे उनकी प्रार्थनाओं पर जो बुरे कर्म करते हैं, प्रभु उनसे सदा मुख फेरता है।”
तुम जो कुछ करो अपने समूचे मन से करो। मानों तुम उसे लोगों के लिये नहीं बल्कि प्रभु के लिये कर रहे हो।
इस पर यहोवा ने शैतान से पूछा, “क्या तू मेरे सेवक अय्यूब पर ध्यान देता रहा है? उसके जैसा विश्वासी धरती पर कोई नहीं है। सचमुच वह अच्छा और वह बहुत विश्वासी व्यक्ति है। वह परमेश्वर की उपासना करता है, बुरी बातें से दूर रहता है। वह अब भी आस्थावान है। यद्यपि तूने मुझे प्रेरित किया था कि मैं अकारण ही उसे नष्ट कर दूँ।”
यदि हम कहें कि हम उसके साझी हैं और पाप के अन्धकारपूर्ण जीवन को जीते रहे तो हम झूठ बोल रहे हैं और सत्य का अनुसरण नहीं कर रहे हैं। किन्तु यदि हम अब प्रकाश में आगे बढ़ते हैं क्योंकि प्रकाश में ही परमेश्वर है-तो हम विश्वासी के रूप में एक दूसरे के सहभागी हैं, और परमेश्वर के पुत्र यीशु का लहू हमें सभी पापों से शुद्ध कर देता है।
हमने तो लज्जापूर्ण गुप्त कार्यों को छोड़ दिया है। हम कपट नहीं करते और न ही हम परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं, बल्कि सत्य को सरल रूप में प्रकट करके लोगों की चेतना में परमेश्वर के सामने अपने आप को प्रशंसा के योग्य ठहराते हैं।
हमारे लिए विनती करते रहो। हमें निश्चय है कि हमारी चेतना शुद्ध है। और हम हर प्रकार से वही करना चाहते हैं जो उचित है।
हे यहोवा, मुझ पर दृष्टि कर और मेरा मन जान ले। मुझ को परख ले और मेरा इरादा जान ले। मुझ पर दृष्टि कर और देख कि मेरे विचार बुरे नहीं है। तू मुझको उस पथ पर ले चल जो सदा बना रहता है।
हे भाईयों, उन बातों का ध्यान करो जो सत्य हैं, जो भव्य है, जो उचित है, जो पवित्र है, जो आनन्द दायी है, जो सराहने योग्य है या कोई भी अन्य गुण या कोई प्रशंसा
यहोवा को कुछ अर्पण करने की प्रतिज्ञा से पूर्व ही विचार ले; भली भांति विचार ले। सम्भव है यदि तू बाद में ऐसा सोचे, “अच्छा होता मैं वह मन्नत न मानता।”
हे यहोवा, मैंने चुना है कि तेरे प्रति निष्ठावान रहूँ। मैं तेरे विवेकपूर्ण निर्णयों का सावधानी से पाठ किया करता हूँ।
इसलिये सबसे पहले परमेश्वर के राज्य और तुमसे जो धर्म भावना वह चाहता है, उसकी चिंता करो। तो ये सब वस्तुएँ तुम्हें दे दी जायेंगी।
वह उन लोगों का आदर नहीं करता जो परमेश्वर से घृणा रखते हैं। और वह उन सभी का सम्मान करता है, जो यहोवा के सेवक हैं। ऐसा मनुष्य यदि कोई वचन देता है तो वह उस वचन को पूरा भी करता है, जो उसने दिया था।
