मूसा ने लोगों से कहा, “इस दिन को याद रखो। तुम लोग मिस्र में दास थे। किन्तु इस दिन यहोवा ने अपनी महान शक्ति का उपयोग किया और तुम लोगों को स्वतन्त्र किया। तुम लोग खमीर के साथ रोटी मत खाना।
उस समय यहोवा का दूत लोगों के पीछे गया। (यहोवा का दूत प्रायः लोगों के आगे था और उन्हें ले जा रहा था)। इसलिए बादल का स्तम्भ लोगों के आगे से हट गया और उनके पीछे आ गया।
वहाँ मैं उसे अंगूर के बगीचे दूँगा। आशा के द्वार के रूप में मैं उसे आकोर की घाटी दे दूँगा। फिर वह मुझे उसी प्रकार उत्तर देगी जैसे उस समय दिया करती थी, जव वह मिस्र से बाहर आयी थी।”
मैं तुमको बताता हूँ जो मैंने तुम्हारे साथ किया है, मैं तुम्हें मिस्र की धरती से निकाल लाया, मैंने तुम्हें दासता से मुक्ति दिलायी थी। मैंने तुम्हारे पास मूसा, हारून और मरियम को भेजा था।
जब मैं उससे बात करता हूँ तो मैं उसके आमने सामने बात करता हूँ। मैं जो बात कहना चाहता हुँ उसे साफ—साफ कहता हुँ मैं छिपे अर्थ वाले विचित्र विचारों को उसके सामने नहीं रखता और मूसा यहोवा के स्वरूप को देख सकता है। इसलिए तुमने मेरे सेवक मूसा के विरुद्ध बोलने का साहस कैसे किया?”
तब तुम यहोवा अपने परमेश्वर के सामने यह कहोगे: मेरा पूर्वज घुमक्कड़ अरामी था। वह मिस्र पहुँचा और वहाँ रहा। जब वह वहाँ गया तब उसके परिवार में बहुत कम लोग थे। किन्तु मिस्र में वह एक शक्तिशाली बहुत से व्यक्तियों वाला महान राष्ट्र बन गया।
“याकूब मिस्र गया। बाद में, मिस्रियों ने उसके वंशजों का जीवन कष्टमय बना दिया। इसलिए वे सहायता के लिये यहोवा के सामने रोये। यहोवा ने मूसा और हारून को भेजा। मूसा और हारून तुम्हारे पूर्वजों को मिस्र से बाहर निकाल ले आए और इस स्थान में रहने के लिये उनका मार्ग दर्शन किया।