काश, तुम मेरे शिशु भाई होते, मेरी माता की छाती का दूध पीते हुए! यदि मैं तुझसे वहीं बाहर मिल जाती तो तुम्हारा चुम्बन मैं ले लेती, और कोई व्यक्ति मेरी निन्दा नहीं कर पाता!
स्वयं को परमेश्वर के पुत्र का विश्वासपात्र दिखओ। यदि तुम ऐसा नहीं करते, तो वह क्रोधित होगा और तुम्हें नष्ट कर देगा। जो लोग यहोवा में आस्था रखते हैं वे आनन्दित रहते हैं, किन्तु अन्य लोगों को सावधान रहना चाहिए। यहोवा अपना क्रोध बस दिखाने ही वाला है।
मैं तुम्हारी अगुवाई करती और तुम्हें मैं अपनी माँ के भवन में ले आती, उस माता के कक्ष में जिसने मुझे शिक्षा दी। मैं तुम्हें अपने अनार की सुगंधित दाखमधु देती, उसका रस तुम्हें पीने को देती।
वे ही लोग जो पहले तुझको दु:ख दिया करते थे, तेरे सामने झुकेंगे। वे ही लोग जो तुझसे घृणा करते थे, तेरे चरणों में झुक जायेंगे। वे ही लोग तुझको कहेंगे, ‘यहोवा का नगर,’ ‘सिय्योन नगर इस्राएल के पवित्र का है।’
किन्तु, मेरा स्वामी परमेश्वर तुम्हें एक संकेत दिखायेगा: “देखो, एक कुवाँरी गर्भवती होगी और वह एक पुत्र को जन्म देगी। वह इस पुत्र का नाम इम्मानुएल रखेगी।
यह सब कुछ तब घटेगा जब उस विशेष बच्चे का जन्म होगा। परमेश्वर हमें एक पुत्र प्रदान करेगा। यह पुत्र लोगों की अगुवाई के लिये उत्तरदायी होगा। उसका नाम होगा: “अद्भुत, उपदेशक, सामर्थी परमेश्वर, पिता—चिर अमर और शांति का राजकुमार।”
मैं सभी राष्ट्रों को कंपा दूंगा और वे सभी राष्ट्र अपनी सम्पत्ति के साथ तुम्हारे पास आएंगे। तब मैं इस मंदिर को गौरव से भर दूंगा!’ सर्वशक्तिमान यहोवा यह कहता है।
सिय्योन, आनन्दित हो! यरूशलेम के लोगों आनन्दघोष करो! देखो तुम्हारा राजा तम्हारे पास आ रहा है! वह विजय पानेवाला एक अच्छा राजा है। किन्तु वह विनम्र है। वह गधे के बच्चे पर सवार है, एक गधे के बच्चे पर सवार है।
सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, “देखो मैं अपना दूत भेज रहा हूँ। वह मेरे लिए मार्ग तैयार करेगा। यहोवा जिसकी खोज में तुम हो, वह अचानक अपने मंदिर में आयेगा। वाचा का संदेशवाहक सचमुच आ रहा है।”
“शिष्यों! जो कोई तुम्हें सुनता है, मुझे सुनता है, और जो तुम्हारा निषेध करता है, वह मेरा निषेध करता है। और जो मुझे नकारता है, वह उसे नकारता है जिसने मुझे भेजा है।”
“किन्तु मैं तुमसे कहता हूँ जो कोई व्यक्ति सभी के सामने मुझे स्वीकार करता है, मनुष्य का पुत्र भी उस व्यक्ति को परमेश्वर के स्वर्गदूतों के सामने स्वीकार करेगा।
उसी समय वह उस बच्चे और माता-पिता के पास आई। उसने परमेश्वर को धन्यवाद दिया और जो लोग यरूशलेम के छुटकारे की बाट जोह रहे थे, उन सब को उस बालक के बारे में बताया।
जो कोई भी मेरे शब्दों के लिये लज्जित है, उसके लिये परमेश्वर का पुत्र भी जब अपने वैभव, अपने परमपिता और पवित्र स्वर्गदूतों के वैभव में प्रकट होगा तो उसके लिये लज्जित होगा।
यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, “यदि परमेश्वर तुम्हारा पिता होता तो तुम मुझे प्यार करते क्योंकि मैं परमेश्वर में से ही आया हूँ। और अब मैं यहाँ हूँ। मैं अपने आप से नहीं आया हूँ। बल्कि मुझे उसने भेजा है।
परमेश्वर ने संसार में उन्हीं को चुना जो नीच थे, जिनसे घृणा की जाती थी और जो कुछ भी नहीं है। परमेश्वर ने इन्हें चुना ताकि संसार जिसे कुछ समझता है, उसे वह नष्ट कर सके।
क्योंकि सच्चे ख़तना युक्त व्यक्ति तो हम है जो अपनी उपासना को परमेश्वर की आत्मा द्वारा अर्पित करते हैं। और मसीह यीशु पर गर्व रखते हैं तथा जो कुछ शारीरिक है, उस पर भरोसा नहीं करते हैं।
हमारे धर्म के सत्य का रहस्य निस्सन्देह महान है: मसीह नर देह धर प्रकट हुआ, आत्मा ने उसे नेक साधा, स्वर्गदूतों ने उसे देखा, वह राष्ट्रों में प्रचारित हुआ। जग ने उस पर विश्वास किया, और उसे महिमा में ऊपर उठाया गया।