प्रेम, विश्वसनीयता कभी तुझको छोड़ न जाये, तू इनका हार अपने गले में डाल, इन्हें अपने मन के पटल पर लिख ले। बिना किसी कारण के किसी को मत कोस, जबकि उस जन ने तुझे क्षति नहीं पहुँचाई है। किसी बुरे जन से तू द्वेष मत रख और उसकी सी चाल मत चल। तू अपनी चल। क्यों क्योंकि यहोवा कुटिल जन से घृणा करता है और सच्चरित्र जन को अपनाता है। दुष्ट के घर पर यहोवा का शाप रहता है, वह नेक के घर को आर्शीवाद देता है। वह गर्वीले उच्छृंखल की हंसी उड़ाता है किन्तु दीन जन पर वह कृपा करता है। विवेकी जन तो आदर पायेंगे, किन्तु वह मूर्खों को, लज्जित ही करेगा। फिर तू परमेश्वर और मनुज की दृष्टि में उनकी कृपा और यश पायेगा।
किन्तु यहोवा ने शमूएल से कहा, “एलीआब लम्बा और सुन्दर है किन्तु उसके बारे में मत सोचो। एलीआब लम्बा है किन्तु उसके बारे में मत सोचो। परमेश्वर उस चीज़ को नहीं देखता जिसे साधारण व्यक्ति देखते हैं। लोग व्यक्ति के बाहरी रूप को देखते हैं, किन्तु यहोवा व्यक्ति के हृदय को देखता है। एलीआब उचित व्यक्ति नहीं है।”
ऐसा जन जिसने पाप नहीं किया है, ऐसा जन जिसका मन पवित्र है, ऐसा जन जिसने मेरे नाम का प्रयोग झूठ को सत्य प्रतीत करने में न किया हो, और ऐसा जन जिसने न झूठ बोला और न ही झूठे वचन दिए हैं। बस ऐसे व्यक्ति ही वहाँ आराधना कर सकते हैं।
मूर्ख को जैसे अधिक बोलना नहीं सजता है वैसे ही गरिमापूर्ण व्यक्ति को झूठ बोलना नहीं सजता।
किन्तु स्वर्ग से आने वाला ज्ञान सबसे पहले तो पवित्र होता है, फिर शांतिपूर्ण, सहनशील, सहज-प्रसन्न, करुणापूर्ण होता है। और उससे उत्तम कर्मों की फ़सल उपजती है। वह पक्षपात-रहित और सच्चा भी होता है।
किन्तु तुम्हें लोगों में से अच्छे लोगों को चुनना चाहिए। “तुम्हें अपने विश्वासपात्र आदमियों का चुनाव करना चाहिए अर्थात् उन आदमियों का जो परमेश्वर का सम्मान करते हों। उन आदमियों को चुनो जो धन के लिए अपना निर्णय न बदलें। इन आदमियों को लोगों का प्रशासक बनाओ। हज़ार, सौ, पचास और दस लोगों पर भी प्रशासक होने चाहिए।
छिपे हुए प्रेम से, खुली घुड़की उत्तम है। हो सकता है मित्र कभी दुःखी करें, किन्तु ये उसका लक्ष्य नहीं है। इससे शत्रु भिन्न है। वह चाहे तुम पर दया करे किन्तु वह तुम्हें हानि पहुँचाना चाहता है।
यीशु ने नतनएल को अपनी तरफ आते हुए देखा और उसके बारे में कहा, “यह है एक सच्चा इस्राएली जिसमें कोई खोट नहीं है।”
मुझे झूठ से बैर है! मैं उससे घृणा करता हूँ! हे यहोवा, मैं तेरी शिक्षाओं से प्रेम करता हूँ।
जबकि पवित्र आत्मा, प्रेम, प्रसन्नता, शांति, धीरज, दयालुता, नेकी, विश्वास, नम्रता और आत्म-संयम उपजाता है। ऐसी बातों के विरोध में कोई व्यवस्था का विधान नहीं है।
मैं कभी नहीं मानूँगा कि तुम लोग सही हो! जब तक मैं मरूँगा उस दिन तक कहता रहूँगा कि मैं निर्दोष हूँ! मैं अपनी धार्मिकता को दृढ़ता से थामें रहूँगा। मैं कभी उचित कर्म करना न छोडूँगा। मेरी चेतना मुझे तंग नहीं करेगी जब तक मैं जीता हूँ।
और अच्छी धरती पर गिरे बीज से अर्थ है वे व्यक्ति जो अच्छे और सच्चे मन से जब वचन को सुनते हैं तो उसे धारण भी करते हैं। फिर अपने धैर्य के साथ वह उत्तम फल देते हैं।
