एप्रैम अपना रोग देख कर और यहूदा अपना घाव देख कर अश्शुर की शरण पहुँचेंगे। उन्होने अपनी समस्याएँ उस महान राजा को बतायी थी। किन्तु वह राजा तुझे चंगा नहीं कर सकता, वह तेरे घाव को नहीं भर सकता है।
अश्शूर का राजा पूल इस्राएल के विरुद्ध युद्ध करने आया। मनहेम ने पूल को पचहत्तर हज़ार पौंड चाँदी दी। उसने यह इसलिये किया कि पूल मनहेम को बल प्रदान करेगा और जिससे राज्य पर उसका अधिकार सुदृढ़ हो जाये।
अश्शूर का राजा तिग्लत्पिलेसेर इस्राएल के विरुद्ध लड़ने आया। यह वही समय था जब पेकह इस्राएल का राजा था। तिग्लत्पिलेसेर ने इय्योन, अबेल्बेत्माका, यानोह, केदेश, हासोर, गिलाद गालील और नप्ताली के सारे क्षेत्र पर अधिकार कर लिया। तिग्लत्पिलेसेर इन स्थानों से लोगों को बन्दी बनाकर अश्शूर ले गया।
अहाज ने अश्शूर के राजा तिग्लत्पिलेसेर के पास सन्देशवाहक भेजे। सन्देश यह थाः “मैं आपका सेवक हूँ। मैं आपके पुत्र समान हूँ। आएँ, और मुझे अराम के राजा और इस्राएल के राजा से बचायें। वे मुझसे युद्ध करने आए हैं!”
उसे अश्शूर के महान राजा को उपहार देने के लिये उठा ले जाया गया। एप्रैम की लज्जापूर्ण मूर्ति को वह ले लेगा। इस्राएल को अपनी मूर्तियों पर लज्जित होना होगा।
एप्रैम अपना समय नष्ट करता रहता है। इस्राएल सारे दिन, “हवा के पीछे भागता रहता है।” लोग अधिक से अधिक झूठ बोलते रहते हैं, वे अधिक से अधिक चोरियाँ करते रहते हैं। अश्शूर के साथ उन्होंने सन्धि की हुई है और वे अपने जैतून के तेल को मिस्र ले जा रहे हैं।
अश्शूर हमें बचा नहीं पायेगा। हम घोड़ों पर सवारी नहीं करेंगे। हम फिर अपने ही हाथों से बनाई हुई वस्तुओं को, “अपना परमेश्वार” नहीं कहेंगे। क्यों? क्योंकि बिना माँ—बाप के अनाथ बच्चों पर दया दिखाने वाला बस तू ही है।
वह अपने प्रेमियों के पीछे भागेगी किन्तु वह उन्हें प्राप्त नही कर सकेगी। वह अपने प्रेमियों को ढूँढ़ती फिरेगी किन्तु उन्हे ढूँढ़ नहीं पायेगी। फिर वह कहेगी, ‘मैं अपने पहले पति (परमेश्वर) के पास लौट जाऊँगी। जब मैं उसके साथ थी, मेरी जीवन बहुत अच्छा था। आज की अपेक्षा, उन दिनों मेरा जीवन अधिक सुखी था।’