मेरे प्रिय, अन्य युवकों के बीच तुम ऐसे लगते हो जैसे जंगल के पेड़ों में कोई सेब का पेड़! मुझे अपने प्रियतम की छाया में बैठना अच्छा लगता है; उसका फल मुझे खाने में अति मीठा लगता है।
जागो, हे उत्तर की हवा! आ, तू दक्षिण पवन! मेरे उपवन पर बह। जिससे इस की मीठी, गन्ध चारों ओर फैल जाये। मेरा प्रिय मेरे उपवन में प्रवेश करे और वह इसका मधुर फल खाये।
वे मुझे प्रसन्न करेंगे। मैं उनका भला करने में आनन्दित होऊँगा और मैं, निश्चय ही, उन्हें इस धरती में बसाऊँगा और उन्हें बढ़ाऊँगा। यह मैं अपने पूरे हृदय और आत्मा से करूँगा।’”
अंगूर की बेलें सूख गयी हैं और अंजीर के पेड़ मुरझा रहे हैं। अनार के पेड़ खजूर के पेड़ और सेब के पेड़—बगीचे के ये सभी पेड़ सूख गये हैं। लोगों के बीच में प्रसन्नता मर गयी है।