इसलिए हम वैसे ही उत्तम रीति से रहें जैसे दिन के समय रहते हैं। बहुत अधिक दावतों में जाते हुए खा पीकर धुत्त न हो जाओ। लुच्चेपन दुराचार व्यभिचार में न पड़ें। न झगड़ें और न ही डाह रखें।
मनुष्य को अच्छा है कि वह दयालु और उदार हो। मनुष्य को यह उत्तम है कि वह अपने व्यापार में खरा रहे।
उन्होंने अपने चेलों को हेरोदियों के साथ उसके पास भेजा। उन लोगों ने यीशु से कहा, “गुरु, हम जानते हैं कि तू सच्चा है तू सचमुच परमेश्वर के मार्ग की शिक्षा देता है। और तब, कोई क्या सोचता है, तू इसकी चिंता नहीं करता क्योंकि तू किसी व्यक्ति की हैसियत पर नहीं जाता।
लोग बहुत प्रसन्न थे क्योंकि उनके प्रमुख उतना अधिक देने में प्रसन्न थे। प्रमुख स्वतन्त्रता पूर्वक खुले दिल से देने में प्रसन्न थे। राजा दाऊद भी बहुत प्रसन्न था।
निश्चय ही हम जब लोगों का ध्यान अपने उपदेशों की ओर खींचना चाहते हैं तो वह इसलिए नहीं कि हम कोई भटके हुए हैं। और न ही इसलिए कि हमारे उद्देश्य दूषित हैं और इसलिए भी नहीं कि हम लोगों को छलने का जतन करते हैं। हम लोगों को खुश करने की कोशिश नहीं करते बल्कि हम तो उस परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं जो हमारे मन का भेद जानता है। निश्चय ही हम कभी भी चापलूसी की बातों के साथ तुम्हारे सामने नहीं आये। जैसा कि तुम जानते ही हो, हमारा उपदेश किसी लोभ का बहाना नहीं है। परमेश्वर साक्षी है
जिसकी राह सीधी—सच्ची हो, आदर के साथ वह यहोवा से डरता है, किन्तु वह जिसकी राह कुटिल है, यहोवा से घृणा करता है।
सो अपनी कमर पर सत्य का फेंटा कस कर धार्मिकता की झिलम पहन कर तथा पैरों में शांति के सुसमाचार सुनाने की तत्परता के जूते धारण करके तुम लोग अटल खड़े रहो।
अब देखो जब तुमने सत्य का पालन करते हुए, सच्चे भाईचारे के प्रेम को प्रदर्शित करने के लिए अपने आत्मा को पवित्र कर लिया है तो पवित्र मन से तीव्रता के साथ परस्पर प्रेम करने को अपना लक्ष्य बना लो।
भले—बुरे का ज्ञान जिसको नहीं होता है ऐसे मनुष्य को तो मूढ़ता सुख देती है, किन्तु समझदार व्यक्ति सीधी राह चलता है।
लोग जो यहोवा की विधान पर चलते हैं, वे प्रसन्न रहते हैं। अपने समग्र मन से वे यहोवा की मानते हैं।
निरीक्षक को निर्दोष तथा किसी भी बुराई से अछूता होना चाहिए। क्योंकि जिसे परमेश्वर का काम सौंपा गया है, उसे अड़ियल, चिड़चिड़ा और दाखमधु पीने में उसकी रूचि नहीं होनी चाहिए। उसे झगड़ालू, नीच कमाई का लोलुप नहीं होना चाहिए बल्कि उसे तो अतिथियों की आवभगत करने वाला, नेकी को चाहने वाला, विवेकपूर्ण, धर्मी, भक्त तथा अपने पर नियन्त्रण रखने वाला होना चाहिए।
बुराई पर कभी उसे प्रसन्नता नहीं होती। वह तो दूसरों के साथ सत्य पर आनंदित होता है।
हे यहोवा, न्याय कर मेरा, और सिद्ध कर कि मैं न्याय संगत हूँ। ये प्रमाणित कर दे कि मैं निर्दोष हूँ।
