इस तरह परमेश्वर के जन उन पापों से अशुद्ध हुए जो अन्य लोगों के थे। वे लोग अपने परमेश्वर के अविश्वासपात्र हुए। और वे लोग वैसे काम करने लगे जैसे अन्य लोग करते थे।
हमारे परमेश्वर यहोवा, तूने उनकी प्रार्थनाओं का उत्तर दिया। तूने उन्हें यह दर्शाया कि तू क्षमा करने वाला परमेश्वर है, और तू लोगों को उनके बुरे कर्मो के लिये दण्ड देता है।
वस्तुओं को जिस प्रकार एक बुद्धिमान व्यक्ति समझ सकता है और उनकी व्याख्या कर सकता है, वैसे कोई भी नहीं कर सकता। उसकी बुद्धि उसे प्रसन्न रखती है। बुद्धि एक दुःखी मुख को प्रसन्न मुख में बदल देती है।
परमेश्वर ने कहा, “मेरे लोग मूर्ख हैं। वे मुझे नहीं जानते। वे बेवकूफ बच्चे हैं। वे समझते नहीं। वे पाप करने में दक्ष हैं, किन्तु वे अच्छा करना नहीं जानते।” विनाश आ रहा है
यह मैं इसलिए बता रहा हूँ क्योंकि एक समय था, जब हम भी मूर्ख थे। आज्ञा का उल्लंघन करते थे। भ्रम में पड़े थे। तथा वासनाओं एवं हर प्रकार के सुख-भोग के दास बने थे। हम दुष्टता और ईर्ष्या में अपना जीवन जीते थे। हम से लोग घृणा करते थे तथा हम भी परस्पर एक दूसरे को घृणा करते थे।