इस्राएल के लोग फिर से मेरे संरक्षण में रहेंगे। उनकी बढ़वार अन्न की होगी, वे अंगूर की बल से फलें—फूलेंगे। वे ऐसे सर्वप्रिय होंगे जैसे लबनोन का दाखमधु है।”
मेरे प्रिय, अन्य युवकों के बीच तुम ऐसे लगते हो जैसे जंगल के पेड़ों में कोई सेब का पेड़! मुझे अपने प्रियतम की छाया में बैठना अच्छा लगता है; उसका फल मुझे खाने में अति मीठा लगता है।
धरती पौधे उगाती है। लोग बगीचों में बीज डालते हैं और वह बगीचा उन बीजों को उगाता है। वैसे ही यहोवा नेकी को उगायेगा। इस तरह मेरा स्वामी सभी जातियों के बीच स्तुति को बढ़ायेगा।
मैं स्वयं इसे इस्राएल में ऊँचे पर्वत पर लगाऊँगा। यह शाखा एक वृक्ष बन जाएगी। इसकी शाखायें निकलेंगी और इसमें फल लगेंगे। यह एक सुन्दर देवदार का वृक्ष बन जाएगा। अनेक पक्षी इसकी शाखाओं पर बैठा करेंगे। अनेक पक्षी इसकी शाखाओं के नीचे छाया में रहेंगे।
मैं तुमसे सत्य कहता हूँ कि जब तक गेहूँ का एक दाना धरती पर गिर कर मर नहीं जाता, तब तक वह एक ही रहता है। पर जब वह मर जाता है तो अनगिनत दानों को जन्म देता है।