हे मेरे भाईयों, मुझे स्वयं तुम पर भरोसा है कि तुम नेकी से भरे हो और ज्ञान से परिपूर्ण हो। तुम एक दूसरे को शिक्षा दे सकते हो।
जवानी की बुरी इच्छाओं से दूर रहो धार्मिक जीवन, विश्वास, प्रेम और शांति के लिये उन सब के साथ जो शुद्ध मन से प्रभु का नाम पुकारते हैं, प्रयत्नशील रहो।
इसलिए मैं, जो प्रभु का होने के कारण बंदी बना हुआ हूँ, तुम लोगों से प्रार्थना करता हूँ कि तुम्हें अपना जीवन वैसे ही जीना चाहिए जैसा कि संतों के अनुकूल होता है।
ऊज नाम के प्रदेश में एक व्यक्ति रहा करता था। उसका नाम अय्यूब था। अय्यूब एक बहुत अच्छा और विश्वासी व्यक्ति था। अय्यूब परमेश्वर की उपासना किया करता था और अय्यूब बुरी बातों से दूर रहा करता था।
यदि तुम यह जानते हो कि वह नेक है तो तुम यह भी जान लो कि वह जो धार्मिकता पर चलता है परमेश्वर की ही सन्तान है।
वे लोग ही इस आग में से बच पायेंगे जो अच्छे हैं, सच्चे हैं। वे लोग पैसे के लिये दूसरों को हानि नहीं पहुँचाना चाहते। वे लोग घूस नहीं लेते। दूसरे लोगों की हत्याओं की योजना को वे सुनने तक से मना कर देते हैं। बुरे काम करने की योजनाओं को वे देखना भी नहीं चाहते। ऐसे लोग ऊँचे स्थानों पर सुरक्षा पूर्वक निवास करेंगे। ऊँची चट्टान की गढ़ियों में वे सुरक्षित रहेंगे। ऐसे लोगों के पास सदा ही खाने को भोजन और पीने को जल रहेगा।
“तुम लोग जानते हो कि अच्छा फल लेने के लिए तुम्हें अच्छा पेड़ ही लगाना चाहिये। और बुरे पेड़ से बुरा ही फल मिलता है। क्योंकि पेड़ अपने फल से ही जाना जाता है।
परम पिता परमेश्वर के सामने सच्ची और शुद्ध भक्ति वही है जिसमें अनाथों और विधवाओं की उनके दुःख दर्द में सुधि ली जाए और स्वयं को कोई सांसारिक कलंक न लगने दिया जाए।
लोग चाहते हैं व्यक्ति विश्वास योग्य और सच्चा हो, इसलिए गरीबी में विश्वासयोग्य बनकर रहना अच्छा है। ऐसा व्यक्ति बनने से जिस पर कोई विश्वास न करे।
ताकि वैसे जी सको, जैसे प्रभु को साजे। हर प्रकार से तुम प्रभु को सदा प्रसन्न करो। तुम्हारे सब सत्कर्म सतत सफलता पावें, तुम्हारे जीवन से सत्कर्मो के फल लगें तुम प्रभु परमेश्वर के ज्ञान में निरन्तर बढ़ते रहो।
जो लोग यहोवा की उपासना करते हैं, यहोवा उनके निकट रहता है। सचमुच जो उसकी उपासना करते है, यहोवा हर उस व्यक्ति के निकट रहता है।
सो इसलिए अपने विश्वास में उत्तम गुणों को, उत्तम गुणों में ज्ञान को, ज्ञान में आत्मसंयम को, आत्मसंयम में धैर्य को, धैर्य में परमेश्वर की भक्ति को, भक्ति में भाईचारे को और भाईचारे में प्रेम को उदारता के साथ बढ़ाते चलो।
खरापन खरे लोगों के जीने का ढंग है। खरे लोग उस राह पर चलते हैं जो सीधी और सच्ची होती है। परमेश्वर, तू उस राह को चलने के लिये सुखद व सरल बनाता है।
