अत: राजा रहूबियाम ने उनके स्थान पर रखने के लिये अनेक ढालें बनवाई। किन्तु ये ढालें काँसे की थीं, सोने की नहीं। उसने ये ढालें उन पुरुषों को दीं जो महल के द्वारों की रक्षा करते थे।
तब एलीशा ने प्रार्थना की और कहा, “यहोवा, मैं तुझसे प्रार्थना करता हूँ कि तू मेरे सेवक की आँखें खोल जिससे वह देख सके।” यहोवा ने युवक की आँखे खोलीं और सेवक ने देखा कि पूरा पर्वत अग्नि के घोड़ों और रथों से ढका पड़ा था। वे सभी एलीशा के चारों ओर थे!
सो मैंने परकोटे की दीवार के साथ—साथ जो स्थान सबसे नीचे पड़ते थे, उनके पीछे कुछ लोगों को नियुक्त कर दिया तथा मैंने दीवार में जो नाके पड़ते थे, उन पर भी लोगों को लगा दिया। मैंने समूची दीवारों को उनकी तलवारों, भालों और धनुष बाणों के साथ वहाँ लगा दिया।
यह कुमारी कौन है जो मरुभूमि से लोगों की इस बड़ी भीड़ के साथ आ रही है? धूल उनके पीछे से यूँ उठ रही है मानों कोई धुएँ का बादल हो। जो धूआँ जलते हुए गन्ध रस, धूप और अन्य गंध मसाले से निकल रही हो।
शाऊल अपने जीवन भर वीर रहा और पलिश्तियों के विरुद्ध दृढ़ता से लड़ा। शाऊल जब भी कभी किसी व्यक्ति को ऐसा वीर देखता जो शक्तिशाली होता तो वह उसे ले लेता और उसे उन सैनिकों की टुकड़ी में रखता जो उसके समीप रहते और उसकी रक्षा करते थे।
दाऊद ने उत्तर दिया, “निश्चय ही! तब आप स्वयं ही देखें कि मैं क्या कर सकता हूँ!” आकीश ने कहा, “बहुत अच्छा, मैं तुम्हें अपना अंगरक्षक बनाऊँगा। तुम सदा मेरी रक्षा करोगे।”