और अब यहोवा कहता है, “तीन वर्ष में (उस रीति से जैसे किराये का मजदूर समय गिनता है) वे सभी व्यक्ति और उनकी वे वस्तुएँ जिन पर उन्हें गर्व था, नष्ट हो जायेंगी। वहाँ बहुत थोड़े से लोग ही बचेंगे, बहुत से नहीं।”
इसलिये तुम्हारी सेनायें युद्ध का शोर सुनेंगी और तुम्हारी गढ़ियाँ ढह जायेंगी। यह वैसा ही होगा जैसे बेतर्बेल नगर को युद्ध के समय शल्मन ने नष्ट कर दिया था। युद्ध के उस समय अपने बच्चों के साथ माताओं की हत्या कर दी गयी थी।
शोमरोन के लोग बेतावेन में बछड़ों की पूजा करते हैं। ऐसे लोगों को वास्तव में विलाप करना होगा। वे याजक वास्तव में विलाप करेंगे क्योंकि उसकी सुन्दर मूर्ति कही चली गई है। उसे कहीं उठा ले जाया गया।
तो फिर क्या इसका यह अर्थ है कि जो उत्तम है, वही मेरी मृत्यु का कारण बना? निश्चय ही नहीं। बल्कि पाप उस उत्तम के द्वारा मेरे लिए मृत्यु का इसलिए कारण बना कि पाप को पहचाना जा सके। और व्यवस्था के विधान के द्वारा उसकी भयानक पापपूर्णता दिखाई जा सके।