बल्कि हम प्रेम के साथ सत्य बोलते हुए हर प्रकार से मसीह के जैसे बनने के लिये विकास करते जायें। मसीह सिर है,
हे यहोवा, अपनी राहों की शिक्षा मुझको दे,। मैं जीऊँगा और तेरे सत्य पर चलूँगा। मेरी सहायता कर। मेरे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण यही है, कि मैं तेरे नाम की उपासना करूँ।
जो लगातार अच्छे काम करते हुए महिमा, आदर और अमरता की खोज में हैं, उन्हें वह बदले में अनन्त जीवन देगा।
इसलिए आओ हम भलाई करते कभी न थकें, क्योंकि यदि हम भलाई करते ही रहेंगे तो उचित समय आने पर हमें उसका फल मिलेगा।
तुम अपने लिये जैसा व्यवहार दूसरों से चाहते हो, तुम्हें दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिये।
वह वस्तु सत्य है, तू इसको किसी भी मोल पर खरीद ले। ऐसे ही विवेक, अनुशासन और समझ भी प्राप्त कर; तू इनको कभी भी किसी मोल पर मत बेच।
हे यहोवा, सनातन काल से तेरे सभी वचन विश्वास योग्य रहे हैं। तेरा उत्तम विधान सदा ही अमर रहेगा।
और फिर जिन्हें ये रहस्य सौंपे हैं, उन पर यह दायित्व भी है कि वे विश्वास योग्य हों।
यहोवा धरती के सब मनुष्यों का निष्पक्ष होकर न्याय करता है। यहोवा सभी जातियों का पक्षपात रहित न्याय करता है।
परमेश्वर के पास आओ, वह भी तुम्हारे पास आएगा। अरे पापियों! अपने हाथ शुद्ध करो और अरे सन्देह करने वालों, अपने हृदयों को पवित्र करो।
जो लोग परमेश्वर का आदेश पालते हैं, वे प्रसन्न रहते हैं। वे व्यक्ति हर समय उत्तम कर्म करते हैं।
हे प्यारे बच्चों, हमारा प्रेम केवल शब्दों और बातों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि वह कर्ममय और सच्चा होना चाहिए। इसी से हम जान लेंगे कि हम सत्य के हैं और परमेश्वर के आगे अपने हृदयों को आश्वस्त कर सकेंगे।
अपने पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रख! तू अपनी समझ पर भरोसा मत रख। उसको तू अपने सब कामों में याद रख। वही तेरी सब राहों को सीधी करेगा।
हमें इसका गर्व है कि हम यह बात साफ मन से कह सकते हैं कि हमने इस जगत के साथ और खासकर तुम लोगों के साथ परमेश्वर के अनुग्रह के अनुरूप व्यवहार किया है। हमने उस सरलता और सच्चाई के साथ व्यवहार किया है जो परमेश्वर से मिलती है न कि दुनियावी बुद्धि से।
ये हैं छ: बातें वे जिनसे यहोवा घृणा रखता और ये ही सात बातें जिनसे है उसको बैर: गर्वीली आँखें, झूठ से भरी वाणी, वे हाथ जो अबोध के हत्यारे हैं। ऐसा हृदय जो कुचक्र भरी योजनाएँ रचता रहताहै, ऐसे पैर जो पाप के मार्ग पर तुरन्त दौड़ पड़ते हैं। वह झूठा गवाह, जो निरन्तर झूठ उगलता है और ऐसा व्यक्ति जो भाईयों के बीच फूट डाले।
अब देखो उसे एक ऐसा जीवन जीना चाहिए जिसकी लोग न्यायसंगत आलोचना न कर पायें। उसके एक ही पत्नी होनी चाहिए। उसे शालीन होना चाहिए, आत्मसंयमी, सुशील तथा अतिथिसत्कार करने वाला एवं शिक्षा देने में निपूण होना चाहिए।
