मूसा ने आशेर के बारे में कहाः “आशेर को पुत्रों में सर्वाधिक है आशीर्वाद, उसे निज भ्राताओं में प्रिय होने दो और उसे अपने चरण तेल से धोने दो।
“आशेर की भूमि बहुत अच्छी उपज देगी। उसे वही भोजन मिलेगा जो राजाओं के लिए उपयुक्त होगा।”
ऐसा तब था जब मेरा जीवन बहुत अच्छा था, ऐसा लगा करता था कि दूध—दही की नदियाँ बहा करती थी, और मेरे हेतू चट्टाने जैतून के तेल की नदियाँ उँडेल रही हैं।
यहोवा तुझको वरदान दिया करता है! यहोवा ने ही स्वर्ग और धरती बनाये हैं!
घर पर तेरी घरवाली अंगूर की बेल सी फलवती होगी। मेज के चारों तरफ तेरी संतानें ऐसी होंगी, जैसे जैतून के वे पेड़ जिन्हें तूने रोपा है।
तू अपने नाती पोतों को देखने के लिये जीता रहे यह मेरी कामना है। इस्राएल में शांति रहे।
उसी रात को तुम्हें सारा माँस अवश्य खा लेना चाहिए। यदि थोड़ा माँस सबेरे तक बच जाये तो उसे आग में अवश्य ही जला देना चाहिए।
और उसने उसे सभी विपत्तियों से बचाया। परमेश्वर ने यूसुफ़ को विवेक दिया और उसे इस योग्य बनाया जिससे वह मिसर के राजा फिरौन का अनुग्रह पात्र बन सका। फिरौन ने उसे मिसर का राज्यपाल और अपने घर-बार का अधिकारी नियुक्त किया।
जो मसीह की इस तरह सेवा करता है, उससे परमेश्वर प्रसन्न रहता है और लोग उसे सम्मान देते हैं।
कि मैं यहूदियों में अविश्वासियों से बचा रहूँ और यरूशलेम के प्रति मेरी सेवा को परमेश्वर के पवित्र जन स्वीकार करें।
ये नगर व उनके खेत आशेर परिवार समूह को दिये गए प्रदेश के भाग थे। उस परिवार समूह में हर एक परिवार ने इस भूमि का कुछ भाग पाया।