उसे अश्शूर के महान राजा को उपहार देने के लिये उठा ले जाया गया। एप्रैम की लज्जापूर्ण मूर्ति को वह ले लेगा। इस्राएल को अपनी मूर्तियों पर लज्जित होना होगा।
अश्शूर का राजा शल्मनेसेर होशे के विरुद्ध युद्ध करने आया। शल्मनेसेर ने होशे को हराया और होशे शल्मनेसेर का सेवक बन गया। होशे शल्मनेसेर को अधीनस्थ कर देने लगा।
तब मोआब के लोग अपने असत्य देवता कमोश के लिए लज्जित होंगे। इस्राएल के लोगों ने बेतेल में झूठे देवता पर विश्वास किया था और इस्राएल के लोगों को उस समय ग्लानि हुई थी जब उस असत्य देवता ने उनकी सहायता नहीं की थी।
“किन्तु तुम्हारे पूर्वजों ने मेरी एक न सुनी। उन्होंने मुझ पर ध्यान नहीं दिया। वे हठी रहे और उन्होंने उन कामों को किया जो वे करना चाहते थे। वे अच्छे न बने। वे पहले से भी अधिक बुरे बने, वे पीछे को गए, आगे नहीं बढ़े।
तुम उन बुरे कामों को याद करोगे जो तुमने किये। तुम याद करोगे कि वे काम अच्छे नहीं थे। तब तुम अपने पापों और जो भयंकर काम किये उनके लिये तुम स्वयं अपने से घृणा करोगे।”
वह उनके देवताओं की मूर्तियों को ले लेगा। वह उनके धातु के बने मूर्तियों तथा उनकी चाँदी—सोने की बहुमूल्य वस्तुओं पर कब्जा कर लेगा। वह उन वस्तुओं को वहाँ से मिस्र ले जायेगा। फिर कुछ वर्षों तक वह उत्तर के राजा को तंग नहीं करेगा।
एप्रैम अपना रोग देख कर और यहूदा अपना घाव देख कर अश्शुर की शरण पहुँचेंगे। उन्होने अपनी समस्याएँ उस महान राजा को बतायी थी। किन्तु वह राजा तुझे चंगा नहीं कर सकता, वह तेरे घाव को नहीं भर सकता है।
ऐसा क्यों होगा? क्योंकि तुम ओम्री के नियमों पर चलते हो। तुम उन बुरी बातों को करते हो जिनको आहाब का परिवार करता था। तुम उनकी शिक्षाओं पर चला करते हो इसलिये मैं तुम्हें नष्ट भ्रष्ट कर दूँगा। तुम्हारे नगर के लोग हँसी के पात्र बनेंगे। तुम्हें अन्य राज्यों की घृणा झेलनी होगी।