तेरे सब आदेशों का बहुत सावधानी से मैं पालन करता हूँ। मैं झूठे उपदेशों से घृणा करता हूँ।
और आशा हमें निराश नहीं होने देती क्योंकि पवित्र आत्मा के द्वारा, जो हमें दिया गया है, परमेश्वर का प्रेम हमारे हृदय में उँडेल दिया गया है।
इस पर उसने उनसे कहा, “तुम वो हो जो लोगों को यह जताना चाहते हो कि तुम बहुत अच्छे हो किन्तु परमेश्वर तुम्हारे मनों को जानता है। लोग जिसे बहुत मूल्यवान समझते हैं, परमेश्वर के लिए वह तुच्छ है।
कुटिल जनों से, यहोवा घृणा करता है किन्तु वह उनसे प्रसन्न होता है जिनके मार्ग सर्वदा सीधे होते हैं।
बल्कि जैसे तुम्हें बुलाने वाला परमेश्वर पवित्र है, वैसे ही तुम भी अपने प्रत्येक कर्म में पवित्र बनो। शास्त्र भी ऐसा ही कहता है: “पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ।”
अपनी पवित्रता, ज्ञान और धैर्य से, अपनी दयालुता, पवित्र आत्मा के वरदानों और सच्चे प्रेम, अपने सच्चे संदेश और परमेश्वर की शक्ति से नेकी को ही अपने दायें-बायें हाथों में ढाल के रूप में लेकर
क्योंकि जो कोई परमेश्वर की सन्तान बन जाता है, वह जगत पर विजय पा लेता है और संसार के ऊपर हमें जिससे विजय मिली है, वह है हमारा विश्वास।
“अपने लिये धरती पर भंडार मत भरो। क्योंकि उसे कीड़े और जंग नष्ट कर देंगे। चोर सेंध लगाकर उसे चुरा सकते हैं। “इसलिये जब तुम किसी दीन-दुःखी को दान देते हो तो उसका ढोल मत पीटो, जैसा कि आराधनालयों और गलियों में कपटी लोग औंरों से प्रशंसा पाने के लिए करते हैं। मैं तुमसे सत्य कहता हूँ कि उन्हें तो इसका पूरा फल पहले ही दिया जा चुका है। बल्कि अपने लिये स्वर्ग में भण्डार भरो जहाँ उसे कीड़े या जंग नष्ट नहीं कर पाते। और चोर भी वहाँ सेंध लगा कर उसे चुरा नहीं पाते। याद रखो जहाँ तुम्हारा भंडार होगा वहीं तुम्हारा मन भी रहेगा।
इसलिए तुमने जैसे यीशु को मसीह और प्रभु के रूप में ग्रहण किया है, तुम उसमें वैसे ही बने रहो। तुम्हारी जड़ें उसी में हों और तुम्हारा निर्माण उसी पर हो तथा तुम अपने विश्वास में दृढ़ता पाते रहो जैसा कि तुम्हें सिखाया गया है। परमेश्वर के प्रति अत्यधिक आभारी बनो।
तू परमेश्वर की उपासना करता है, सो उस पर भरोसा रख। तू एक भला व्यक्ति है सो इसी को तू अपनी आशा बना ले।
किन्तु हर प्रकार से ऐसा करो कि तुम्हारा आचरण मसीह के सुसमाचार के अनुकूल रहे। जिससे चाहे मैं तुम्हारे पास आकर तुम्हें देखूँ और चाहे तुमसे दूर रहूँ, तुम्हारे बारे में यही सुनूँ कि तुम एक ही आत्मा में दृढ़ता के साथ स्थिर हो और सुसमाचार से उत्पन्न विश्वास के लिए एक जुट होकर संघर्ष कर रहे हो।
मैं तुम्हें ऐसे इसलिए चेता रहा हूँ कि हम सबसे बहुत सी भूल होती ही रहती हैं। यदि कोई बोलने में कोई भी चूक न करे तो वह एक सिद्ध व्यक्ति है तो फिर ऐसा कौन है जो उस पर पूरी तरह काबू पा सकता है?
