मेरे ऊपर से तू आँखें हटा ले! तेरे नयन मुझको उत्तेजित करते हैं! तेरे केश लम्बे हैं और वे ऐसे लहराते है जैसे गिलाद की पहाड़ी से बकरियों का झुण्ड उछलता हुआ उतरता आता हो।
राह किनारे उसने अंजीर का एक पेड़ देखा सो वह उसके पास गया, पर उसे उस पर पत्तों को छोड़ और कुछ नहीं मिला। सो उसने पेड़ से कहा, “तुझ पर आगे कभी फल न लगे!” और वह अंजीर का पेड़ तुरंत सूख गया।