तो फिर आओ, हम सच्चे हृदय, निश्चयपूर्ण विश्वास अपनी अपराधपूर्ण चेतना से हमें शुद्ध करने के लिए किए गए छिड़काव से युक्त अपने हृदयों को लेकर शुद्ध जल से धोए हुए अपने शरीरों के साथ परमेश्वर के निकट पहुँचते हैं।
मैं अपने पूर्ण मन से परमेश्वर कि सेवा का जतन करता हूँ। परमेश्वर, तेरे आदेशों पर चलने में मेरी सहायता कर।
नेकी निर्दोषों के हेतु मार्ग सरल—सीधा बनाती है, किन्तु दुष्ट जन को उसकी अपनी ही दुष्टता धूलें चटा देती।
किन्तु तुम्हें भी यहोवा का सम्मान करते रहना चाहिये। तुम्हें पूरे हृदय से यहोवा की सेवा सच्चाई के साथ करनी चाहिये। उन अद्भुत कामों को याद रखो जिन्हें उसने तुम्हारे लिये किये।
हे यहोवा, तू मुझको अपनी नेकी का मार्ग दिखा। तू अपनी राह को मेरे सामने सीधी कर क्योंकि मैं शत्रुओं से घिरा हुआ हूँ।
परमेश्वर हर किसी को उसके कर्मों के अनुसार फल देगा। जो लगातार अच्छे काम करते हुए महिमा, आदर और अमरता की खोज में हैं, उन्हें वह बदले में अनन्त जीवन देगा।
वह मनुष्य यदि किसी को धन उधार देता है तो वह उस पर ब्याज नहीं लेता, और वह मनुष्य किसी निरपराध जन को हानि पहुँचाने के लिये घूस नहीं लेता। यदि कोई मनुष्य उस खरे जन सा जीवन जीता है तो वह मनुष्य परमेश्वर के निकट सदा सर्वदा रहेगा।
वह व्यक्ति धन्य है जो परीक्षा में अटल रहता है क्योंकि परीक्षा में खरा उतरने के बाद वह जीवन के उस विजय मुकुट को धारण करेगा, जिसे परमेश्वर ने अपने प्रेम करने वालों को देने का वचन दिया है।
धन्य हैं वे जो नीति के प्रति भूखे और प्यासे रहते हैं! क्योंकि परमेश्वर उन्हें संतोष देगा, तृप्ति देगा।
सो मेरे प्यारे भाइयो, अटल बने डटे रहो। प्रभु के कार्य के प्रति अपने आपको सदा पूरी तरह समर्पित कर दो। क्योंकि तुम तो जानते ही हो कि प्रभु में किया गया तुम्हारा कार्य व्यर्थ नहीं है।
ताकि तुम भोले भाले और पवित्र बन जाओ। तथा इस कुटिल और पथभ्रष्ट पीढ़ी के लोगों के बीच परमेश्वर के निष्कलंक बालक बन जाओ। उन के बीच अंधेरी दुनिया में तुम उस समय तारे बन कर चमको
हे प्रिय मित्रो, क्योंकि हमारे पास ये प्रतिज्ञाएँ हैं। इसलिये आओ, परमेश्वर के प्रति श्रद्धा के कारण हम अपनी पवित्रता को परिपूर्ण करते हुए अपने बाहरी और भीतरी सभी दोषों को धो डालें।
यदि कोई व्यक्ति निष्कलंक हो तो वह सुरक्षित है। यदि वह बुरा व्यक्ति हो तो वह अपनी सामर्थ खो बैठेगा।